लटके चल रहे प्रोजेक्ट को अब जरूर मिलेगी गति: प्रो बघेल
काम में तेज़ी लायें और पूरा करवायें:फोटो असलम सलीमी |
प्रोजेक्ट मैनेजर श्री अभिशेक
ने बताया कि ने काम तेजी से जारी है, अगर कुछ अप्रत्याशित नहीं हुआ तो यह लक्ष्य के अनुरूप ही साल पूरा करवा दिया जायेगा। एक अन्य जानकारी में कहा कि टी टी जैड एरिया में प्रोजेक्ट होने से औपचारिकताएं कुछ ज्यादा थीं,लेकिन अब लगभग सभी पूरी हो चुकी हैं।उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट की प्रगति को लेकर नियमित विभागीय बैठकें होती रही हैं।आगरा विकास प्राधिकरण के अधिकारी भी पार्क प्राजेक्ट को लेकर होती रही बैठकों में आते रहे हैं।
यह प्रोजक्ट बहुप्रचारित होने के बादजूद लंवित होता रहा, आगरा विकास प्राधिकरण के द्वारा जमीन उपलब्ध करवाने और उस पर निर्माण के लिये जरूरी अनुमतियों को प्राप्त करने में अन्य स्थानों की तुलना में कहीं अधिक विलंब होना रहा। नमर्माण स्थल का आगरा विकास प्राधिकरण की शास्त्री पुरम योजना का ताज ट्रिपेजियम जोन में होना रहा।
यह जानकारी इलैक्ट्रानिक्स ऐंड इन्फार्मेशन मिनिस्ट्री भारत सरकार के तहत संचालित आटोनामस सोसायटी के के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्री राकेश गैरोला ने अपने एक पत्र में जानकारी दी है कि पार्क इसी साल शुरू हो जायेगा । प्रधानमंत्री कार्यालय से इस प्रोजेक्ट के सम्बन्ध में आगरा के जर्नलिस्ट रजीव सक्सेना ने आधिकारिक जानकारी देने का आग्रह किया था।
चूंकि यह प्रोजेक्ट बडे निवेश के बावजूद अब तक पूरा नहीं हुआ है और न हीं रोजगार और औद्यौगिक विकास से संबधित जिला और मंडल स्तारीय बैठकों में होने वाली चर्चाओं में ही स्थान पा सका इस लिये महानगर के आई टी प्रौफेशनलों ने भी इसको लेकर खास दिलचस्पी दिखायी। साफ्टवेयर और आई टी सैक्टर के एस्टैब्लिश प्रौफेशनल्स द्वारा इसको लेकर खास दिलचस्पी न दिखाने की एक अपरोक्ष वजह आई टी सक्टर में बनती जा रही व्यवसायिक प्रतिस्पर्धी स्थितियों को यथा संभव थामे रखने का भाव रहा। ।
आगरा में साफ्टवेयर टैक्नेलाजी पार्क की मांग बहुत पुरानी है। दरअसल इन्फोरमेशन टैक्नेलाजी एक्ट बनजाने के बाद से यह और प्रवल हो गयी। पहले यह परंपरागत होते रहने वाले मैन्युआल कागजी काम काज का एक एच्छिक विकल्प बनी किन्तु बैंकिग और रूपये के लेनदेन में विधिक स्वीकरोक्ति के बाद से तो न केवल अनिवार्य हो गयी अपितू सहजता के साथ स्वीकार भी की जाने लगी।
