--सिकन्दरा राजवाह के अनुरक्षण में सहयोग पर सिंचाई विभाग सकारात्मक
आगरा: महानगर की पेयजल समस्या लगातार बनी हुई है और आगरा जनपद सहितजनपद में गिरते जलस्तर और रबड डैम आदि पर चैंबर
अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने अधीक्षण अभियंता को सौपा ज्ञापन।
उसी सन्दर्भ में ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव, सिंचाई अधीक्षण अभियंता, तृतीय मंडल, आगरा ने अपनी टीम के साथ 10 सितंबर 2021 को
चैम्बर में आहूत बैठक में जोधपुर झाल एवं सिकंदरा रजवाह से संबधित भेजे गए सुधारों के प्रस्ताव पर गहन मंथन किया गया .चैंबर के द्वारा सिकन्दरा राजवाह की स्थिति पर चिंता व्यक्त कर इसमें संभावित सुधार के लिये भी सहयोग संभावना व्यक्त की गयी।पेयजल के साथ
गहराता भूजल एक चुनौती
चेंबर अध्यक्ष मनीष
अग्रवाल ने कहा की जल की समस्या धीरे धीरे बढती जा रही है। यह बहुत ही चिंता का विषय है। इस पर शीघ्र कार्यवाही की आवश्यकता है। चैम्बर की मांग है की जोधपुर झाल जलाशय जलसंचय के लिये अत्यंत
महत्वपूर्ण है। इसको पं. दीन दयाल सरोवर के रूप में विकासित करने की योजना पर अमल
किया जाना चाहिये। इस जलाशय से भू जल स्तर में सुधार के साथ ताज ट्रिपेजियम जोन
पर्यावरण की शुष्कता में काफी कमी आयेगी और भूजल के स्तर में काफी सुधार होगा।
श्री अग्रवाल ने कहा कि इस जलाशय में केवल संरचना संबधित कार्य ही होने हैं,नहरी पानी के रोस्टर और सिकंदरा
राजवाह के संचालन की व्यवस्था में कोयी छेड छाड या नयी मांग नही की जानी है
उन्होंने कहा कि
जलसंरक्षण शासन की नीति के अनुरूप महत्वपूर्ण कार्य है इससे जल व्यर्थ नहीं होगा और जलाशय में
संरक्षित रहेगा। जोधपुर झाल जलाशय में कुछ
सुधारों की आवश्यकता है। चैम्बर द्वारा सुझाये गए सुधारों के प्रस्ताव को सरकार को
भेजा जाए। उसकी डिजाइनिंग तैयार कराइ जाए और अनुमति प्राप्त कराई जाए। इसमें धन की समस्या आड़े आने पर चैम्बर यथासंभव
सहयोग करने को तत्पर है।
सिकन्दरा राजवाह
में सुधार जरूरी
जलाधिकार फाउंडेशन
के राजीव सक्सेना ने कहा कि जल की मुख्य
स्ट्रीम सिकंदरा रजवाह की मरम्मत की आवश्यकता है।
सिकंदरा रजवाह के अनुरक्षण और गेट स्ट्रक्चर को लेकर संभावनाओं पर चर्चा
हुई। चेंबर बेहतर जल प्रबंधन और उपलब्ध
जल के अधिकतम संरक्षण का ही पक्षधर है।
जोधपुर झाल के लिए चैम्बर न तो कोई अतिरिक्त जल आवंटन की मांग कर रहा है और
न कोई ऐसा काम प्रस्ताव कर रहा है जिससे
कि नहरों का पानी प्रभावित हो। जो भी काम
प्रस्तावित है वह भूजल स्तर में सुधार और शासन की जल संरक्षण नीति व के अनुरूप है।
जोधपुर झाल के लिये
अधिकार सीमित
अधीक्षण अभियंता
श्री श्रीवास्तव ने बताया कि जोधपुर झाल के सम्बन्ध में अधिकार सीमित हैं। किन्तु सिकंदरा रजवाह के लिए उन्होंने आश्वासन
दिया कि शीघ्र सर्वेक्षण कराया जायेगा और चैम्बर के प्रस्तावों को अनुमति के लिए
शासन को भेजा जायेगा।
शास्त्रीपुरम जलाशय
चैम्बर अध्यक्ष के द्वारा सिकन्दरा राजवाह की टेल तक पहुंचने वाले डिसचाज्र को जलसंचय पौंड के रूप
में संजोने की संभावना को लेकर उन्होंने अधिशासी अभियंता से सर्वेक्षण करवाने को निर्देशित किया। कहा कि
