फ्रांस के युवाओं की संस्था ' प्लास्टिक अटैक ' ने "जीरो प्लास्टिक" और "जीरो वेस्ट" का जन जागरूक अभियान चलाया हुआ है। उनका कहना है कि दुनिया का हर आदमी जानता है कि हम सीमित संसाधनों वाले एक ग्रह पर रहते हैं, यही कारण है कि विश्व सभी देशों को के "ऑल-डिस्पोजेबल" के युग से बाहर निकलना आवश्यक है। भारत भी एक वर्ष में लगभग 4 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न करता है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इनमें से 40% से 70% के बीच पुनर्नवीनीकरण नहीं किया जाता है। इन युवाओं का मानना है कि अब हमें और देर नहीं करना चाहिए। फ्रांस की प्लास्टिक अटैक एसोसिएशन ने स्रोत पर प्लास्टिक के उपयोग को कम करने का कार्य स्वयं निर्धारित किया है। लोगों को जागरूक करने के लिए ये युवा अपने इस कदम से लोगों के दैनिक जीवन में प्लास्टिक की सर्वव्यापी उपस्थिति को दिखाना चाहते हैं ताकि खरीददार भी देख सकें कि एक आदमी एक महीने में कितनी प्लास्टिक इस्तेमाल करता है ।
1 जून 2023
31 मई 2023
ताजमहल ही नहीं अन्य बहुत से दर्शनिय स्मारक भी हैं आगरा में
--पर्यटन विकास के लिये अन्य दर्शनिय स्मारकों पर भी फुटफाल बढना जरूरी
प्राप्त आधिकारिक जानकारी केअनुसार ए0एस0आई के द्वारा आगरा के स्मारकों से 7 वर्ष में 560.64 करोड़ रूपये प्राप्त हुए जिसमें से अकेले ताजमहल से प्राप्त राजस्व रू0 334.55 करोड़
30 मई 2023
रिवर टूरिज्म को विकसित करने के लिये यमुना नदी में क्रूज चलाये जायें
--घाटों की हो मरम्मत,रिवर फ्रंट ब्यूटिफिकेशन को हो कार्य यमुना नदी मेंतैरता क्रूज:काश संभव हो सके।
चैंबर का सुझाव है कि यमुना नदी में यह क्रुज सेवा मथुरा और बटेश्वर के बीच शुरू की जाये। । चैम्बर की टूरिज्म सैल के -को चेयरमैन राहुल जैन ने कहा है कि वाराणसी में 'गंगा विलास ' क्रूज सेवा पर्यटकों के लिये स्थायी आकर्षण साबित हुई है।
चैंबर के अध्यक्ष राजेश गोयल ने 'टूरिज्म सैल ' की
29 मई 2023
पहली बार ब्रिटिश-भारतीय लॉर्ड मेयर चुने गए पंजाब के एनआरआई चमन लाल
लंदन - पार्षद चमन लाल बर्मिंघम के लॉर्ड मेयर बने। उनका जन्म होशियार पुर जिले, पंजाब, भारत में पखोवाल नामक गाँव में हुआ था। लाल के पिता 1954 में इंग्लैंड आने के बाद ब्रिटिश स्टील के विभिन्न उद्योगों में नौकरी करते हुए लेकर बर्मिंघम में बस गए।चमन अपनी मां सरदारनी जय कौर के साथ 1964 में इंग्लैंड आए और अपने पिता की तरह वह हमेशा बर्मिंघम में रहे, इसलिए वे वास्तव में एक ब्रम्मी हैं।
श्री लाल ने वेस्ट मिडलैंड्स ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी में कई वर्षों तक सेवा की है और सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाने में उनकी गहरी रुचि ली । ट्रांसपोर्ट स्क्रूटनी कमेटी के अध्यक्ष के रूप में, उन्होंने WMPTA के लिए सर्वश्रेष्ठ ई-टिकटिंग समाधान के लिए सिफारिशें करने सहित कई टास्क और फिनिश समूहों का नेतृत्व किया, जिसके कारण वेस्ट मिडलैंड्स क्षेत्र में संपर्क रहित यात्रा (स्विफ्ट कार्ड) की शुरुआत हुई। उनकी अन्य नीति समीक्षाओं के परिणामस्वरूप रात की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ सुबह के श्रमिकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए देर रात और सुबह की बस सेवाएं अधिक हुईं।
