25 जून 2021

जलसंरक्षण के प्रति प्रभावी कदम और व्‍यपक दृष्‍टिकोण आवश्‍यक:होसबोले

 -- वैश्‍विक समन्‍वय और राष्‍ट्रीय सोच का दस्‍ताबेज है 'वाटर एन एलीमेंट आफ लाइफ '  

जलाधिकार फऊंडेशन के राष्‍ट्रीय राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष श्री गोपाल कृष्‍ण अगवाल
  की किताब का आर एस एस के सरकार्यवाह दत्‍तात्रेय होसबोले ने किया विमोचन।
 

आगरा:जलशक्‍ति मंत्रालय के गठन के बाद देश में मौजूद विपुल जलसंपदा के प्रबंधन और संरक्षण में व्‍यापक सुधार लक्षित किये गये थे,किन्‍तु जन जरूरतों के सापेक्ष ये सीमित ही रहे। राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक (RSS) के  सरकार्यवाह दत्‍तात्रेय होसबोले ने कहा है कि जल के महत्‍व समय रहते समाज को समझना होगा, यह केवल संसाधन ही नहीं ,जीवन के लिये एक अनिवार्य जरूरत है।उन्‍हों ने कहा कि संस्‍कृत भाषा में जल का अर्थ होता है जीव या नदी ,व्‍यवहार में भी हम नदी को जल का पर्याय ही मानते हैं। 

उन्‍होंने उपरोक्‍त विचार

गत दिवस (18जून 2021)को आयोजित वेविनार में जलाधिकार फाऊंडेशन के राष्‍ट्रीय  अध्‍यक्ष श्री गोपाल कृष्‍ण अगवाल के द्वारा लिखित 'वाटर एन एलीमेंट आफ लाइफ ' पुस्‍तक का विमोचन करते हुए व्‍यक्‍त किये। उन्‍हों ने कहा कि जल ही जीवन है यह केवल एक नारा ही नहीं अपितु व्‍यवहार में इसके पीछे एक संदेश छुपा हुआ है। जिसे हम सबको समझ कर जल के संरक्षण के महत्‍व आम जनता तक पहुंचाना है। उन्‍हों ने पुराने तालाबों की घटती संख्‍या का उल्‍लेख करते हुए कहा कि इन्‍हें बचाने के सक्रिय प्रयास होने चाहिये।

' Water An Element of Life' के लेखक श्री कृष्‍ण गोपाल अग्रवाल
और श्रीमती यूथिका अग्रवाल।


पुस्‍तक के लेखक श्री  गोपाल कृष्‍ण अग्रवाल ने कहा कि जल समस्‍या एक वैश्‍विक चुनौती है जिसका सामाना समन्‍वित प्रयासों से ही संभव है। इनमें अपने अनुभवों को साक्षा करना सबसे महत्‍वपूर्ण है। उन्‍होंने पुस्‍तक के माध्‍यम से पानी के महत्‍व को और अधिक मुखरता पूर्वक रखने का ही प्रयास किया है। कोरोना संक्रमण  के कारण वेविनॉर को ही संवाद का माध्‍यम बनाया किन्‍तु जिस खुले अंदाज में वैचारिक आदान प्रदान तथा मुख्‍य बिन्‍दुओं पर समन्‍वय की स्‍थिति बनी वह वेवीनार के परिप्रेक्ष्‍य में सबसे महत्‍वपूर्ण है।जलाधिकार फाऊंडेशन के कई अन्‍य देशों में रहने वाले सदस्‍यों की भागीदारी के फलस्‍वरूप वेवनॉर एक अंताराष्‍ट्रीय ईवेंट होगया। श्री गोपाल  कृष्‍ण  अग्रवाल ने बताया कि उनकी पुस्‍तक की स्‍क्रिप्‍ट स्‍तर पर ही व्‍यापक समीक्षा होती रही है। जिसके आधार पर उन्‍हे विश्‍वास है कि सुधी पाठकों में ज्ञान अभिबद्धि करेगी। फिलहाल उनके प्रकाशक ने इसे अमेजन के माध्‍यम से उपलब्‍ध करवाया है। जल्‍दी ही यह अन्‍य परंपरागत माध्‍यमों से भी उपलब्‍ध होगी। सहयोगी लेखिका दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय की अस.प्रोफेसर श्रीमती यूथिका अग्रवाल ने कहा जलसंसाधन के महत्‍व को स्‍वीकारने वाले बौद्धिक वर्ग के लिये जानकारी अभिबृद्धि करने के साथ आगे बढ कर कुछ और अधिक प्रभावी करने को प्रेरित करने वाली है।

 एच पी अध्‍यक्षआलोक कुमार  एडवोकेट , श्री राम बहादुर राय, प्रो राम सिह दिल्‍ली स्‍कूल आफ इकनामिक्‍स ,कैलाश गोदका जनरल सैकेट्री, दीन दयाल अग्रवाल वाइस प्रेसीडैंट, अवधेश उपाध्‍याय,राजकुमार गुप्‍ता ट्रेजरर, कार्तक सप्रे,सतीश अग्रवाल,डा अनुराग शर्मा आदि पैनेलिस्‍ट भी विचार व्‍यक्‍त करने वालों में  शामिल थे।