--सूर सरोवर,बृथला कुंड,बरुअर तालाब ,ककरैठा बैटलैंड को भी देखेगी आसमानी आंख
चैम्बर के अध्यक्ष श्री मनीष अग्रवाल ने बताया है कि प्रशासन की अनुमति मिलने के साथ ही अगली कार्रवाही संभव होगी। एक जानकारी में बताया कि चूंकि ड्रोन मैपिंग को प्रस्तावित सभी जलक्षेत्र 'नो फ्लाइंग जोन ' से
बाहर के हैं, इस लिये अनुमति मिलने में कोयी दिक्कत नहीं होगी। मैपिंग रिजल्ट को एडिट कर ' डिजिटलाईजेशन' करने में आगरा कॉलेज के इंजीनियरिंग संकाये के कम्प्यूटर विभाग के अध्यक्ष डा अनुराग शर्मा ने सहयोग को अश्वस्त किया हुआ है।श्री अग्रवाल ने बताया कि जलदोहन ,जलाशयों की भारतण क्षमता ,नदियों के बहाव आदि से जुडे आंकडे कई सरकारी विभाग करते है और उनका योजनाओं आदि के लिये उपयोग होता आया है,लेकिन आम नागरिकों की पहुंच और समझ से परे होते हैं। चैंबर का प्रयास है कि इन्हे अधिक जनपरक बनाया जाये।उन्हों ने कहा कि ड्रौन मैपिंग का डिजिटल संस्करण उद्यमियों, व्यवसायियों,सरकारी विभागों, शिक्षण संस्थाओं के लिये भी उपलब्ध होगा।
श्री अगवाल ने कहा आगरा नहर की डिस्ट्रीब्यूटरियों की स्थिति को लेकर भी वह गंभीर हैं और चाहते हैं कि खेतों को भरूप पानी की उपलब्धता तथा और जलक्षति रोकने को यथा संभव सुधार हो। उन्होंने कहा कि आगरा में तमाम उद्योग और कारोबार कृषि उपजों पर आधारत हैं,इस लिये अधिक उत्पादन किसानों के साथ ही अनेक उद्यमियों को भी लाभप्रद रहेगा।
श्री अग्रवाल ने बताया कि चैंबर में पर्यावरण सैल सक्रिय है,पर्यावरण एवं जल संरक्षण कार्यों में खास दिलचस्पी रखने वाले चैम्बर के पूर्व अध्यक्ष श्री राजीव अग्रवाल इसके चेयरमैन हैं। सैल की 10अगस्त को हुई अपने कार्यकाल की पहली बैठक के बारे मे बताते हुए कहा कि डा शरद गुप्ता, आर बी एस कॉलेज की बॉटी डिपार्टमेंट हैड डा सीमा भदौरिया, आगरा कालेज इजजीनियरिंग संकाय के कम्प्यूटर विभाग अध्यक्ष डा अनुराग शर्मा, आर पी सक्सेना,नितिन जौहरी आनन्द राय,अनिल कुमार गोयल एडवोकेट,डा मुकुल पांडेय, अंकुश दबे ,डा.मुकुल पांडेय,पूर्व अध्यक्ष सीताराम अग्रवाल,कोषाध्यक्ष गोपाल खंडेलवाल ,राजीव सक्सेना आदि इसमें सहभागी थे।