हिलेरी और तेनजिंग ने 70 वर्ष पूर्व माउंट एवरेस्ट की चोटी पर फहराया था पहला झंडा
सत्तर साल पहले 29 मई 1953 को सुबह 11.30 बजे, हिलेरी और तेनजिंग ने माउंट एवरेस्ट की चोटी पर झंडा लगाने वाले पहले पर्वतारोही के रूप में विश्व इतिहास रचा था। इस अवसर पर उनकी याद में तेनजिंग के बेटे जैमलिंग और एडमंड हिलेरी के बेटे पीटर संयुक्त रूप से नेपाल के लुकला में तेनजिंग हिलेरी हवाई अड्डे पर अपने पिताओं की मूर्तियों का उद्घाटन करेंगे और सिक्के जारी करेंगे। न्यूजीलैंड और हिलेरी स्कूल में एक कार्यक्रम के लिए रविवार को नेपाल के खुमजुंग में थे।शक्ति, संगठन, तप, अनुभव, भाग्य और दृढ़ संकल्प का संयोजन उनकी सफलता की कुंजी थी । ब्रिटिश माउंट एवरेस्ट अभियान के सदस्यों के रूप में हिलेरी और तेनजिंग ने पृथ्वी पर उच्चतम स्थान पर उस अंतिम शिखर कदम के साथ, चढ़ाई कर मानव शारीरिक क्षमता की ज्ञात सीमाओं से परे ऊंचाई और धीरज बाधाओं को तोड़ दिया। जॉन हंट के नेतृत्व में इस माउंट एवरेस्ट अभियान का आयोजन किया गया था।
28 मई 2023
महत्वपूर्ण पर्यटक आकर्षण बन चुकी है ऊंट दौड़ दुबई में
ऊंट दौड़ अब दुबई का खास आकर्षण बन चुकी है। ये जानवर हमेशा बेडौइन संस्कृति और जीवन शैली का एक अभिन्न अंग रहे हैं। ऊंटों ने जनजातियों को भोजन, कपड़े, परिवहन और ऊंट दौड़ के रूप में मनोरंजन दिया है । मानवाधिकारों और जानवरों के इलाज पर बहुत विवाद चल रहा है फिर भी यह परंपरा दुबई में प्रमुख अनुभवों में से एक रही है। बताया जाता है ऊंट दौड़ में सभी प्रकार के ऊंट भाग नहीं ले सकते हैं, लेकिन केवल चयनित नस्लें जिनमें संयुक्त अरब अमीरात, ओमान और सूडान की मूल नस्लें शामिल हैं। इसके अलावा, रेसिंग ऊंटों को कम उम्र से ही प्रशिक्षित किया जाता है। वे एक विशेष आहार पर व्यायाम करते हैं और खाते हैं जिसमें खजूर, जई, चोकर और गाय का दूध होता है। दौड़ से पहले हर ऊंट का पूरा मेडिकल चेकअप होता है।
अब छोटी ऊंट दौड़ पूरे वर्ष होती है किंतु इनका मुख्य मौसम अक्टूबर से अप्रैल तक रहता है। प्रतियोगिताओं को आमतौर पर शुक्रवार या शनिवार की सुबह के लिए निर्धारित किया जाता है। सबसे लोकप्रिय स्थानों में अल मरमूम कैमल रेसिंग ट्रैक और अल खवानीज रेसिंग ट्रैक शामिल हैं। अल मरमूम हेरिटेज विलेज फेस्टिवल में हर साल यूएई, ओमान और सऊदी अरब से हजारों पर्यटक आते हैं।
27 मई 2023
असंगठित बौद्धिक श्रमिक के रूप में पहचान को एकजुट हों पत्रकार
--ग्रामीण पत्रकार दिवस पर स्व.वालेश्वर जी को दी गयी श्रद्धांजलि ग्रामीण पत्रकार एसोसियेशन आगरा ने याद किया
