--शाहान ने बढायी आगरा और डी पी एस की शान
बैंगलूर :ग्यारह वर्षीय शाहान अली मोहिसिन के लिये
वे क्षण हमेशा के लिये अवस्मरणीय हो गये जब उसे 2015 जे के टायर नेशनल रोटैक्स
मैक्स कार्टिंग चैम्पियनशिप की माइक्रो मैक्स श्रेणी में सर्वोच्चता के सम्मान
से नवाजा गया।अत्यंत भावुक होकर वह बोला कि ‘मैं शब्द अभिव्यक्ति भूल चुका हूं यह वह
अवसर है जिसकी हमें लम्बे अरसे से तलाश थी’।उसका कहना है कि यह टीम की उपलब्धि
थी जिसमें मेरा परिवार और वे सभी शामिल थे जिन्हों ने इस लक्ष्य को प्राप्त
करने में सहयोग..
दिया।सचमुच शाहन के लिये यह एक विशेष अवसर और भी महत्वपूर्ण हो गया था क्यों कि शाह आलम सर्किट मलेशिय में आयोजित रोटेक्स मैक्स चेलैंज एशिया में भी विजय दर्ज करवा चुका था।यही नहीं उसे वर्ष के श्रेष्ठ ड्राइवर का खिताब भी नवाजा गया है जिसके लिये वह अपने आप में खुद ही एक मात्र कम्पटीटर था।
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| (शाहान:अभी मंजिल और हैंं) |
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| (प्रंसिपल विवेक पंत
) डी पी एस आगरा |
दिया।सचमुच शाहन के लिये यह एक विशेष अवसर और भी महत्वपूर्ण हो गया था क्यों कि शाह आलम सर्किट मलेशिय में आयोजित रोटेक्स मैक्स चेलैंज एशिया में भी विजय दर्ज करवा चुका था।यही नहीं उसे वर्ष के श्रेष्ठ ड्राइवर का खिताब भी नवाजा गया है जिसके लिये वह अपने आप में खुद ही एक मात्र कम्पटीटर था।
शाहन जहां कडे रेस मुकावलों के लिये मेहनत करता है
वहीं दूसरी ओर अपनी पढाई और स्कूल के द्वारा अन्य किसी भी छात्र की तरह की जाने
वाली अपेक्षाओ पर खरा उतरने को भी तत्पर रहता है। वह अपनी उपलब्धियों के लिये
जे के टायर और श्री संजय शर्मा का नाम लेना नहीं भूलता है।उसका कहना है कि अकबर
इब्राहिम और रेसिग क्रू के द्वारा उसे जो लगातार गइडेंस दी गयी उसी से उपलब्धियां
न केवल अब संभव हुयीं बल्कि आने वाले समय में इनमें और इजाफा होगा।
शाहान अली मोहिसिन उन किशोरों में हैं जिनपर दिल्ली पब्लिक स्कूल
आगरा ही नहीं कोयी भी वह विद्यालय जहां कि वह पढते हैं गर्व महसूस करता है।स्कूल
के प्रंसिपल श्री विवेक पंत को उससे भारी अपेक्षायें हैं ।उनका कहना है कि जितना
वह अपने शौक के प्रति समर्पित है उतना ही पढायी के लिये भी और उम्मीद करते हैं
कि आगे भी उसकी तरक्की में दोनों का समन्वय बना रहेगा। जब बच्चे ट्राइस्किल
चलाने के शौक तक सीमित रहते हैं और क्रिकेट के खोल में दिलचस्पी लेना शुरू
करते हैं ,वहीं शान उस उम्र में टैलीविजन पर फार्मूला -1 रेस देखता था और कारो व
इंजनो के फोटो दक्खटे करता था।वह केवल सात साल का था जबकि हैदराबाद में एक रेसिह ट्रैक पर ‘गो
कार्ट’ चला कर देखने वालों को आश्चर्य में डाल दिया था।संभवत: उसी समय यह स्पष्ट
हो गया था कि उसमें रेसिग क्षेत्र मे कुछ कर दिखाने की अभूतपूर्व क्षमता हैऔर वह
पेशेवर कार्डिग के लिये उपलब्ध होने जा रहा है।
शाहन ने दिल्ली पब्लिक स्कूल के छात्र के रूप
में आपना सफर महज आठ साल की उम्र से शुरू कर दिया था ,जबकि उसने दस साल से कम
उम्र के बच्चों के लिय आयोजित इन लाइन स्कैटिग चैम्पियनशिप में मैडिल
जीता। कार्ट ड्राइविग की अधारभूत ट्रेनिग के बाद शाहन ने 1913 में जे के टायर
नेशनल रोटेक्स कार्टिग चैम्पियनशिप में भाग लेकर सबको आश्चर्य में डाल दिया।एक
साल के बाद ही उसने 2014 में नेशनल चैम्पियनशिप में भाग लेने के साथ ही ऐशिया
लेविल कार्टिंग में भी किस्मत आजमान पहुंच गया।

