एक समय में आगरा को सबसे गंदा शहर घोषित किया गया था। पिछले कुछ सालाें में आगरा की तस्वीर बदल रही है। शहर से निकलने वाले 20 लाख टन कचरे से बड़ा मैदान भर गया था। कचरे का विशाल पहाड़ बन चुका था। इस कचरे से खाद बनाई गयी , मिट्टी तैयार की जो कंस्ट्रक्शन वगैरह में काम में लाई जा सके।
इससे प्राप्त आमदनी जनता को सुविधा देने में काम आयी । अब आगरा में हर दिन निकलने वाले कचरे से बिजली बनाने की पहल की जा रही है । जल्द ही इसके लिए आगरा में संयंत्र स्थापित होगा । बिजली पैदा करने के लिए 2 हजार टन कचरे की जरूरत होगी । आकलन के अनुसार शहर से 1 हजार टन कचरा निकलता है। आस-पास की पंचायतों व नगर पालिकाओं से और 1 हजार टन कचरा लिया जायेगा । इससे बिजली बनेगी। आगरा में हर रोज 50 हजार पर्यटक आते हैं।आगरा का नगरीय क्षेत्र और टूरिस्ट स्पॉट इस बिजली से रोशन होंगे।आगरा की इस अभिनव पहल को सम्मेलन में विशेष रूप से सराहा गया।