असंगठित श्रमिको की यूनियन ' सीवा' ने शासन को भेजी योजना
आगरा : कोरोना -19 से बन चुकी व्यापक बेरोजगारी की स्थिति से निपटने को सरकार अपने स्तर से तो तमाम बडी योजनाएं बनायेगी ही किन्तु निर्माण क्षेत्र के स्वत: रोजगार के परंपरा के श्रमिकों को कार्यअवसर देने वालों को प्रेरित कर प्रतिगामी हो चुके अर्थतंत्र को गतिशीलता प्रदान करने का प्रयास किया जा सकता है। असंगठित क्षेत्र के श्रमिको के सामने बनी हुई इस समसया के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए सैल्फएम्पलॉयड वर्कर्स ऐंण्ड वेंडर्स एसोसियेशन (SEWVA )के सैकेट्री अभिनय प्रसाद ने कहा है कि बेरोजगारी की समस्या का सामना करने वाले श्रमिकों का नियोजन सुनिश्चित करवाने के लिये सरकार को उन सभी भवन एवं सम्पति स्वामियों को प्रोत्साहित करना चाहिये जो कि भवन निर्माण
एवं बने बनाये भवनों के अनुरक्षण के काम को तत्काल शुरू करवाना चाहते हैं। प्रोत्साहन को संभव हो सकने वाली सुविधायें :
श्रमिकों के पराश्रमिक में सब्सिडी ,कर्ज ले सकने के पात्र निर्माण शुरू करवाने वालों को कम दर पर ऋण उपलब्धता, मानचित्र स्वीकृति के नियमों में शिथिलता देकर भवन निर्माण
बड़े पैमाने पर तत्काल रोजगार अवसर प्रदान कर सकता है। श्री प्रासद का कहना है कि इस समय सबसे बड़ी जरूरत काम कर सकने वालों को खुद्दारी के साथ रोजी रोटी कमाने के अवसर प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टैंसिग रखने का जन स्वास्थ्य को सुरक्षित करने के सरकारी आह्वान को भी किसी भी अन्य कार्य की तुलना में निर्माण कार्य में लगे श्रमिको के बीच अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकता है।
बड़े पैमाने पर तत्काल रोजगार अवसर प्रदान कर सकता है। श्री प्रासद का कहना है कि इस समय सबसे बड़ी जरूरत काम कर सकने वालों को खुद्दारी के साथ रोजी रोटी कमाने के अवसर प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टैंसिग रखने का जन स्वास्थ्य को सुरक्षित करने के सरकारी आह्वान को भी किसी भी अन्य कार्य की तुलना में निर्माण कार्य में लगे श्रमिको के बीच अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकता है।
इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में भी मनरेगा श्रमिको को निजी निर्माण कार्यों में भुगतान की जाने वाली मजदूरी में सरकार सहभागी बन अधिक आये करने का अवसर प्रदान कर सकती है । सीवा के सैकेट्री ने कहा कि अपने प्रस्ताव को उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ,प्रदेश के प्रमुख सचिव श्रम,सूडा के निदेशक को भेजा है। आगरा के प्रशासन को भी उन्होने अपनी योजना सुझायी है।