सिकंदरा रजवाह की शास्त्रीपुरम स्थित टेल क्षेत्र का सर्वेक्षण कराया जाए जिससे
टेल तक पहुंचने वाले पानी को जलाशय के रूप में संरक्षण पर विचार किया जा सके। वर्तमान में शास्त्रीपुरम इंडस्ट्रियल एरिया
और सिकंदरा यूपीएसआईडीसी इंडस्ट्रियल एरिया में भूजल स्तर की तेजी से गिरावट हो
रही है। अगर टेल तक पहुंचने वाले पानी का
संरक्षण संभव हो सका तो जल स्तर और गुणवत्ता में सुधार संभव है।अधीक्षण अभियंता ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव अधिशासी अभियंता राजेन्द्र गिरी
ने अध्यक्ष मनीष अग्रवाल , राजीव सक्सेना श्री सीता राम आदि से की चर्चा।
रबड डैम
चेंबर की ओर से रबर
डैम पर चिंता जताई गई तथा कहा गया कि यमुना नदी की हालत बहुत ही खराब है। नदी में
बेहद प्रदूषण है। इसमें सुधार के लिए जो
संभव हो किया जाना चाहिए। अधीक्षण अभियंता
द्वारा बताया गया कि सिंचाई विभाग केवल उपलब्ध जल के प्रबंधन तक ही सीमित हैं और
नदी में प्रदूषण आदि का कार्य अन्य सहयोगी विभागों के पास है। रबर डैम योजन के लिए
6 विभागों से क्लीयरेंस की जरुरत
थी जिसमें अभी 3 विभागों - एनजीटी, पर्यावरण
एवं प्रदूषण नियंत्रण विभाग से क्लीयरेंस नहीं मिली है।
यमुना नदी की
डीसिल्टंग
पूर्व अध्यक्ष सीता
राम अग्रवाल ने यमुना नदी में जल संरक्षण में सुधार हेतु कैलाश से नगला पेमा तक 8 - 10 फुट कीचड़ सफाई की मांग की
और कहा कि ड्रेजर मशीन उपलब्ध करवाने के लिए शासन को सिफारिश भेजी जाए। अधीक्षण अभियंता ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव ने
शासन को अपनी शिफारस भेजने का आश्वासन दिया।
ज्ञान प्रकाश
श्रीवास्तव, अधीक्षण
अभियंता तृतीय मंडल सिंचाई कार्य आगरा ने यमुना नदी में डिसिल्टिंग के लिए टीटीजेड
प्राधिकरण की अनुमति को भी जरूरी बताया।
शास्त्रीपुरम जलाशय
चैम्बर अध्यक्ष के
द्वारा सिकन्दरा राजवाह की टेल तक पहुंचने वाले डिसचाज्र को जलसंचय पौंड के रूप
में संजोने की संभावना को लेकर उन्होंने अधिशासी अभियंता से सर्वेक्षण करवाने को निर्देशित किया। कहा कि
सिकंदरा रजवाह की शास्त्रीपुरम स्थित टेल क्षेत्र का सर्वेक्षण कराया जाए जिससे
टेल तक पहुंचने वाले पानी को जलाशय के रूप में संरक्षण पर विचार किया जा सके। वर्तमान में शास्त्रीपुरम इंडस्ट्रियल एरिया
और सिकंदरा यूपीएसआईडीसी इंडस्ट्रियल एरिया में भूजल स्तर की तेजी से गिरावट हो
रही है। अगर टेल तक पहुंचने वाले पानी का
संरक्षण संभव हो सका तो जल स्तर और गुणवत्ता में सुधार संभव है।
यमुना नदी से अवैध जलदोहन रोकें
बैठक के दौरान
अधीक्षण अभियंता का ध्यान यमुना नदी में अवैध जल दोहन की ओर भी आकर्षित किया गया
जिसमें अधीक्षण अभियंता ने शीघ्र अधिशासी अभियंता को आदेश दिया कि गोकुल बैराज के
डाउनस्ट्रीम में जहां जहां अवैध नहरें चल रही हैं, कुलावे और पम्पसेट लगे हुए हैं उनका सर्वेक्षण कराकर
उन्हें रोकने की कार्रवाई की जाए।
बैठक में अध्यक्ष
मनीष अग्रवाल, उपाध्यक्ष अनिल
अग्रवाल ,कोषाध्यक्ष गोपाल खंडेलवाल, पूर्व
अध्यक्ष सीताराम अग्रवाल, सचिन सारस्वत, मयंक मित्तल जलाअधिकार फाउंडेशन के राजीव सक्सेना, तथा
सिंचाई विभाग के कई सम्बंधित अधिशासी अभियंता श्री राजेन्द गिरी अधिकारी आदि मौजूद थे।