उत्तर प्रदेश के सपा नेता और 'चाचा' शिवपाल सिंह यादव ने अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा स्थानीय निकाय चुनावों में के हार के लिए ईवीएम को दोषी ठहराने के आरोप को गलत बताते हुए कहा सपा की हार का कारण कमजोर पार्टी संगठन है। उन्होंने कहा ईवीएम से छेड़छाड़ करने का कोई सबूत नहीं है, यह सब जंगली आरोप हैं । शिवपाल सिंह ने कहा यदि विधानसभा चुनावों के दौरान ईवीएम में कोई छेड़छाड़ हुई थी, तो मैंने जसवंतनगर सीट से भाजपा के उम्मीदवार को पराजित कर एक विशाल अंतर जीत कैसे हांसिल की। उन्होंने हाल के चुनावों पराजय का कारण पार्टी द्वारा कमजोर उम्मीदवारों को मैदान में उतारना भी बताया। शिवपाल ने योगी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि प्रदेश में बीजेपी सरकार सहकारी संस्कृति को नष्ट कर चुकी है। इससे स्पष्ट होता है कि यह लोकतंत्र में विश्वास नहीं करती है।
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9 दिसंबर 2017
16 अक्टूबर 2017
सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी घोषित,मुलायम सिंह को कोई स्थान नहीं
सपा की घोषित 55 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी में संस्थापक मुलायम सिंह यादव का नाम नदारत है। कार्यकारिणी की घोषणा अखिलेश यादव ने की। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में नरेश अग्रवाल, आजम खां ,इंद्रजीत सरोज समेत दस महासचिव, संजय सेठ कोषाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी, कमाल अख्तर और अभिषेक मिश्र समेत दस सचिव, जया बच्चन, अहमद हसन तथा रामगोविन्द चौधरी समेत 25 सदस्य तथा छह विशेष आमंत्रित सदस्यों के नाम हैं। साथ ही किरणमय नंदा को उपाध्यक्ष बनाये रखा गया है। मुलायम सिंह के बारे में पार्टी के प्रांतीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि इस बारे में वह कुछ नहीं कह सकते। राजेंद्र चौधरी बताया इतना जरूर है कि हमारी पार्टी के संविधान में संस्थापक पद का कोई प्रावधान नहीं है।
8 अक्टूबर 2017
काफी समय बाद अखिलेश और मुलायम एक साथ बैठे दिखाई दिए
सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव पार्टी के राष्ट्रीय सम्मलेन में तो नहीं आये थे किन्तु उनके पुत्र अखिलेश यादव सपा के फिर से अध्यक्ष बनने के बाद लखनऊ में अपने पिता से मिले। अब तक दोनों के बीच सम्बन्ध ठन्डे चल रहे थे। किन्तु अखिलेश ने अपने पिता से इस मीटिंग का फोटो ट्विटर पर साझा भी किया। ट्विटर पर साझा की गई इस फोटो से ऐसा लग रहा है कि अब पार्टी में सब कुछ ठीक होने जा रहा है। बताया जाता है कि तीन महीने बाद अखिलेश और मुलायम सिंह एक साथ बैठे दिखाई दिए हैं । मुलायम के आगरा में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में आने की पूरी उम्मीद थी लेकिन अंतिम समय पर उनका मूड बदल गया ।
29 सितंबर 2017
अखिलेश मनाने में लगे हैं मुलायम को, दिख सकते हैं एक साथ मंच पर आगरा में
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव को सपा की आगरा में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में आमंत्रित किया है । सपा के एमएलसी, सुनील सिंह साजन ने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि नेताजी इस बैठक में अवश्य शामिल होंगे। । यदि मुलायम सिंह ने अखिलेश का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है, तो शायद यह पहली बार हो सकता है जब मुलायम सिंह और अखिलेश दोनों एक साथ मंच पर दिखाई दें। 25 राज्यों के लगभग 15,000 कार्यकर्ताओं के राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में भाग लेने की उम्मीद की जा रही है। इस बैठक में अखिलेश यादव को अगले पांच सालों तक सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाएगा। मार्च में आयोजित विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद, उन्होंने राज्य और राष्ट्रीय प्रमुख की अवधि तीन वर्ष से बढ़ाकर पांच वर्ष संशोधित की थी।
