पूर्व की भ्रामक सूचना के बाद बना प्रतिकूल माहौल की गर्महाट हुई ठंडी

केंद्र ने कहा है कि उसके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया। रूसी सूचना केंद्र ने कहा है कि पिछले बयान में कहा गया था कि सूची में शामिल किए जाने को लेकर भारत या गोवा पर कोई चर्चा नहीं हुई। केंद्र ने कहा कि मुख्य मकसद यह दिखाना था कि मिस्र और तुर्की जैसे रूसियों के लिए लोकप्रिय गंतव्यों के तनाव ग्रस्त होने से गोवा एक संभावित विकल्प है.एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए रूसी सूचना केंद्र की प्रमुख एकातेरिना बेलियकोवा ने कहा कि रूसी फेडरेशन की संसद के प्रथम उपाध्यक्ष इवान मेलनिकोव ने रूसी नागरिकों के लिए सुरक्षित पर्यटन स्थलों की उपलब्धता में सुधार के प्रस्ताव के लिए एक गोलमेज बैठक की पेशकश की थी। इन स्थलों में क्यूबा, दक्षिणी वियतनाम और दक्षिणी चीन जैसे देश शामिल थे।
बेलियकोवा ने कहा कि हमारे बयान में
भारत को यात्रा के लिहाज से सुरक्षित देशों की सूची से हटाने या असुरक्षित देशों
की सूची में भारत को शामिल करने के संबंध में कोई सूचना नहीं थी जैसा कि भारतीय
मीडिया में आयी कई रिपोर्टों और सुखिर्यों में प्रकाशित किया गया है। उन्होंने
बताया कि भारत और गोवा के नाम, हो सकता
है कि चर्चा के समय अक्सर नहीं लिए जाते हों लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि गोवा
या भारत को असुरक्षित घोषित कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि रूस से आने वाले पर्यटकों
की गोवा के साथ ही आगरा में भी संख्या काफी अधिक होती है।