उत्तर प्रदेश सरकार कोटा में पढ़ रहे 7500 छात्रों प्रदेश में बापिस लेन के लिए 250 बसें भेज रही है। कई लोगों ने ट्वीट करते हुए कहा ये मध्यम वर्गीय परिवार के बच्चे हैं, इसलिए सरकार को फिक्र है बाकि मजदूर वर्ग के लोगों की किसी को खास फिक्र नहीं है। एक शानदार ट्वीट करते हुए डॉक्टर अशोक चौधरी ने कहा छात्रों को उनके राज्यों में वापस भेजना राष्ट्रीय तालाबंदी के उद्देश्य के लिए एक अन्याय है। किसी भी स्थान पर अटका हुआ कोई भी नागरिक पहले भारतीय होता है, किसी भी कीमत पर उसकी देखभाल करना संबंधित राज्य की ज़िम्मेदारी होती है। वर्तमान मैं शून्य यात्रा की जरूरत है। एक अन्य ट्वीट में किसी ने लिखा कि दक्षिण भारत से पैदल चलकर आ रहे अनेकों को पुलिस ने पकड़कर धर्मशाला,स्कूल आदि में बन्द कर दिया है, उन्हें न सही खाना मिलता है न पानी, उन्हें क्यों नहीं बसों से बापिस लाया जाता।