विरोध भी नहीं रोक पायेगा अतरौली के सौर ऊर्जा प्लांlट की नीलामी
--बैटरी बैकअप डिवाइस न लगाये जाने के कारण प्लांट
रहा नाकाम

--अनुरक्षण की कार्यनीति नजर अंदाज कर नये प्लांटों
की तैयारी
आगरा,वैकल्पिक ऊर्जा प्रोजेक्ट भले ही सब्सिडियों
की सहायता के बाद भी संचालित रखना मुमकिन नहीं हो पाता हो किन्तु सरकारी
एजेंसियों इन्हे लगवाने और उखडवाने के काम में चौकस हैं। दोनो ही मामलो में पब्लिक
और नोडल एजेंसियां भले ही कितने ही घाटे में रहे किन्तु बिचौलियों का फायदा
ही फायदा है।
सबसे दिलचस्प तथ्य यह है कि जहां एक ओर राज्य
सरकार नये प्लांट लगवाने को प्रोत्साहन की बात कर रही है वहीं दूसरी ओर अलीगढ के
अतरौली क्षेत्र में 12 साल पहले तीन करोड की लागत से लगे प्लांट को नीलामी कर बिकवाने
को आमादा है।यही नहीं प्लांट को कंडम घोषित कर नीलाम करवाने को सक्रिय प्रदेश
सरकार को भारत सरकार ने उसकी सौर ऊर्जा क्षेत्र में उपलब्धिक के लिये पुरुस्कृत भी किया है। अतरौली के बडे घाटे और उसके कारणों के निराकरड को
नजर अंदाज कर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा राज्य में सौर ऊर्जा उपकरणों पर से
वैट समाप्त सोर ऊर्ज उत्पादन के काम को बढावा मिलेगा।।मुख्य सचिव आलोक
रंजन के अनुसार ऊर्जा क्षेत्र प्रदेश सरकार की प्राथमिकता का क्षेत्र है। वैकल्पिक
ऊर्जा के क्षेत्र में भी तेजी से काम हो रहा है।
उधर दूसरी ओर अपने प्लांट को कडैम घोषित करने से
आक्रोषित ग्रामीणों में भारीरोष हैऔर उन्होंने नीलामी के लिये मूल्यांकन करने
आयी नेडा की टीम के सदस्यों की केवल मार ही नहीं लगायी अन्यथा डांट फटकार लगाने
में कोई कसर नही छोडी है।गामीणों का कहना है कि अगर बैटरियों में बैकअप लगा होता
तो वे बजली उत्पाद
न करती रहतीं।