भारतीय शेफ मनु चंद्रा ने फ्रांस के 2022 के अंतरष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में उद्घाटन अवसर पर भारतीय खाने से सबका दिल जीतने में सफल रहे। मनु को खाना बनाने में बचपन से ही रूचि थी। उनकी इस कला का हमेशा एहसास दिलाती रहीं थीं उनकी दादी। भोजन उनके संयुक्त परिवार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। दादा-दादी तमिलनाडु और लखनऊ से थे।इसी कारण उनके अधिकांश खानों में नार्थ और साउथ का मिलन दिखाई देता है। वह क्यूलिनरी इंस्टीट्यूट, न्यूयॉर्क में अध्ययन के बाद 2004 में भारत लौटे। अपने खाने में कुछ नयापन देने के लिए कई खानों और करियों का फ्यूज़न भी किया। कान्स 2022 में उन्होंने भारतीय खिचड़ी को बहुत लोकप्रिय बनाया।
23 जून 2022
20 जून 2022
मध्य प्रदेश की गोंड कला को लॉस एंजिल्स के तक पहुँचाया वेंकट रमन ने
36 वर्ष पूर्व मध्य प्रदेश में पेंटिंग का सफर शुरू करने वाले वेंकट रमन के लिए जिंदगी का दौर पूरा मानते हैं । इस कलाकार ने अपना भोजन पाने के लिए अजीबोगरीब काम किया था किन्तु आज, वह आधुनिक गोंड कला को दुनिया भर में चित्रित करते हैं जो लॉस एंजिल्स कंट्री म्यूज़ियम ऑफ़ आर्ट, ओटावा की नेशनल गैलरी तथा क्वींसलैंड आर्ट गैलरी में देखी जा सकती है।
वेंकट रमन मध्य प्रदेश में सिजोरा की गोंडवाना भूमि में पले-बढ़े हुए थे। उन्होंने बताया हैं कि गोंड कला को कभी भीति चित्र (दीवार पेंटिंग) कहा जाता था क्योंकि यह दीवारों पर किया जाता था और बाद में ही इसे अपने वर्तमान नाम गोंड कला से जाना जाने लगा। रमन गाँव के नज़ारों को कागज़ पर और कभी-कभी दीवारों पर दोहराते थे। वह औपचारिक शिक्षा कभी नहीं पा सके थे ।
18 जून 2022
भारत के यूपीआई और रुपे कार्ड से आप शीघ्र ही पेमेंट कर सकेंगे फ्रांस में
17 जून 2022
सकारात्मकता से भरपूर है “सूरज क्यों ना हुए हम”
-- आगरा के प्रबुद्धजनों की मौजूदगी में पुस्तक का हुआ विमोचन
' सूरज क्यों न हुए हम 'पुस्तक विमोचन के अवसर पर प्रख्यात साहित्यकार लक्ष्मीनाराण गुप्त का किया गया अभिनन्दन ।फोटो:असलम सलीमी |
ग्लोबल वार्मिंग ने बदल दी है हिमालय में स्थित नामचे बाजार के लोगों की जिंदगी
एवरेस्ट साउथ बेस कैंप के रास्ते में 3,555 मीटर की ऊंचाई पर स्थित नामचे बाजार में ग्लोबल वार्मिंग के कारण सबकुछ बदलता नज़र आ रहा है। इस समय ये पहाड़ बर्फ से सफेद होते थे - उनपर अब केवल कुछ ही धारियाँ ही दिखाई रही हैं। साथ ही पिछले साल यहाँ सर्दियों में अस्वाभाविक रूप से भारी बर्फबारी भी हुई थी। यहाँ की गर्मियां अब बहुत गर्म हैं । यहाँ के एक नेपाली भोजनालय के मालिक ने कहा कि नामचे बाजार में कोविड -19 के प्रकोप के बाद से जीवन और व्यवसाय पहले की तरह नहीं दिखाई देता है । अधिकांश व्यापार भारी नुकसान का सामना करा रहे हैं। यहाँ के जीवन पर बदलते मौसम का भारी प्रभाव पड़ा है ,जो स्थानीय समुदायों को अत्यंत चिंतित कर रहा है। पहाड़ों में हिमस्खलन, भूस्खलन और भयानक बेमौसम बारिश लगातार होने लगी है।
14 जून 2022
' डा भीमराव अम्बेडकर वि वि में पूर्णकालिक स्थायी कुलपति की तत्काल नियुक्ति हो'
--कार्यवाहक कुलपति वि वि में स्थायी नियुक्तियां करने हक नहीं:सिविल सोसायटी सिविल सोसायटी आगरा के अध्यक्ष डा शिरोमणी सिंह, अनिल शर्मा और
राजीव सक्सेना ।
