साक्षी के कांस्य और सिद्धू के रजत पदक ने खेल प्रमियों के आक्रोष को किया खत्म
( सिद्धू और साक्षी ने बढाया देश का गौरव) |
भारतीय ऑलंपिक टीम की किरकिरी होने से बच गयी है। 119 सदस्यीय टीम दो पदकों के साथ लौटेगी । इस भारी भरकम टीम में सबसे बडा आकर्षण तेलंगाना की बैडमिटन खिलाडी पी वी सिद्धू है, जिन्होंने देश के लिये रजत पदक जुटाया है। उनसे देश को स्वर्ण पदक की भारी उममीद थी किन्तु प्रतिद्वन्दी स्पेन की कैरोलिना मारिन की तैयारी उनके मुकाबले कहीं अधिक थी। सेमीफाइनल मुकाबले में सिंधु ने जापान की नोजोमी ओकूहारा को लगातार सैटो में हराकर भारत के लिए रजत पदक पक्का कर लिया था।
वैसे रियो में भारतीय खेमे का सन्नाटा उस समय टूटा जबकि भारतीय पहलवान साक्षी मलिक ने फ्रीस्टाइल कुश्ती के 58 किलोग्राम भारवर्ग में भारत के लिए पदक जीता। उन्होंने पदक के लिए प्लेऑफ मुक़ाबले में कर्गिस्तान की पहलवान आइसूलू टाइनेकबेकोवा को 8-5 के अंतर से हराया.
एक वक्त साक्षी 0-5 से पीछे चल रही थीं लेकिन उन्होंने ज़ोरदार वापसी करते हुए जीत दर्ज की.
उल्लेखनीय है कि ब्राजील का रियो शहर 31वें ओलंपिक खेलों के महाकुंभ का रंगारंग कार्यक्रम शुरू हुआ था , इसमें इस बार 42 तरह की खेल प्रतियोगिताएं होने हैं, जिसमें 205 देशों के खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। एक दिलचस्प तथ्य यह है कि जहां पाकिस्तान का इस बार सबसे छोटा सात सदस्यीय दल गया है ,वहीं भारत का इस बार गया दल सबसे बडा है।भारतीय टीम के निराशा जनक प्रदर्शन के बाबवजूद भारतीय ऑलंपिक संघ और स्पोर्ट अथार्टी आफ इंडिया के अधिकारियों को संतोष है कि भारतीय टीम ने राष्ट्रीय खेल नीति के अनुरूप खेलों में भागीदारी उर्ज करवा के बहुत बडी उपलब्धि हांसिल की ।खेल अधिकारियों को उम्मीद हे कि रियो में रहे अनुभवों से देश भर के खिलाडियों को लाभ मिलेगा ।