साफ्वेयर टैक्नेलाजी पार्क्स आफ इंडिया (एस टी पी आई) के गठन के बाद जैसे ही उत्तर प्रदेश में साफ्टवेयरपाक्र बनाये जाने के को काय्रयेजना बनी उसमें नौयडा के साथ ही दूसरे नम्बर पर आगरा कारोबार के लिये डिजिटल प्लेट फार्म होना अब जरूरी हो गया है,आन लाइन पेमेंट, आन लाइन फाइलिग, आर्डर बुकिग आदि से ई-गवर्नेंस का विस्तार हुआ। एब्स,पोर्टल, ई गवर्नेंस आदि कई प्राजेक्टों पर काम हो रहे हैं जिनके लिये सुविधा प्रदाता नोडल एजैंसी की जरूरत है। साफ्टवेयर पार्क ई गवर्नेंस के लिये भारत सरकार का एक विधिक एवं आधिकारिक माध्यम की भूमिका निर्वाहन करता है। जिसकी कि ई-गर्वनेंस के मौजूदा दौर में आगरा में अहम जरूरत महसूस की जाती है।
यूपी में, एसटीपीआई 1992 से कार्य कर रहा है और इसका विस्तार अब तक लखनऊ, कानपुर और प्रयागराज में तीन उप-केंद्रों तक है। प्रदेश सरकार के सहयोग से राज्य भर में चार और एसटीपीआई केंद्र मेरठ, आगरा, गोरखपुर और वाराणसी में विकसित किए जा रहे हैं। एसटीपीआई अधिकारी ने बताया आगरा केंद्र का काम जोरों पर है। आगरा के लिये आई टी पार्क और भी अधिक महत्वपूर्ण है,यह अपने आप में एक बहुत बडा निवेश न भी हो किन्तु बडे निवेशों के लिये सहजता सुलभ करने का एक सशक्त माध्यम साबित होंगा।
आगरा के लिये अहम जरूरत
आगरा के सांसद प्रोफेसर एस पी सह बघेल ने कहा है कि निश्चित रूप से यह एक बहुत बडा प्रोजेक्ट न भी हो किन्तु स्थानीय व्यवसायिक और आऊट सोर्सिंग की सेवाये लेने वाले देशविदेश के बडे प्रतिष्ठानों को दृष्टिगत अत्यंम महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय आई टी नीति जो कि उ प्र में प्रभावी है, के तहत आई टी सिटी बनाये जाने की योजना है। निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि आई टी पार्क बनकर शुरू हो जाने के बाद आई टी सिटी का काम भी तेजी के साथ शुरू करवाये जाने की स्थतियां बन जायेंगी।
व्यापक संभावनाओं का दरबाजा है
आई टी सैक्टर के जानकार एवं आगरा कॉलेज के इंजीनियरिंग संकाये के कम्प्यूटर सांइस विभाग के अध्यक्ष डा अनुराग शर्मा ने कहा है कि आई टी सैक्टर का कार्यविस्तार तेजी के साथ बढना ही है, डिफैंस कॉरीडोर प्रोजेक्ट के तहत कई अवस्थापनाओं की मौजूदगी आगरा के आसपास होने ताजसिटी सभी निवेशकों और उनके प्रतिष्ठानों के प्रबंधन के लिये स्वभाविक आकर्षण साबित होगा।आई टी प्रोफैशनल श्री अभिषेक अरुण गुप्ता का कहना है कि आगरा में आई टी प्रोजेक्ट के लिये भरपूर स्कोप है। एक्सपोर्ट,इम्पोर्ट,कॉल सेंटर, साफ्टवेयर ,पब्लिशिंग, आऊट सोर्सिंग सेंटर आद न जाने कितनी संभावनाये यहं पहले से ही विद्यमान हैं। उन्होंने कहा कि आगरा में बिजली की प्रदेश में सबसे बैहतरीन स्थति मानी जाती है। बिजली की आपूर्ति अंडरग्राऊंड डिस्ट्रीव्यशन सिस्टम से होने के कारण फ्लैक्चुएशन न्यूनतम स्थति में है।
श्री अभिषेक ने कहा कि वह 2012 से इस प्रेजेक्ट के क्रियान्वयन के लिये अपने तरीके से सक्रिय रहे हैं ,खुशी है कि अब जमीनी तौर पर भी कुछ होा दिख रहा है। जिस दिन बिल्डिंग और परिसर एस टी पी आई को हस्तातरित कर दिया जायेगा उसी दिन से उनजैसे आई टी प्रोफेशनलों की भूमिका शुरू हो जायेगी।