--बाम नेता बौखलाये मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर पुलिस कार्रवाही को भगवाकरण की वजह बताया
नई दिल्ली. चीन के द्वारा भारत पर
किये गये 1962 के हमले के समय भारतीय कम्यूनिस्टों के
(पाकिस्तान परस्त अफजलगुरु को लेकर नारेबाजी पर नहीं थमरहा हैबबाल--फाइल फोटो) |
मुख्य राजनैतिक संगठन का
विभाजन हो गया था और एक गुट विशेष के चीन के प्रति उदार रवैये के कारण देश भर के
कम्युनिस्टों को संसद के गलियरों से लेकर देश के शहरों की गलियो तक ‘कौम के गद्दार’ जैसे अप्रिय फिरकों का सामना करना
पडा था। इसी प्रकार की स्थिति एक बार फिर से बनचली है। सी पी आई के शीर्ष नेता डी
राजा की बेटी का नाम भी जे एन यू में पाकिस्तान परस्त
और भारत विरोधी नारे लगाने वालों में शामिल पाये जाने की खबरों से जहां वामपंथी बचाव की मुद्रा में आगये हैं वहीं कई अन्य राजनैतिक दल आक्रमक हो गये हैं।
और भारत विरोधी नारे लगाने वालों में शामिल पाये जाने की खबरों से जहां वामपंथी बचाव की मुद्रा में आगये हैं वहीं कई अन्य राजनैतिक दल आक्रमक हो गये हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नारेबाजी करने वाले 20
लोगों की जो लिस्ट बनाई गई है उसमें लेफ्ट नेता डी राजा की बेटी का
भी नाम शामिल है।सीताराम येचुरी की अगुआई में शनिवार को लेफ्ट नेताओं ने होम
मिनिस्टर से मुलाकात की। बीजेपी ने कहा कि जेएनयू में कुछ लोग हाफिज सईद की भाषा
बोल रहे हैं।
उधर एक जानकारी के अनुसार कई पूर्व
सैनिक अधिकारियों ने यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को एक लेटर लिख कर कहा है कि उन्हें
अब जेएनयू से जुड़ा होने में दिक्कत महसूस हो रही है, क्योंकि यह एंटी नेशनल एक्टिविटीज का अड्डा बन गया है। उनका कहना है कि
अगर ऐसी एक्टिविटीज की इजाजत दी जाती है, तो हम डिग्रियां
वापस करने को मजबूर हो जाएंगे।
जबकि पीएम के लिए कुछ दिनों पहले
अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया। राजनीतिक विरोध के नाम ज्यादती की जा रही है।
जांच जारी है। जो कार्रवाई होनी है वो होगी।
इस मामले में सीपीएएम नेता सीताराम येचुरी, सीपीआई लीडर डी. राजा और जेडीयू नेता केसी त्यागी शनिवार सुबह इस मसले पर राजनाथ सिंह से मुलाकात करने पहुंचे।मीडियामेंआई रिपोर्टोंकोनजरअंदाजकर मुलाकात के बाद येचुरी ने कहा, '' ये मामला गंभीर है। इस तरीके से पूरी यूनिवर्सिटी को देशद्रोह की छाप लगा कर कार्रवाई की जा रही है। यह इमरजेंसी से भी बदतर हो रहा है। ''जेएनयू के स्टूडेंट देशद्रोही हैं, ये कोई नहीं मानेगा। यूनिवर्सिटी से देश के सबसे बड़े अफसर, आईएएस, आईएफएस कई बड़े अफसर निकले।
इस मामले में सीपीएएम नेता सीताराम येचुरी, सीपीआई लीडर डी. राजा और जेडीयू नेता केसी त्यागी शनिवार सुबह इस मसले पर राजनाथ सिंह से मुलाकात करने पहुंचे।मीडियामेंआई रिपोर्टोंकोनजरअंदाजकर मुलाकात के बाद येचुरी ने कहा, '' ये मामला गंभीर है। इस तरीके से पूरी यूनिवर्सिटी को देशद्रोह की छाप लगा कर कार्रवाई की जा रही है। यह इमरजेंसी से भी बदतर हो रहा है। ''जेएनयू के स्टूडेंट देशद्रोही हैं, ये कोई नहीं मानेगा। यूनिवर्सिटी से देश के सबसे बड़े अफसर, आईएएस, आईएफएस कई बड़े अफसर निकले।
बाम पंथियों का कहना है कि आरएसएस की
विचारधारा लागू करवाने के लिए एजुकेशन इंस्टीट्यूट पर हमला हो रहा है। मिनिस्टर ने
कहा कि किसी निर्दोष पर केस नहीं होगा।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के प्रेसिडेंट कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी का लेफ्ट पार्टियों ने विरोध किया था। जबकि डी राजा का कहना है कि मेरी बेटी और मुझ पर देशद्रोह का आरोप लगाने वाले क्या पागल हैं?''अब लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी, डी राजा और नीलोत्पल बसु जेएनयू कैंपस जाकर स्टूडेंट्स से मुलाकात करेंगे।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के प्रेसिडेंट कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी का लेफ्ट पार्टियों ने विरोध किया था। जबकि डी राजा का कहना है कि मेरी बेटी और मुझ पर देशद्रोह का आरोप लगाने वाले क्या पागल हैं?''अब लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी, डी राजा और नीलोत्पल बसु जेएनयू कैंपस जाकर स्टूडेंट्स से मुलाकात करेंगे।