29 अप्रैल 2015

गोबर्धन के तहसील बनने के बावजूद मथुरा को नहीं मि‍ल पायेगी बडी राहत

--आगरा मंडल में अकोला तहसील के गठन की सबसे पुरानी मांग एक बार फि‍र पि‍छडीं

(गोबर्धन तहसील का प्रस्‍तावि‍त नक्‍शा)
आगरा,मंडल में इस समय नयी तहसील के गठन की मांग का सबसे पुराना प्रस्‍ताव आगरा की अकोला तहसील का है ,जबकि‍ सपा सरकार के दौरान गठि‍त हुई तीन नयी तहसीलों में अब मथुरा जनपद की गोबर्धन तहसील और शामि‍ल हो गयी है। गत सप्‍ताह हुई कैबीनेट की बैठक में इस नयी राजस्‍व इकाई के लि‍ये प्रस्‍ताव पारि‍त हुआ था तथा अब शीघ्र नया तहसीलदार कार्यालय काम शुरू कर देगा। सबसे महत्‍वपूर्ण है कि‍ तहतसील के गठन का कि‍सी भी स्‍तर से वि‍रोध नहीं है इसका भाग बनने जा रही अधि‍कांश ग्राम पंचायतें शासन के इस नि‍र्णय को अपने लि‍ये उपयोगी मान रही
हैं। बृज वि‍रासत क्षेत्र वि‍कास प्राधि‍करण के गठन के बाद जनपद में राजस्‍व इकाईयों के पुनर्गठन कर नयी तहसील बनाये जाने का यह पहला मामला है।हालांकि‍ इस तहसील के गठन का श्रेय तत्कालीन प्रभारी मंत्री देवेन्द्र गुप्ता
को ही दि‍या जा रहा है कि‍न्‍तु हककत में कांग्रेस नेता एवं मथुरा के वि‍धायक प्रदीप मथुर का असर इसमें अधि‍क प्रभावी रहा है।
मथुरा वासि‍यों के समक्ष इस समय एक ऐसा संक्रमण काल चल रहा है जि‍सके समाप्‍त होने तक तमाम ऐसे नि‍र्णयों में नागरि‍क अपने को बंधा पायेंगे जि‍नमें से अनेक उनके सामने समस्‍या उत्‍पन्‍न करने वाले होगे।मथुरा हाल में ही नेशनल कैपीटल रीजन के तहत आया है।इसके तहत एन सी आर वाल सभी प्रति‍बंध मथुरा पर लागू हो गये हैं। मथुरा नगर नि‍गम के गठन की घोषणा की प्रक्रि‍या भी चालू वि‍त्‍तीय वर्ष में ही होनी हैजि‍सके बाद जनता को तो कोई खास फायदा नहीं मि‍लना है हां नगर नि‍गम की नौकरशाही की नि‍रंकुशता और बढ जायेगी। कि‍सी प्रकार बृंदावन भले ही अलग नि‍काये के रूप में बच जाये कि‍न्‍तु अन्‍य कई स्‍थानीय नि‍कायों का अस्‍ति‍त्‍व वि‍लुप्‍त हो जना तय है।
सबसे दि‍लचस्‍प तथ्‍य यह है कि‍ मथुरा के ऊपर जो भी नि‍ र्णय हो रहे हैं उनमें ज्‍यादातर के प्रेरक वह लोग हैं जि‍नको मथुरा के आम जनजीवन के द्वारा की जा रही वास्‍तवि‍क्‍ताओं से कम ही लेना देना है।ज्‍यादतर आऊट साइडर हैं और अध्‍यात्‍मि‍क सुख के लि‍ये ही यहां आते रहे हैं।
वर्तमान में मथुरा के अधि‍कांश जि‍ला मुख्‍यमार्ग (डी एम आर)जरजर हालत में हैं,वर्षा जल नि‍कासी का कोई प्‍लान इस समय प्रभावी नहीं है।सीबर और ड्रेनेज मास्‍टर लन आपस मे गडमड कर डाले गये है फलस्‍वरूप सीवरेज ट्रीमेंट सि‍स्‍टम फेल हो चुका है।कूडा नि‍स्‍तारण के लि‍ये लैडफि‍ल साइट तक उपलब्‍ध नहीं है।
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गोबर्धन तहसील एक नजर में
मंडल: आगरा
जि‍ला मुख्‍यालय : मथुरा
भाषा: हि‍न्‍दी और उर्दू
धरातल की ऊंचाई: समुद्र तल से 182 मीटर ऊंचाई
टैलीफोन/एस टी डी कोड: 0565
वाहन पंजीकरण नम्‍बर :यू पी -85
(आर टी ओ मथुरा)