--चैंबर ने लैदरपार्क प्रोजेक्ट पर सांसद से मुख्यमंत्री के समक्ष उठाने का किया अनुरोध
2010 में इस परियोजना के लिए 100 करोड़ की धनराशि भी स्वीकृत हुई थी जिससे उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम द्वारा इस परियोजना के लिये 111. 9 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की गई थी. बाद में चिन्हित जमीन को विकसित किए जाने का कार्य प्रारंभ किया गया था। चेंबर द्वारा लेदर पार्क में ही आगरा के (अनुकूल टीटी जेड क्षेत्र के अनुकूल) प्रदूषण रहित आईटी उद्योग की स्थापना करने के लिए इस परियोजना में
आईटी सिटी बनाये जाने की भी मांग की गई थी। किंतु इस परियोजना में कुछ कानूनी अड़चनें व विसंगतियां के कारण 2013 में निर्माण कार्य बंद हो गया था जिससे आगरा का एक बहुत बड़ा विकास कार्य रुका पड़ा है।श्री मनीष अग्रवाल के अनुसार क्योंकि
यह विकास कार्य माननीय सांसद राजकुमार चाहर के लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता
है।इस लिये उनसे ही इसके लिये अधिक सक्रियता अपेक्षित है. उन्हों ने उम्मीद जतायी है कि चाहर पहल करें तो
इस परियोजना में कानूनी अड़चनें दूर हो सकती हैं और परियोजना पुनः शीघ्र चालू हो
सकती है। चमडा आधारित उत्पादन खासकर जूता
आगरा की अर्थव्यवस्था के लिये हमेशा अहम रहे हैं इस लिये लैदर पार्क योजना का शीघ्रता
से क्रियान्वयन किया जाना चाहिये.
उपाध्यक्ष द्वै अनिल अग्रवाल एवं
सुनील सिंघल व कोषाध्यक्ष गोपाल खंडेलवाल ने भी कहा है कि मुख्यमंत्री का ध्यान आगरा पर है। वह आगरा के लिए विभिन्न
प्रकार की परियोजनाएं लगातार घोषित कर रहे हैं। फिर भी अतिशीघ्रता के साथ क्रियान्वित
हो सकने वाली यह परियोजना केवल विसंगतियों मात्र के कारण रुकी पड़ी है। अगर स्थानीय
सांसद राजकुमार चाहर अपने लोकसभा क्षेत्र की इस योजना के विलम्ब के कारणों
को मुख्यमंत्री के संज्ञान में लायेंगे तो कोयी कारण नहीं है जो शुरू हो पूरी नहीं
हो.
लैदर पार्क योजना
अदालती क्लीयरैंस के इंतजार में सन्नाटा पसरा रहा है
सौ करोड निवेश के बावजूद आगरा लैदर पार्क में.
कानूनी अडचन
नवीनतम स्थिति की जानकारी तो ताज
ट्रिपेजियम जोन प्राधिकारण के सचिव या यू पी एस आई डी सी के योजना से संबधित
अधिकारी को ही होगी को ही होगी लेकिन टेलीविजन चैनल आज तक के बेव पोर्टल पर सुश्री
अनीषा माथुर की 02 दिसंबर 2020 को अपडेटिड रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में यू
पी सरकार के द्वारा जब पार्क के लिये अनुमति मांगी तो चीफ जस्टिस की अदालत में कहा
गया कि श्री एम सी मेहता मुख्य याचिका कर्त्ता हैं,ऐसे में जहां लैदरपार्क बनाया जाना है,वहां का दौरा
उन्हें करना चाहिये .अदालत ने एम सी मेहता को इसके लिये तीन महीने का वक्त दिया
हुआ था, ताकि वह जांच कर सकें.इस पर अदालत में यू पी सरकार
की ओर से भरोसा दिया गया कि अगर उन्हें ट्रैविल में कोयी दिक्कत आती है तो ,तो वो इंतजाम कर सकते है. अदालत ने कहा कि अगर इस प्रकार की मांग होती है
तो वो पूरी कर दें.
उदासीनता
इस रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट के निर्देशानुसार मार्च 2021तक श्री
मेहता को अपने इंतजाम से या यू पी सरकार से व्यवस्था करवा के लैदरपार्क का स्थलीय
निरीक्षण कर कोर्ट को अपनी रिपोर्ट दे दनी चाहिये थी.लेकिन यह अब तक अस्पष्ट है.