समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह ने रामगोपाल यादव को लोहिया ट्रस्ट के सचिव पद से हटाकर अपने पुत्र अखिलेश यादव को एक और झटका दे डाला। पारवारिक कलह का कोई अंत नहीं नज़र आ रहा है। दोनों ही एक दूसरे को झटके पर झटका देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। रामगोपाल यादव के स्थान पर मुलायम ने अब अपने विश्वस्त शिवपाल यादव को यह पद दिया है। लोहिया ट्रस्ट के अध्यक्ष खुद मुलायम सिंह यादव हैं और यह ट्रस्ट एक गैर राजनीतिक संस्था है। लोहिया ट्रस्ट की मीटिंग में अखिलेश और रामगोपाल यादव दोनों ही गैर हाज़िर थे।
मुलायम सिंह लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
मुलायम सिंह लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
21 सितंबर 2017
28 जुलाई 2017
सपा को बचाने के लिए मुलायम का नेतृत्व स्वीकार करें अखिलेश - शिवपाल
![]() |
सपा नेता शिवपाल यादव |
सपा नेता शिवपाल यादव ने कहा कि प्रदेश और पार्टी बचाना अब अखिलेश के हाथ में है। उन्होंने कहा यदि अखिलेश नेताजी मुलायम सिंह का नेतृत्व स्वीकार कर लेते हैं तो पार्टी और प्रदेश दोनों को बचाया जा सकता है। वह आजमगढ़ में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। सपा नेता इन दिनों प्रदेशव्यापी दौरे पर निकले हुए हैं।शिवपाल ने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था में सरकार को बहुत सुधार करने की आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश के युवा ,गरीब, किसान बहुत परेशान हैं। मोदी सरकार के नोटबंदी और उसके बाद जीएसटी लागू होने से प्रदेश के व्यापारी वर्ग में भारी निराशा का माहौल है। शिवपाल प्रदेश में जनसम्पर्क द्वारा समाजवादी विचारधारा से जुड़े लोगों को एकजुट करने में लगे हैं।
10 फ़रवरी 2017
सपा के झगड़े में मुझे विलेन बताकर बुरी गलियां दी गई थीं - अमर सिंह
मुलायम और अखिलेश के झगड़ों के बीच सांसद अमर सिंह मानसिंक रूप से बहुत परेशान हो चुके हैं। उन्होंने कहा यदि मैं मुलायम सिंह से मिलने जाता हूँ तो लोग कहने लगते हैं कि मैं उनको भड़का रहा हूँ। इसी कारण मैंने अब नेताजी से मिलना बंद कर दिया है। अब मैंने कह दिया है यदि नेताजी मुझसे मिलना चाहते हैं तो अखिलेश के चेनल से मिलें क्योंकि वे ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। जब पार्टी के भीतर लड़ाई हुई तो इसके लिए मुझे जिम्मेदार बताते हुए विलेन की तरह पेश किया गया। अमर सिंह ने कहा इस झगड़े में मुझे काफी अपमानित किया गया था। यहाँ तक मुझे काफी नीचे स्तर की गलियां और अपशब्द सुनने पड़े। जिन्हें मैं आसानी से नहीं भूल सकता हूँ। किन्तु उन्होंने एक बात साफ कही कि उनके और नेताजी के बीच दूरी कभी बड़ी नहीं है। मैं उनके हमेशा नज़दीक हूँ। अमर सिंह साहिबाबाद विधानसभा सीट पर वोट डालने के लिए आये थे।
3 फ़रवरी 2017
मुलायम भी करेंगे चुनाव प्रचार 9 फरवरी से
मुलायम सिंह 9 फरवरी से शिवपाल सिंह यादव की रैली से चुनाव प्रचार का शुभारम्भ करेंगे। इससे पूर्व उन्होंने घोषणा की थी कि वह सपा कांग्रेस के गठबंधन के मंच से नहीं प्रचार करेंगे। उन्होंने कहा था कि वह इस गठबंधन से बिलकुल खुश नहीं हैं। बताया जाता है कि इसके बाद वह अखिलेश के लिए प्रचार करूंगा। असमंजस स्थिति में फंसे मुलायम ने फिर से कहा कि अखिलेश के साथ मेरा कोई मतभेद नहीं है और में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन के सभी उम्मीदवारों को अपना आशीर्वाद दूंगा और 9 तारीख से एसपी-कांग्रेस गठबंधन के लिए प्रचार करूँगा । नाराज़ मुलायम अब अपने लड़के के प्रति मुलायम होते नज़र आ रहे हैं। मुलायम ने 9 तारीख को जसवंतनगर से शिवपाल यादव के लिए प्रचार की घोषणा कर चुके हैं किन्तु अखिलेश यादव के साथ रैली का कार्यक्रम बाद में निधारित करेंगे ।
20 अगस्त 2016
सपा मुलायम संदेश रथयात्रा 10 सितम्बर शुरू करेगी
--22 नवम्बर को सपा मुखिया के जन्म दिवस पर लखनऊ मे होगी विशाल रैली
![]() |
(मुलायम संदेश यात्रा रथ) |
आगरा : उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के द्वारा अब तक
घोषित किये जा चुके प्रत्याशियों कों चुनावी अभियान के लिये सक्रिय करने केे लिये पार्टी ने मुलायम संदेश
यात्रा निकालने का निर्णय किया है। दो रथ इसमें शामिल होंगे, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव किरनमय नंदा और युवजन सभा के
राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास यादव के साथ पार्टी के कई दूसरे बडे नेता इन रथों के सार्थियों
में होंगे। संदेश यात्रा चार चरणों में निकलेगी
31 जनवरी 2016
मुलायम से मेरा दिल का रिश्ता - अमर सिंह
वरिष्ठ नेता अमर सिंह के समाजवादी पार्टी में वापसी की चर्चाएँ काफी समय से चल रही हैं। लखनऊ आने पर उनसे सपा में बापसी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने सिर्फ यह कहा सपा प्रमुख मुलायम सिंह मेरे बड़े भाई थे, हैं और हमेशा रहेंगे। अमर सिंह ने सपा नेता आजम खान पर चुटकी लेते हुए कहा कि चुनावी साल में आजम समाजवादी पार्टी की जरूरत हैं। आगे उन्होने यह भी कहा ‘भले ही मैं इस समय सपा में नहीं हूं लेकिन मुलायम से मेरा दिल का रिश्ता है। अखिलेश यादव मेरे भतीजे थे, हैं और रहेंगे। विधायक या सांसद का पद इस रिश्ते के सामने बहुत छोटी चीज है।
सदस्यता लें
संदेश (Atom)