--वाइल्ड लाइफ एस ओ एस का एडीए के साथ करार ,दो महीने में हो जायेगा काम शुरू
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(कुत्तो के बाद अब शुरू होगी बन्दरों की नसबन्दी,यह बात अलग है कि उनकी संख्या में इससे खास फर्क नहीं पडा) |
आगरा, दिल्ली के एन जी ओ एस ओ एस वाईल्ड लाइफ
को आगरा में एक के बाद एक सफलता मिलती रही हैं अब इनमें से ताजी है बन्दर पकडने
को दी जाने वाली जिम्मेदारी की। भालुओं को कलंदरों से छुडवाने के बाद वन्य
जीवों को पकडकर उनके पुनर्वास योग्य ठिकानों पर छोडने के अलावा हाथियों का अभ्यारण्य
(रैस्कूयू सेंटर)ही अब तक इसके द्वारा संचालित किया जा रहा था जबकि अब यह आगरा
के बन्दरों पर हाथ अजमाने जा रहा है। आगरा विकास प्राधिकरण औरवालल्ड लाइफ एस ओ
एस के बीच बन्दरों पर नियंत्रणप करने के लिये जो करार हुआ है उसके तहत पहले बन्दारों
की गणना कर उनकी सही स्थिति की जानकारी ली जायेगी। इसके बाद उनके एंटी रैवीज
टीके लगाये जायेंगे जिससे उनके द्वारा काटे जाने पर भी किसी को क्षति नहीं हो।
इसके बाद उनकी आबादी
को कम करने के लिये नसबन्दी का अभियान चलेगा।
को कम करने के लिये नसबन्दी का अभियान चलेगा।
गत दिवस
हुए एग्रीमेंट के बाद दो महीने के भीतर एस ओ एस अपना काम शुरू कर देगा ।एक साल की
अवधि में गणना का काम पूरा हो जायेगा तथा ऐंटी रैवीज टीके लगाये जाने की प्रक्रिया
शुरू हो जायेगी। इसके बाद शुरू होगा नस बन्दी का सिल सिला। वालल्ड लाइफ एस ओ
एस की को फाऊंडर गीता शेष मनी का कहना है कि नस बन्दी से बन्दरों की संख्या नियंत्रित
हो जायेगी और यही उनकी संख्या लम्बे समय तक सीमित रखने का कारगर तरीका है।
हालांकि
स्ट्रीट डॉग के मामले में भी टीका करण और नस बन्दी को ही अपनाया हुआ है किन्तु
इससे उनकी न तो संख्या बढना रूक सकी है और नहीं नागरिकों को काटने की घटनाओं में
ही कोई कमी आयी है।