अपने संस्थापक स्व० बालेश्वर लाल।
आगरा।ग्रामीण पत्रकारिता को उप्र में एक अलग पहचान दिलवाने वाले शिक्षाविद् स्व० बालेश्वर लाल की 36 पुण्यतिथि ग्रामीण पत्रकार दिवस के रूप में मनाई गई । नागरी प्रचारिणी सभा के पुस्तकालय कक्ष में शिनवार को हुए कार्यक्रम में ग्रामीण पत्रकारों समक्ष उपस्थित मौजूदा चुनौतियों का विश्लषण किया गया। पत्रकारों ने समाचार संप्रेषण और प्रसार के लिये साइबर माध्यम को उपयोगी तो माना किन्तु आईटी पौलिसी और डिजिटल पोर्टलों के बारे सरकार की नीति में अस्पष्टत: रहने के कारण आये होने वाली समस्याओं पर चिंता जतायी।
एसोसिएशन के प्रान्तीय उपाध्यक्ष शंकरदेव तिवारी ने बावू बालेश्वर लाल जी के जीवन यात्रा बताते हुए युवा पत्रकारों को उनके पद चिन्हों पर चलने का आव्हान किया।उन्होन ने कहा कि 'ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन ' का गठन अपने समय की एक महत्वपूर्ण घटनाथी,बालेश्वर जी के दूरगामी सोच का ही परिणाम है कि तमाम छोटी बडी लडाईयां संगठित रूप से लडने
25 मई 2023
शहरी और ग्रामीण दोनों परिवेश के जीवन का आनंद लेते हैं धर्मज गांव के लोग
यदि हम भारत के गाँव की बात करते हैं तो खेत,धूल धक्कड़ , बैलगाड़ी और झोपड़ियों का फोटो नज़र आता है। किन्तु इसके विपरीत गुजरात के आनंद जिले का धर्मज गांव एक ऐसी जगह है, जहां आपको पूरे गाँव में शहर जैसी समृद्धि दिखाई देगी । धर्मज गांव में पक्की और साफ-सुथरी सड़कें हैं। सड़कों पर मर्सडीज या बीएमडब्ल्यू जैसी महंगी कारें और मैकडोनाल्ड जैसे रेस्टोरेंट भी नजर आएगा । यहां के अधिकांश परिवारों में एक व्यक्ति गाँव में रहकर खेती करता है, जबकि दूसरा विदेश जाकर पैसा कमाता है। कहा जाता है कि हर देश में आपको धर्म का एक व्यक्ति जरूर मिल जाएगा।यहाँ गाँव के लोग शहरी और ग्रामीण दोनों परिवेश के जीवन का आनंद लेते हैं। एनआरआई का गांव कहे जाने वाले इस गाँव के लोग दुनिया भर में बसे हुए हैं।बताया जाता है ग्रेट ब्रिटेन में 1400 परिवार, अमेरिका में 700, अफ्रीका में 148 और भारत के विभिन्न भागों में 600 से अधिक यहाँ के परिवार बसे हुए हैं। विदेश में लम्बे अरसे से बसे होने के बावजूद यहाँ एनआरआई के दिलों में अभी भी अपने धर्मज के लिए प्यार बरकरार है, यही कारण है कि वे नियमित रूप से घर वापस आते हैं।
22 मई 2023
बिहार मूल का प्रवासी भारतीय बना ऑस्ट्रेलिया में मेयर
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर का पररामट्टा नगर परिषद ने पार्षद समीर पाण्डेय को अपना नया लार्ड मेयर चुना। इस अवसर पर समीर पाण्डेय ने कहा पररामट्टा शहर ग्रेटर सिडनी का भौगोलिक दिल है और एक प्रमुख आर्थिक महाशक्ति के साथ-साथ सिडनी में रहने के लिए सबसे अच्छी जगह है।समीर पांडे पहली बार 2017 में काउंसिल के लिए चुने गए थे और पररामत्ता वार्ड का प्रतिनिधित्व करते हैं। 