28 जुलाई 2017
सपा को बचाने के लिए मुलायम का नेतृत्व स्वीकार करें अखिलेश - शिवपाल
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सपा नेता शिवपाल यादव |
सपा नेता शिवपाल यादव ने कहा कि प्रदेश और पार्टी बचाना अब अखिलेश के हाथ में है। उन्होंने कहा यदि अखिलेश नेताजी मुलायम सिंह का नेतृत्व स्वीकार कर लेते हैं तो पार्टी और प्रदेश दोनों को बचाया जा सकता है। वह आजमगढ़ में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। सपा नेता इन दिनों प्रदेशव्यापी दौरे पर निकले हुए हैं।शिवपाल ने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था में सरकार को बहुत सुधार करने की आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश के युवा ,गरीब, किसान बहुत परेशान हैं। मोदी सरकार के नोटबंदी और उसके बाद जीएसटी लागू होने से प्रदेश के व्यापारी वर्ग में भारी निराशा का माहौल है। शिवपाल प्रदेश में जनसम्पर्क द्वारा समाजवादी विचारधारा से जुड़े लोगों को एकजुट करने में लगे हैं।
19 जून 2017
आखिर अखिलेश से मुलायम की नाराजगी कब होगी खत्म
अखिलेश यादव के रोजा इफ्तार कार्यक्रम में मुलायम सिंह यादव, आजम खां, चाचा शिवपाल यादव नहीं दिखाई दिए । इससे यह महसूस किया जा रहा है कि दोनों खेमों के बीच तनाव अभी कम नहीं हुआ है। दोनों के बीच नाराजगी अभी भी बनी हुई है। यह नाराजगी गत एक जनवरी को हुए सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में मुलायम की जगह अखिलेश को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिए जाने से जोर पकड़ी थी। शिवपाल को सपा के प्रान्तीय अध्यक्ष पद से हटा देना जैसे और अन्य मुद्दों के कारण दरार और बढ़ गई थी। अखिलेश के इस इफ्तार कार्यक्रम में मुलायम सिंह यादव और चाचा तो नहीं आए किन्तु खालिद रशीद फरंगी महली, जफरयाब जीलानी जैसे मुस्लिम नेता के अलावा स अहमद हसन, किरणमय नन्दा जैसे धुरंदर सपा नेता अवश्य आये।
4 जून 2017
शिवपाल नहीं चाहते थे अमर सिंह की सपा में बापसी
सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने कुछ खुलकर बातें कहीं। बता दें नेताजी मुलयम सिंह के करीब माने वाले राज्यसभा सदस्य अमर सिंह हमेशा पार्टी की आंतरिक खींच तान में कई बार अपमानित हो चुके हैं। 2016 में शिवपाल अमरसिंह की सपा में वापसी के पक्ष में नहीं थे। शिवपाल ने बताया कि मैंने अमर सिंह को सपा में न आने की सलाह दी थी। क्योकि मुझे अनुमान था कि उन्हें पार्टी में सम्मान मिलने वाला नहीं था। मैं सोचता हूँ कि जिस जगह रेस्पेक्ट न मिले वहां से दूर रहना चाहिए। अगले महीने शिवपाल सिंह समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाने जा रहे हैं। क्या अमर सिंह भी इस मोर्चे में शामिल होंगे पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस बारे में अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। मोर्चा के चुनाव मैदान में कूदने के बारे में उन्होंने साफ़ किया की लोकसभा चुनाव अभी दूर हैं, अभी इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है।