आगरा: डा भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध शिक्षा परिसर में बने हुए माहौल और अनियंत्रित अनियमित्ता की स्थितियों में सुधार को तत्काल पूर्णकालिक कुलपति नियुक्त किया जाये, कार्यवाहक कुलपति वि वि परिसर में व्याप्त अनियमित्तओं को दूर कर प्रभावी एवं स्वच्छ संचालन देन में सक्षम प्रतीत नहीं होते,कम से कम अब तक आ रहे फीडबैक से तो यही प्रतीत हो रहा है। यह कहना है,सिविल सोसायटी ऑफ आगरा का ,जिसके अध्यक्ष एवं पार्षद डा शिरोमणी सिहं ,जनरल सैकेट्री अनिल शर्मा और राजीव सक्सेना का। उन्हों ने मंगलवार को अशोक सिंघल रोड (घटिया आजम खां) स्थित हरियाली वाटिका में आयोजित पत्रकार वार्ता में
'राजनीति करने वालों से संवाद जनतांत्रिक मूल्यों को और गहरा करेगा'
-- 'यू ट्यूब' चैनल से शुरूआत होगी भटकी राजनीति को जनपरक बनाने की श्री राजेन्द्र सचदेवा
अगरा: भारतीय लोकतांत्रिक परंपरा की अनेक विशिष्टतायें हैं ,इनमें खास है देश की ' पॉलिटिकल पार्टियों'। आजादी के दो दशक बाद तक इनका स्वरूप सैद्धान्तिक और विचारधारा आधारित ही हुआ करता था,लेकिन बाद में इनका आकर व भमिका में काफी बदलावा आया है, यह कहना है पॉलिटिकल टीम इंडिया (पी टी आई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री आर के सचदेवा का ।
श्री सचदेवा का मानना है कि आजादी के समय शुरू हुई राजनैतिक दलों की स्थितियों में बदलाव आना तो लाजमी था ,लेकिन विधान मंडलो और संसद में प्रतिनिधित्व के अलावा जिन कारणो ने राजनैतिक दल व्यवस्था को प्रभावित किया है ,उनमें देश के आर्थिक आर्थिक परिवेश में परिवर्तन , सामाजिक ढंचे में बदलाव, आबादी का बढना, आरक्षण , धार्मिक दृष्टिकोण, सहष्णुता , चुनाव आयोग की राजनैतिक दलों के प्रति व्यवहार, इलैक्शन बांड, दलों की आंतरिक संगठनात्मक संरचनायें, राजनेताओं और उनके नेताओं के जनता से संवाद के तौर तरीके आदि शामिल हैं।
श्री सचदेवा ने कहा कि
13 जून 2022
सत्यजीत रे ने अपनी पहली हिंदी फिल्म 'शतरंज के खिलाड़ी' में ऐतिहासिक यथार्थता कैसे हासिल की
अपनी पहली हिंदी भाषाई फिल्म शतरंज के खिलाड़ी बनाने से पूर्व जाने माने भारतीय फिल्म निर्माता स्व सत्यजीत रे ने 1976 में 19वीं सदी की मूल मुर्शिदाबाद और लखनऊ पेंटिंग्स को देखने के लिए इंडिया ऑफिस लाइब्रेरी ( वर्तमान में ब्रिटिश लाइब्रेरी का हिस्सा ) का दौरा किया था , इसी से उन्होंने शतरंज के खिलाड़ी फिल्म के सेट और पोशाक का आईडिया लिया था ।
सत्यजीत रे ने अपनी फिल्म शतरंज के खिलाड़ी को प्रसिद्ध हिंदी लेखक मुंशी प्रेमचंद (1880-1936) की एक लघु कहानी से रूपांतरित किया था । कहानी शतरंज के खिलाड़ी के आदी दो अवधी रईसों पर केंद्रित है , जो उस वर्ष (1856) की राजनीतिक स्थिति से पूरी तरह से बेखबर थे, जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने अवध के प्रांतीय नवाब को पदमुक्त करके अवध प्रांत का प्रशासन अपने हाथ में ले लिया था।
6 जून 2022
सूर ,नजीर, गालिब की रचनाओं की प्रस्तुतियों से गुलजार हुआ 'सिकंदरा'
-- प्रख्यात गजल गायक सुधीर नारायन मंत्रमुग्ध किया अपने ही शहर वासियों को
प्रख्यात गजल गायक श्री सुधीर नारायन को सममानित किया केन्द्रीय मंत्री प्रो एस पी सिह बघेल ने। साथ में डा आर सी शर्मा एवं पार्षद डा.शिरोमणी सिह। |
आगरा: अमृत विद्या सोसायटी आगरा के तत्वावधान में 'इबादत ऐ मौसिकी' के आयोजन में शहर के गजल प्रेमियों का जमघट लगा। प्रख्यात गजल गायक सुधीर नारयन ने ढाई घंटे से अधिक समय हर आम से खास की ख्वाइशों को पूरा करते हुए नजीर अकबराबादी ,ग़ालिब, अमीर खुसरो ,सूरदास ,कबीर, निराला आदि की रचनाओं को अपने चिरपरिचित अंदाज में प्रस्तुत किया।
