2 जनवरी 2016

गुजरात सरकार ने पाटीदार आंदोलन के 74 मुकदमें लिये बापस

--भाजपा के ग्राफ में निरंतर गिरावट से मोदी ने गुजरात पैटर्न कहना छोडा

नई दिल्‍ली:भारतीय जनता पर्टी की गुजरात सरकार कमजोर सरकारों की तरह समझौतावादी 
(भाजपा के लिये अबतक लाइलाज)
सरकारों के तरीके अपनाने के रास्‍ते पर चलना शुरू हो गयी है। नये साल में राज्‍य सरकार ने घटती अपनी लोकप्रियता का बचाने के अंतिम प्रयास में उन 74 मुकदमों को  एक साथ वापस ले लिया है जिनमें 382व्‍यक्‍ति वांछित थे।  ये सभी मुकदमे पिछले साल ह्रदिक पाटेल के पाटीदार समाज को आरक्षण दिये जाने की मांग को लेकर चलाये गये आंदोलन के दौरान दर्ज हुए थे। यह फ़ैसला बीते हफ़्ते स्थानीय निकायों में भारतीय जनता पार्टी की हार के
बाद लिया गया है.
गुजरात सकार की ओर से जारी आधिकारिक जानकारी में कह गया है कि सरकार के प्रवक्ता मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने मुक़दमे वापस लेने का आदेश गृह मंत्रालय को दे दिया है और सभी वांछित इनसे मुक्‍त हो जायेंगे।  उधर आरक्षण आंदोलन की संचालक समिति की ओर से  वरुण पटेल ने कहा, सरकार ने केवल उन्‍हीं मुकदमों को वापल लिया हैं जो अदालत में नहीं टिक ही नहीं सकते थे। समिति ने मांग की है कि जो लाग अब भी जेल में बन्‍द रह गये हैं राज्‍यसरकार को उन्‍हे भी रिहा करना चाहिये। समितिसरकार की हर रियायत और उदारताको पाट्टीदार समाज को दो भागों में बांटने के प्रयासों में देखती आ रही है, इस ताजा कदम से यही आशंका व्‍यक्‍त की है।
वैसे पिछले साल चले आंदोलन के दौर में 1,700 लोगों को गिरफ़्तार किया गया था, जिनमें से 14 को छोड़ बाकी सब को ज़मानत मिल गई थी।यह बात अलग है कि हार्दिक पटेल अपने चौदह समर्थकों सहित अब भी जेल में बन्‍द हैं। इन पर राष्‍ट्रद्रोहका मुकदमा दर्ज होने से अगर सरकारचाहे भी तो उसे एक जटिल प्रक्रिया से गुजरना पडेगा।
शिवसेना के पैटर्न पर आंदोलन के कुछ दिन बाद ही अपनी मांग को सुर्खियों में बनाये रखने के लिये राजकोट में होने वाले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच का विरोध करने का ऐलान किया था । जिसपर पटेल को गिरफ़्तार कर हार्दिक और उनके समर्थकों पर राष्ट्रद्रोह का अभियोग लगाया गया था। भाजपा की सरकार को पाटीदार आंदोलन के बाद भारी धक्‍का लगा है, स्‍थानीय निकाये चुनाव में उसकी बुरी तरह से पराजय हो चुकी है।प्रधानमंत्री श्री नेरेन्‍द्र मोदी जो कि अपने भाषणों में जब तब गुजरात का मॉड्यूलराज्‍यके रूप में इस्‍तेमाल करते थे अब अब उल्‍लेख करने भर से बचने लगे हैं। यहीं हीं मुख्‍यमंत्री आनंन्‍दी बेन पटेल के खिलाफ भी पार्टी मे जबरदस्‍त माहौल खडा हो गया है।केन्‍द्र में मोदी सरकार को कमजोर करने के लिये भाजपा के गुजरातसेसफायेके लिये बिहार और म प्र के मुख्‍यमंत्रियों की खास दिलचस्‍पी है।किन्‍तु जहा नीतीशकुमार खलकर आरक्षण आंदोलन के समार्थन में है,वहीं श्री अरविद केजरीवाल इस मुददे से अपने को जहां दूर रखना चाहते हैं वहीं दूसरी ओर हृदिक पटेल को मजबूत करने में दिचचस्‍पी रखतेहैं।