--पीने के पानी की समस्या हल करने को रॉवाटर भी उपलब्ध करवायेगा
--यमुना नदी को लेकर सोशल मीडिया में छिडी बहस में उठ रहे मुद्दों की जानकारी मंत्री को दी
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(सिचाई मंत्री शिवपाल सिहं) |
आगरा:महानगर की पेयजल समस्या के समाधान को राज्य
सरकार पर दबाव बनाये जाने के लगातार प्रयास होते रहे हैं ,इसी प्रकार की कोशिश मंगलवार
को नगर निगम पार्षद डा कुन्दनिका शर्मा और साहित्यकार डा शशांक प्रभाकर के द्वारा
भी की गयी। प्रदेश के सिचाई एवं लोक निर्माण मंत्री शिव पाल यादव से लखनऊ में
मुलाकात करने के दौरान उन्हों ने मंत्री को बताया कि अब हालात बद से बदतर हो चुके
है,लोग सिचाई विभाग को एक्शन में देखना चाहते हैं।इस पर श्री यादव ने कहा कि
वे यह कैसे समझ रहे हैं कि समाजवादी पार्टी की
सरकार खामोश बैठी है।
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(ड शशंक प्रभाकर एवं डा कुन्दनिका शर्मा) |
श्री यादव ने उन्हे बताया कि इस बार ग्रीष्म
काल में यमुना नदी में पानी की कमी नहीं होने दी जायेगी।इसके लिये उन्होंने एक
प्लान बनवाया है जिस पर मई के दूसरे सप्ताह के अंत से अमल शुरू हो
जायेगा।।नदी में प्रदूषण की मात्रा
कम करने के लिये गंगा के पानी की अतिरिक्त राशि के इंतजाम की दिशा में भी प्रयास शुरू किये जा वुके हैं।
कम करने के लिये गंगा के पानी की अतिरिक्त राशि के इंतजाम की दिशा में भी प्रयास शुरू किये जा वुके हैं।
श्री यादव ने यमुना की बदहाली का मामला और डाउन
स्ट्रीम में रबड डैम बनाये जाने के औचित्य
का मामला सोशल मीडिया में बहस का विषय बनजाने की जानकारी दिये जाने पर कहा कि
ताजमहल के डानस्ट्रीम में रबर डैम बन जाने से यमुना नदी में ताजमहल के पीछे तो
पानी रहेगा ही साथ ही पर्यटकों के लिये नौकायन भी अपने आप में एक अतरिक्त आकर्षण
साबित होगा। एक जानकारी में मंत्री ने कहा कि इस डैम को बडे आकार का बनवायेगे जिससे
इसकी जलसंचय क्षमता बढ जायेगी।पूर्व में आगरा नगर निगम की पार्षद डा कुन्दनिका
शर्मा ने कहा कि बैराज का मामला अब टलना नहीं चाहिये,जो भी स्थल तय हो जाये
वहां काम शुरू हो जाना चाहिये।जलसंस्थानों के लिये रॉवाटर का भंडारण आगरा के
भविष्य से सीधे तौर पर जुडा मामला है।जुलाई से अगस्त तक के महीनों के अलावा शेष
आठ महीने पानी की किल्लत वाले होते हैं।ताज बैराज के अलावा आगरा को पानी उपलब्ध
करवाये जाने के जो अन्य विकल्प हो सकते हैं उनके बारे में भी सरकार को विचार
करना चाहिये।
हिन्दी
के प्रख्यात साहित्यकार डा शशांक प्रभाकर ने मंत्री को बताया कि आगरा की सबसे
बडी जरूरत यमुना को ताजा पानी से भरपूर रखने की है।अगर एक साथ इतना पानी आगरा के
लिये कही से डिस्चार्ज करना संभव नहीं हो तो भी न्यूनतम बहाव बनाये रखने के
लिये तो जरूरी मात्रा में ताजा पानी चाहिये ही।उन्होंने मंत्री को बताया कि वर्तमान में आगरा तक
काफी कम पानी बहकर पहुंचता है।ओखला बैराज से आगरा के लिये केवल सौ क्यूसेक पानी
ही डिस्चार्ज किया जाता है,हिडन नदी कभी यमुना की विश्वसनीय ट्रिबयूटरी हुआ
करती थी किन्तु अब शून्य डिस्चार्ज की स्थिति में है ओर इसमें से केवल
गाजियाबाद का अनट्रीटेड सीवर ही यमुना नदी में पहुंच रहा है।
डा प्रभाकर ने कहा कि ताजमहल के डाउन स्ट्रीम
में बैराज जरूर बनायें यह ताजमहल ही नहीं, पर्यटन की अन्य गतविधियों को भी पूरा
करने वाली होगी ।साथ ही ताजगंज और बरौली अहीर विकास खंड के अर्धशहरी गांवों का
जलस्तर भी सुधारेगी। किन्तु महानगर के तीनों जलकलों(दो सिकंन्दरा जलकल परिसर
,एक जीवनी मंडी परिसर) के इंटेक वैलो को नदी के स्वभाविक बहाव से तभी रॉवाटर मिलता
रहना संभव है जबकि जीवनी मंडी जलकल के अपस्ट्रीम में जलभंडारण संभव हो।यही नहीं रॉवाटर की गुणवत्ता जलकलाे की जरूरत को भी पूरा करने वाली हो।
डा कुन्दनिका शर्मा ने कहा कि मंटब्रांच बल्देव
के पास पचावर गांव में खत्म होती है और उससे धिगेटा राजवाह, बल्देव राजवाह तथा अवशेष
ओवर फ्लेा डिस्चार्ज को पंचावर नाला निकलता है।इनमें से पचावर नाले और बल्देव
राजवाह के माध्यम से आगरा को गोकुल बैराज के डाउन में आसानी से पानी दिया जा
सकता है।आगरा जलसंस्थान ने इसके लिये योजना बनाकर प्रशासन और सिचाई विभाग
के समक्ष रखी भी थी किन्तु तब मांट ब्रांच और बल्देव राजवाह जीर्णशीर्ण हालत में
थे जबकि अब मांठ ब्रांच के मेन चैनल पर उसकी क्षमता पुनर्स्थापना के काम को सिचाई
विभाग करवा चुका है।बल्देव राजवाह की हालत भी सुधरी है तथा पचावर ड्रेन को भी
अवरोध मुक्त किया गया है।
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ताज महल के पउे इस सूखे मैदान में अठखेलियां किया करेंगी लहरें |