सिकंदरा क्षेत्र में हुआ पहला कार्यक्रम
अकबर टाम सिकंदरा के नजदीक स्थित होटल के एस रॉयल में यह आयोजन अमृत विद्या एजुकेशन फॉर इमोटिलिटी सोसाइटी के तत्वावधान रविवार को हुआ। सुधीर जी के अंदाज ए बयां से यह केवल मनोरंजन तक ही सीमित ना रहकर अध्यात्म और आत्मिक अनुभूति का एहसास कराने का मौका भी साबित
4 जून 2022
पब्लिक पार्क पर्यावरणीय गतिविधियों के केन्द्र बिन्दु बनेंं
-- विलायती बबूल और खरपतवारों की भरमार का हरियाली अच्छादन पर प्रतिकूल असर शहर के गीन कवर को लेकर'गुड मोर्निंग आगरा ' के संरक्षक के सी जैन
एवं पर्यावरण को लेकर अन्य जागरूक पालीवाल पार्क में चिन्तनरत।
आगरा: मुगलों ने जहां आगरा में तमाम बाग बगीचे शाही परिवारों की सुख सुविधा के लिये बनवाये,वहीं सेठों,जातिय समूहो ने जातिय संरख्चनाओं के हिसाब से बनवाये वही अंग्रेजों ने आम नागरिकों के उपयोग के लिये शहर में कई पार्क विकसित किये।सरे काऊंटी (इंग्लैंड ) में प्रशिक्षित युवा अल्वर्ट एडवर्ड पीटर ग्रीसन ने दिल्ली के लुटियन जोन, मथुरा, धौलपुर को हराभरा करने का श्रमसाध्य अभियान आगरा से ही शुरू किया था,वह भी सार्वजनिक पहुंच सुलभ रखने की प्रतिबद्धता के साथ। लंदन के कीव गार्डन ( Kew Gardens,southwest London) से कल्पनाओं को संजोकर आये ग्रीसन ने अपने अभियान की शुरूआत खारे पानी से जूझते आगरा से की। पालीवाल पाक वह पहला पार्क था ,जहां ग्रीसन ने अपने हरित अभियान को शुरू किया था और तमाम नाइत्तफाकियों के
3 जून 2022
आगरा के गांवों को गंगाजल उपलब्ध करवाने की योजना को प्रमुखता
-- लोक सेवकों की लापरवाही एक गंभीर मुद्दा:सांसद चाहर
सांसद राजकुमार चाहर जनता से सीधा संवाद रखने के साथही उन ही उन अधिकारियों से भी करते हैं पूछ ताछ,जो बरतते है लापरवाही। |
आगरा: सांसद राजकुमार चाहर ने कहा है कि जनपद से संबधित योजनाओं का तेजी के साथ क्रियान्वयन करवाया जा रहा है,उन्होंने कहा कि हालांकि सभी योजनाये अपने आप में महत्वपूर्ण हैं और उनको पूरा करवाने के लिये उनकी प्रतिबद्धता है,लेकिन इनमें भी उनकी मुख्य प्राथमिकता आगरा के गांवों को गंगाजल, पाइप लाइन से पहुंचाने को लेकर है।उन्होंने कहा कि नरोरा से गंगाजल पाइप लाइन से लाये जाने की योजना पर औपचारिक्तायें जून महीने में ही पूरी हो जायेंगी ,इसके बाद पाइप लाइन डाले जाने की कार्रवाही का पहला चरण शुरू होगा।
'फोटो' अतीत को ताजा करते हैं
श्री चाहर जो कि आगरा के वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट श्री असलम सलीमी की उपलब्धियों और संघर्ष वृतांतों से संबधित एक स्मारिका पर
31 मई 2022
आगरा उत्तरी बाईपास के निर्माण कार्य को शीघ्र शुरू करवाया जाये
-- इनर रिंग रोड को भी शमसाबाद रोड से रोहता तक जोड़ा जाए चैंबर अध्यक्ष शलभ शर्मा
आगरा: नेशनल चैंबर आफ कामर्स ऐंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष शलभ शर्मा ने उत्तरी बाईपास के निर्माण कार्य को प्रारम्भ करने में शिथिलता पर चिंता व्यक्त करते हुए , केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को एक पत्र भेज चिंता जतायी है। उन्होंने कहा है कि उत्तरी बाईपास का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाए। उत्तरी बाईपास के न बनने से आगरा होकर गुजरने वाले वाहन शहर में होकर जाते हैं जिससे शहर में प्रदूषण होता है, जगह जगह जाम लगता है ।
उत्तरी बाईपास के बनने से जयपुर व दिल्ली की ओर से