1 सितंबर 2025

भारतीय नागरिक अब कहीं भी, किसी समय 2000 डिजिटल सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं

 

नई दिल्ली - इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्रभाग ने डिजिलॉकर और ई-डिस्ट्रिक्ट प्लेटफॉर्म पर ई-गवर्नेंस सेवाओं के अखिल भारतीय एकीकरण को सक्षम करके एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इस उपलब्धि के साथ, सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के नागरिक अब कहीं भी, कभी भी लगभग 2,000 डिजिटल सेवाओं का निर्बाध उपयोग कर सकते हैं।

ये एकीकृत सेवाएँ प्रमाण-पत्र, कल्याणकारी योजनाएँ, उपयोगिता भुगतान और अन्य आवश्यक सुविधाओं सहित नागरिकों की व्यापक आवश्यकताओं को पूरा करती हैं, जिससे वितरण में सुविधा, दक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित होती है। यह विकास डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विज़न को साकार करने, कागज़ रहित और मोबाइल शासन को बढ़ावा देने और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में सीधे योगदान देने की दिशा में एक बड़ी छलांग है।

डिजिलॉकर अंतर-संचालन, डेटा सुरक्षा और बहु-हितधारक समन्वय की चुनौतियों का सफलतापूर्वक समाधान करके भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे के एक मज़बूत स्तंभ के रूप में उभरा है। इसके नवोन्मेषी और लचीले ढाँचे ने पहुँच में आसानी, समावेशिता और विश्वसनीयता को संभव बनाया है और देश भर के नागरिकों को विश्वसनीय डिजिटल सेवाओं से सशक्त बनाया है।

इस विस्तार के साथ, महाराष्ट्र के नागरिकों के पास अब सबसे ज़्यादा 254 सेवाओं तक पहुँच है, उसके बाद दिल्ली में 123, कर्नाटक में 113, असम में 102 और उत्तर प्रदेश में 86 सेवाएँ

उपलब्ध हैं। इसके अलावा, केरल और जम्मू-कश्मीर प्रत्येक 77 सेवाएँ प्रदान करते हैं, जबकि आंध्र प्रदेश 76 और गुजरात 64 सेवाएँ प्रदान करता है। इसी तरह, तमिलनाडु और गोवा प्रत्येक 63 सेवाएँ प्रदान करते हैं, जबकि हरियाणा 60 और हिमाचल प्रदेश 58 सेवाएँ प्रदान करता है। कुल मिलाकर, वर्तमान में देश भर के नागरिकों के लिए 1,938 सेवाएँ उपलब्ध हैं।