20 जनवरी 2017
चुनाव से पहले ही अखिलेश ने कांग्रेस के साथ खेला दोगला खेल
सपा द्वारा 191 उम्मीदवारों की घोषित लिस्ट से लगता है कि वह कांग्रेस के साथ दोगला खेल खेल रही है। इस लिस्ट में सपा ने उन स्थानों से अपने ही उम्मीदवार खड़े कर दिए हैं जहाँ से कांग्रेस अपने उम्मीदवार खड़े करना चाहती थी। नाखुश कांग्रेस प्रदेश अध्य्क्ष राज बब्बर दिल्ली रवाना हो गए हैं। लगता है प्रश्न फिर खड़ा हो गया कि कांग्रेस सपा के साथ गठबंधन करेगी या नहीं। कांग्रेस चुनाव समिति ने इस सम्बन्ध में एक विशेष मीटिंग दिल्ली में बुलाई है। जिसमें यह तय हो सकता है कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी गठबंधन कर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में लड़ेंगी या नहीं। बताया जाता कि अब सपा कांग्रेस को घटाकर सिर्फ 80 विधानसभा सीटें ही देना चाहती है।
30 दिसंबर 2016
उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री की घोषणा शायद कल करेंगे मुलायम
उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने अपने पुत्र मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को छह साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया।
पार्टी महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव को भी छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। और उनके सरे पद छीन लिए हैं । निष्काशन से पूर्व अखिलेश और रामगोपाल को मुलायम सिंह यादव की सहमति के बिना उम्मीदवारों की सूची रिलीज के बाद कारण बताओ नोटिस दिए गए थे । इसके तुरंत बाद राम गोपाल ने पार्टी की एक राष्ट्रीय मीटिंग बुलाई थी।
मुलायम ने कहा रामगोपाल को राष्ट्रीय अध्यक्ष की सहमति के बिना इस तरह की बैठक बुलाने का कोई अधिकार नहीं है । मुलायम सिंह ने कहा कि राम गोपाल यादव ने पार्टी को छतिग्रस्त किया है और अखिलेश यादव को गुमराह किया है। पूछे जाने पर अगले मुख्यमंत्री के रूप में अखिलेश यादव की जगह कौन लेगा , इसपर मुलायम सिंह ने कहा इसपर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है।
रामगोपाल यादव ने इसे असंवैधानिक बताया । मुलायम सिंह और अखिलेश यादव ने अलग अलग मीटिंग बुलाई हैं।
29 दिसंबर 2016
सपा की जीत के बाद भी क्या अखिलेश फिर से मुख्यमंत्री बन पाएंगे
मुलायम कह चुके हैं कि उम्मीदवारों की लिस्ट में कोई भी बदलाव नहीं होगा। जारी की गई लिस्ट ही फाइनल है। उधर अखिलेश के लिए परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। उनके गुट के सारे मुलायम और शिवपाल से नाराज़ नेता इंतज़ार में हैं कि वो कुछ न कुछ करें। सपा के भीतर शिवपाल की ताकत बढ़ती जा रही है। यदि सपा उत्तर प्रदेश चुनावों में जीतती है तो सवाल उठता है कि क्या अखिलेश यादव फिर से मुख्यमंत्री बन पाएंगे। बात साफ है अखिलेश की तुलना में शिवपाल के ज्यादा विधायक होंगे। एक बार दोनों फिर से आमने सामने खड़े हुए हैं। अखिलेश नोजवान हैं। नरेद्र मोदी की तरह उत्तर प्रदेश को डिजटल प्रदेश बना सकते हैं। प्रदेश के युवाओं को उनसे काफी उम्मीदें हैं। देखना है कि वह अपने समर्थकों के साथ क्या निर्णय लेते हैं।
20 अगस्त 2016
सपा मुलायम संदेश रथयात्रा 10 सितम्बर शुरू करेगी
--22 नवम्बर को सपा मुखिया के जन्म दिवस पर लखनऊ मे होगी विशाल रैली
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(मुलायम संदेश यात्रा रथ) |
आगरा : उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के द्वारा अब तक
