--हाथरस-अलीगढ हाईवे काटने को कुदाल चलाने की अनुमति का इंतजार
--सहपऊ नहर के नहरें कमांड ऐरिया की नहरों का एत्मादपुर को भी मिलेगा फायदा
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समांनर हाथरस नहर:शयद अब दूर हो बदहाली |
आगरा, अगर राष्ट्रीय राजमार्ग नम्बर 93 को काटकर नहर का
काम पुरा करवाना संभव हुआ तो आगमाी रबी की बुबाई तक हाथरस समांन्तर नहर चलना शुरू हो जायेगी। हाई वे कटिग के लिये नेशनल हाई वे अथार्टी को सिचाई विभाग की ओर से अनुमति को अर्जी दी जा चुकी है
जो प्रोसिसिंग में है। तीन दशक से बन्द पडी यह नहर जनप्रतिनिधियों के संरक्षति
ठेकेदारों और सिचाई विभाग के अधिकारियों की मिली भग से होते रहे भ्रष्टाचार
के कारण बन्द रहती आयी है।नहर के अनुरक्षण को आता रहा पैसा बिना काम करवाये निपटाया जाता रहा है।
शासन से जो धन पिछली
सरकार की स्वीकृतियों के सापेक्ष मिलता रहा है उससे नहर
के सभी पुलों की मरम्मत का काम अब पूरा हो चुका है।साथ ही किसानों के दावों के भुगतान के लिए 3.36 लाख रुपया भी सिंचाई विभाग ने न्यायालय में जमा कर दिया है। अगर यह नहर चालू हो सकी तो अलीगढ़, हाथरस, ऐटा के साथ ही आगरा के कई इलाकों के किसानों को लाभ मिलेगा।
के सभी पुलों की मरम्मत का काम अब पूरा हो चुका है।साथ ही किसानों के दावों के भुगतान के लिए 3.36 लाख रुपया भी सिंचाई विभाग ने न्यायालय में जमा कर दिया है। अगर यह नहर चालू हो सकी तो अलीगढ़, हाथरस, ऐटा के साथ ही आगरा के कई इलाकों के किसानों को लाभ मिलेगा।
हाथरस ब्रांच नहर में आवश्यकता के अनुसार पानी की आपूर्ति
कराने के लिए पोपिया कोठी, नयावास
एवं सहपऊ रजवाहा के पास समानांतर हाथरस ब्रांच नहर में कर्न्वटरों का निर्माण
कराया गया है, जिनके माध्यम से हाथरस ब्रांच नहर में पानी छोड़ा जाएगा, जिससे
किसानों को टेल तक के कुलावों में आवश्यकता के अनुरूप पानी मिल जाएगा। हाथरस
ब्रांच नहर की समानांतर ब्रांच की लंबाई 62.6 किलोमीटर
है,
जोकि रामगंगा नहर भूरे खां (इगलास) से शुरू होकर सहपऊ रजवाहे पर
पहुंचकर समाप्त हो होती है। समानांतर हाथरस, हाथरस ब्रांच नहर के संचालन से पूर्व
एक बार फिर इसमें उगी हुई झाड़ियों की सफाई एवं दौलों की मरम्मत के काम की जरूररत
सिचाई विभाग मान रहा है,इसके लिये भी अलग से एस्टीमेट तैयार कर शासन को भेज दिया गया है। हाथरस
ब्रांच नहर से क्षेत्र के किसानों को 800 क्यूसिक
पानी की आवश्यकता है, जबकि मौजूदा समय में नहर क्षेत्र के किसानों को 5.50 क्यूसिक
पानी ही उपलब्ध करा पा रही है। समानांतर हाथरस ब्रांच नहर का संचालन पूर्ण होने के
बाद क्षेत्र के सभी किसानों की 800 क्यूसिक
पानी की आवश्यकता पूर्ण हो जाएगी।
उल्लेखनीय है कि अनुरक्षण के कार्य में दशकों से जारी
रहे घोटालों के कारण सिंचाई विभाग को हाथरस
ब्रांच नहर की समानांतर नहर को सुचारू करने के लिये 2.75 करोड़
रुपये की जरूरत आंकी गयी थी। किन्तु अब तक इस पर इस राशि से भी कही अधिक धन किश्तों
में खर्च हो चुका है।