28 मई 2016

श्रीधाम वृंदावन-एक्सप्रेसवे मार्ग बना वबाल ए जान

( भोलेश्वर उपमन्यु द्वारा )
मथुरा। ब्रजांचल के तीर्थों की उपेक्षा रुकने का नाम नहीं ले रही है। ज्यादा शोर होने पर जो विकास कार्य हो जाते हैं, उनका रखरखाब की जिम्मेदारी करना जरूरी नहीं समझा जाता है। जिस श्रीधाम वृंदावन में प्रतिदिन सैकड़ों लक्जरी गाड़ियां और हजारों भक्त आते हैं उस तीर्थ से एक्सपे्रसवे को जाने वाला मार्ग तक ठीक नहीं है। लापरवाही का आलम ये है कि कट से बांके विहारी के आंगन तक के मात्र 7 किमी में 3.4 मार्ग खुदा पड़ा है और 2 किमी ऊबड़ खाबड़ है।...

 वृंदावन धाम से मांट, राया, एक्सप्रेसवे, लक्ष्मीनगर, दाऊजी, महावन, गोकुल, आगरा, दिल्ली, हाथरस, अलीगढ़ आदि का संपर्क मार्ग दुर्दशाग्रस्त है। धाम के पानीगांव पुल से आगे का करीब 2 किमी रास्ता उंचा-नीचा है। गाड़ियां हिचकोले लेती हैं। दो पहिया वाहनों पर बैठने वाले ऊपर उछल जाते हैं। इससे आगे पानीगांव पार करते ही एक्सप्रेसवे कट की ओर बढ़ने पर करीब 3.4 किलोमीटर मार्ग खोद के डाल रखा है। इस पर पड़ी बजरी सभी वाहनों का परेशानी देती है। दो पहिया वाहनों को इससे बहुत परेशान होना पड़ता है। कई वाहन इसकी वजह से फिसल भी चुके हैं। कई यात्री चुटेल भी हुए हैं।
 वृंदावन से पानीगांव होते हुए मांट की ओर जाने वाला मार्ग भी ऊबड़ खाबड़ है। इसमें पानीगांव से आगे बहुत खड्डे हैं। दुर्घटना होना आम बात हो गई है। इसी मार्ग में से प्रसिद्ध राधारानी मंदिर मानसरोवर तथा सौर गुद्दर, राया को जाने वाले रास्तों की हालत भी बेहत खस्ता है। ये रास्ते कई साल से खराब हैं, लेकिन इस ओर शासन-प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है।
बांके विहारी के नगर की यातायात व्यवस्था ठीक करने तथा वाहनों को बाहर से होकर सीधे मथुरा मार्ग एवं छटीकरा मार्ग तथा एवं धाम के ही दूसरे इलाकों को भेजने के लिए बनाया गया यमुना किराने का रास्ता वर्षों से खराब है। इसके संबंध में बार-बार आवाजें उठी हैं, लेकिन जिम्मेदार लोगों ने उन्हें भी अनसुनी करना धर्म मान रखा दिखाई देता है।
दूसरी ओर  मथुरा से ब्रज के राजा दाऊजी की राजधानी को जाने वाला मार्ग भी करीब 8 किमी खराब पड़ा है। इस मार्ग का भी उपयोग एक्सप्रेसवे पर चढ़ने और उतरने वाले यात्री करते हैं। एक्सप्रेसवे, बांके विहारी का धाम हों या ब्रज के राजा दाऊजी की राजधानी उनमें दर्जनों जनप्रतिनिधियों-वीवीआईपी, सैकड़ों वीआईपी तथा हजारों अन्य प्रभावशाली लोगों का आवागमन होता है, इसके बावजूद धाम को बदसूरत बनाने का काम निरंतर जारी है।