6 जून 2018

आगरा में ट्रांसफर पर स्‍टे किये दो डिप्‍टी चीफ एडीटराेें तक को नहीं करवाया जा सका ज्‍वाइन

सेवा योजक ' दैनिक जागरण ' ने लेबर डिपार्टमेंट के इंस्‍पैक्‍टर को बैरंग लौटाया 
अवध प्रकाश बाजपेयी एडवोकेट:न्‍याय
तो मिल चुका बस क्रियान्‍‍‍‍‍वयन होना हैै।  
आगरा: मजीठिया बेज बोर्ड वाद के मामलों में पत्रकारों और गैर पत्रकारों को कोयी बडी राहत मिलना तो दूर लेबर डिपार्टमेंट के इंस्‍पैक्‍टर अपने विभाग के आदेश की कंप्‍लांइंस के रूप में दैनिक जागरण के आगरा एडीशन में  चीफ सब एडीटर सुनयन शर्मा और डिप्‍टी चीफ सब एडीटर रूपेश चौधरी को ज्‍वाइन तक नहीं करवा सके। 
जब लेबर इंस्‍पैक्‍टर श्री राम मिलन  विभागीय आदेश लेकर उक्‍त दोनों के साथ सिकंदरा इंडस्‍ट्रियल स्‍टेट स्‍थित समाचार पत्र के कार्यालय पहुंचे तो गेट पर रोक दिया गया। बाद में केवल इंस्‍पैक्‍टर को ही अंदर आने दिया गया । कार्यालय में पहुंचेन पर बताया गया कि महाप्रबंधक एवं स्‍थानीय संपादक आफिस में नहीं हैं। बाद में टैलीफोन पर संपर्क करने पर प्रबंधन की ओर से बताया गया कि दोनों के संबध में वाद लंबित हैं। इस लिये उन्‍हे काम पर वापस लेना मुमकिन नहीं है। 
एक अन्‍य सीनियर सब एडीटर श्री नरेन्‍द्र प्रताप को भी विभागीय आदेश के तहत लेबर इंस्‍पैक्‍टर ने ज्‍वाइन करवाने का
प्रयास किया तथा दलील दी कि इनके सम्‍बन्‍ध में तो मजीठिया बेज बोर्ड वाद के अलावा कोयी भी ऐसा  वाद लंवित नहीं है जो इन्‍हें काम करने से आने पर रोकने का कारण हो , यही नहीं प्रबंधन की ओर से  उन्‍हे खुद भी  काम पर आने का नोटिस दिया हुआ है। किन्‍तु इस मामले में भी प्रबंधन ने ज्‍वाइन करवाने के मामले में असहमति जतायी ।
लेबर इंस्‍पैक्‍टर ने तीनों ही पत्रकारों से कहा कि स्‍पष्‍ट विभागीय आदेश के बाबजूद आपको सेवा योजक ज्‍वाइन नहीं करवा रहे हैं , उपरोक्‍त के संबध में अपनी रिपोर्ट वह उच्‍चाधिकारी को दे देंगे। 
निर्णय का क्रियान्‍वयन करवाना कानूनी बाध्‍यता 
पत्रकारों के अधिवक्‍ता अवध प्रकाश बाजपेयी एडवोकेट ने कहा है कि दोनों चीफ सब एडीटरों के ट्रांसफर का मामला हाईकोर्ट से रैफर होकर डी एल सी आगरा के पास दोनों पक्षों से वार्ता कर निस्‍तारण के लिये आया था। अब डी एल सी के द्वारा दिये गये निर्णय को क्रियान्‍वत करवाया जाना है।

इसके लिये जो भी कानूनी प्राविधान संभव हैं उन्‍हें अपनाया जायेगा । 
श्री बाजपेयी ने कहा कि श्री नरेन्‍द्र प्रताप के मामले में तो खुद सेवायोजक नौकरी पर आने के लिये नोटिस दिये हुए हैं । एक अन्‍य जानकारी में श्री बाजपेयी ने कहा कि तीनों ही मामलों में पत्रकारों ने मजीठिया बेज बोर्ड के अनुसार वेतन दिये जाने की मांग वर्किंग जर्नलिस्‍ट एक्‍ट के सैक्‍शन 17(ए) के तहत की हुई है, यह मामला भी एएल सी आगरा के समक्ष विचाराधीन है । एक अन्‍य जानकारी में श्री बाजपेयी ने बताया कि डी एल सी आगरा के द्वारा हाईकोर्ट के रैफ्रेंस पर दिये गये निर्णय के विरूद्ध सेवायाजक  हाईकोर्ट गये हुए हैं किन्‍तु अब तक किसी प्रकार की रिलीफ या स्‍टे मिला होने की जानकारी नहीं है।
वर्तमान में वर्किंग जर्नलिस्‍ट एक्‍ट के तहत 17 से अधिक मामले मजीठिया बेज बोर्ड सिफारिशें क्रियान्‍वयन एवं अवशेष भुगतानों को लेकर   लम्‍बित चल रहे हें। इनमें कइ्र मामले राज्‍य से बाहर स्‍थानान्‍तरण से संबधित हैं। जिन राज्‍यों को स्‍थानान्‍तरण हुए हैं उनमें जम्‍मू -कश्‍मीर,असम, छत्‍तीस गढ राज्‍य शामिल हैं।