घोषित किये जा चुके प्रत्याशियों कों चुनावी अभियान के लिये सक्रिय करने केे लिये पार्टी ने मुलायम संदेश
यात्रा निकालने का निर्णय किया है। दो रथ इसमें शामिल होंगे, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव किरनमय नंदा और युवजन सभा के
राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास यादव के साथ पार्टी के कई दूसरे बडे नेता इन रथों के सार्थियों
में होंगे। संदेश यात्रा चार चरणों में निकलेगी
10 मई 2016
सपा की दस दिवसीय जनसन्देश साइकिल यात्रा संपन्न
--2017 के लक्ष्य बताये , प्रदेश
रकार की उपलब्धियों का स्मरण करवाया
आगरा: समाजवादी पार्टी के चुनावी अभियान की औपचारिक शुरूआत भले
ही कुछ दिन बाद हो किन्तु पार्टी
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(सपा महानगर अध्यक्ष रईसुदीन, ,पर्टी प्रत्याशी कुन्दनिका शर्मा] श्रीमती रोली तिवारी मिश्रा अौौर जायिद कुरैशी-फोटो:असलम सलीमी) |
का ‘वार्म-अप’ चरण पूरा हो गया। दक्षिण और उत्तरी विधान सभाई क्षेत्रों के पार्टी समर्थकों ने महानगर के मुख्य मार्ग
होकर साइकिल रैली निकाली।उत्तर क्षेत्र की प्रत्याशी श्रीमती कुन्दनिका शर्मा
और दक्षिणी विधान सभाई क्षेत्र की प्रत्याशी श्रीमती रोली तिबारी मिश्रा
जननता के बीच मुख्याकर्षण रही1 ‘
साइकिल रैली के अंत में बजीरपुरा चौराहे पर हुई जनसभा को सम्बोधित
करते हुए पार्टी के महानगर
26 मार्च 2016
राज्यपाल के आजम खां पर हमले के बाद सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने किया जबाबी हमला
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक द्वारा विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री आजम खां की कथित विवादित टिप्पणी पर कहा था कि आजम खां ने विधानसभा की गरिमा, मर्यादा और परम्परा का कतई ध्यान नहीं रखा। सपा के प्रान्तीय प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने आजम खां बचाव में राज्यपाल राम नाईक पर पलटवार किया और कहा कि उनकी योग्यता पर सवाल खड़ा करना उचित नहीं है।राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री आजम खां के चरित्र पर सवाल उठाने के पीछे वे ताकतें हैं जो साम्प्रदायिकता के सहारे अपनी राजनीति की रोटियां पकाते हैं।
4 जनवरी 2016
अखिलेश यादव ने किया 3 नेताओं को सपा से बर्खास्त
लखनऊ। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण गोरखपुर इकाई के पूर्व जिला अध्यक्ष राममिलन यादव, पूर्व उपाध्यक्ष कुंवर प्रताप सिंह और जिला कार्रकारिणी सदस्य मुख्तार अहमद खान को पार्टी द्वारा बर्खास्त कर दिया है। निष्कासित किए गए तीनों पदाधिकारी गोरखपुर की लोकल राजनीति में खास पकड़ रखते हैं। यह जानकारी पार्टी के...
10 अप्रैल 2015
विधान परिषद में भी बढने जा रही है सपा की ताकत
--दस सपाईयों को नामित होने का अवसर मिलेगा
--सपाईयों से कही आगे हैं कविपुत्र और कुछ पत्रकार भी नामित होने के अभ्यार्थियों की लाइन में
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(वि प में बसपा नेता नसीमुद्दीन सिद्दकी) |
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(स्पीकर गणेष शंकर पाण्डेय) |
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(मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी वि प के सदस्य हैं) |
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(सपा दल नेता अहमद हसन) |
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