2022 में, वह भारतीय उपमहाद्वीप से शहर के पहले डिप्टी लॉर्ड मेयर बने थे । आईटी की पृष्ठभूमि वाले एक छोटे व्यवसाय के मालिक श्री पांडे को यह सुनिश्चित करने का जुनून है कि काउंसिल सामुदायिक और स्थानीय व्यवसायों की ज़रूरतों को पूरा करे और पैरामाटा शहर को एक स्मार्ट शहर के रूप में स्थापित करे।आईटी विशेषज्ञ समीर पांडेय करीब 20 साल पहले एक इंजीनियर के रूप में इस दश में आये थे। वर्तमान में वह वह लेबर पार्टी के सदस्य हैं। 2017 में वह पहली बार पार्षद का चुनाव जीते थे और 2022 में वह दूसरी बार पार्षद बने. बतौर पार्षद अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में वह काउंसिल के डिप्टी मेयर चुने गये थे।
'व्यक्ति नहीं अपने आप में एक युग थे राजेंद्र रघुवंशी'
सूरसदन में हुआ राजेन्द्रर धुवंशी स्मृति ग्रंथ का विमोचन । फोा:असलम सलीमी |
20 मई 2023
वैश्विक चुनौतियों के कारण परेशानियों से जूझती सूरत डायमंड इंडस्ट्री
सूरत : भारत के गुजरात प्रांत का दूसरा सबसे बड़ा शहर सूरत है दुनिया में हीरा निर्माण गतिविधि का सबसे बड़े केंद्रों में से एक है। दुनिया के 90% हीरे की कटाई और पॉलिशिंग काम सूरत में ही होता है। कथित रूप से रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण इस काम में काफी मंदी आ गई है। हीरा उद्योग पूरी तरह से एक्सपोर्ट पर निर्भर है क्योंकि इसका कोई घरेलू बाजार बहुत कम है। यह 100 प्रतिशत निर्यात उन्मुख व्यवसाय है। हीरा उद्योग में मंदी के कारण इस उद्योग से जुड़ी बहुत सी इकाइयों को अपनी गर्मी की छुट्टी बढ़ाने के लिए मजबूर किया है। उधर श्रमिक संघों ने डायमंड कंपनियों पर भारी छंटनी का सहारा लेने का आरोप लगाया है। विशेषज्ञों का मानना है हाल के वर्षों में इसे कई वैश्विक चुनौतियों जैसे युद्ध , कोविड, भू-राजनीतिक तनाव आदि के कारण डायमंड की खरीद में काफी गिरावट आई है
आगरा के मक्खन समोसे ने इंटरनेट पर मचाई धूम
आगरा की बटर चाय के बाद अब मक्खन समोसा भी इंटरनेट पर ख्यति पा रहा है । यह समोसा तैयार मैदा के बजाय सफेद मक्खन से बना होता है। मक्खन से बने आगरा के ये समोसे मीठे होते हैं और ठंडे परोसे जाते हैं। इस मक्खनदार समोसे को अब हर जगह स्ट्रीट फ़ूड में भी देखा जा सकता है ।
इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में आगरा के जाने माने भगत हलवाई को सफेद मक्खन से बने समोसे बनाते हुए दिखाया गया है। इस वायरल वीडियो में हलवाई सफेद मक्खन को मैदा की तरह गूंथता है, इसके बाद वह फिर इसे छोटे घेरे में घुमाता है तथा इसे मीठे खोये, गुलकंद और सूखे मेवों से भरकर इसे क्लासिक समोसे की तरह बंद कर दिया जाता है।
नियमित समोसे को घी फ्राई करने की आवश्यकता होती है किन्तु मक्खन के इस मीठे समोसे को ठंडा खाया जाता है। मक्खन समोसे को ठंडे पानी में डूबकर रखा जाता है ताकि यह मक्खन पिघले नहीं और उसका आकार बरकरार रहे। यह मक्खन समोसा आगरा आने वाले खाने के शौकीनों की मिठाई की लालसा को पूरा करता है ।