--जर्मन प्रवासी सूर्य कुमार बोस चाहते हैं अपने बाबा की दबा रखी गयी हकीकत सामने लाना
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(नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने हिटलर से 29मई 1942 को की थी मुलाकात।यह दो राष्ट्र अध्यक्षोें की शिष्टाचार भेंट थी) |
नई दिल्ली। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस से संबधित मामलों का उठाया जाना प्रधानमंत्री पद को अब तक सुशोभित करते रहे नेताओं का बेहद अप्रिय रहा है। नेताजी के बारे में खोज खबर करने को केंद्र
की ओर से गठित मुखर्जी आयोग तक की पहुंच पी एम कार्यालय में क्लासीफायड दस्तावेज के तौर पर रखी उन फायलों तक नहीं हो सकी जिन्हें कि वर्तमान में 'डी क्लारसी फाइड' करने की मांग जोर पकडी हुई है। आयोग के द्वारा नेताजी की मौत 18अगस्त 1945 में