-- यमुना की सहायक
हिंडन नदी अब ले चुकी है नाले का रूप
--बसपा सांसद ने राजय सभा
में उठाया नदी की दुदर्शा का मुद्दा
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(हिंडन की दुर्दशा का मामला सडकों पर गर्माता रहा है किन्तु अब तक यू पी सरकार नहीं हो कसा असर)
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आगरा यमुना नदी में गाजियाबाद
की गंदगी को लाकर ओखला के डाउन स्ट्रीम में डाल कर नदी के ओखला -आगरा भाग को
प्रदूषण से भरपूर करने वाली हिंडन नदी
की दुर्दशा का मामला बहुजन समाज पार्टी के सांसद नरेन्द्र कश्यप ने गत दिवस
राज्य सभा में दमदारी के साथ उठाकर मौजूदा स्थिति में सुधार की मांग की।
बुधवार को हिंडन नदी में प्रदूषण का मामला
उठाते हुए श्री कश्यप ने कहा
कि हिंडन कभी यूपी की प्रमुख नदियों
में हुआ करती थी। लेकिन पिछले कुछ दिनों में
इसकी हालत काफी खराब हुई है। साफ पानी तो दूर अब वह पूरी तरह से नाले के आकार
में तब्दील हो गयी है।
उन्होंने कहा कि सीवरेज ट्रीटमेंट के लिये
समुचित व्यवस्था का तो अभाव है ही किन्तु जो है उसका भी संचालन ढीक ढंग से
नहीं हो रहा है फलस्वरूप नालो और सीवर का गंदापानी सीधा नदी मे जा रहा है।परिणाम
स्वरूप इससे नदी का पानी ऑक्सीजन, बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड आदि
मापदंडो पर खरा नहीं उतर रहा है।
उन्होंने कहा कि हिंडन
का पानी ट्रीट करने के बाद भी पीने लायक नहीं होता। हमें पानी के लिए दूसरे
जिलों पर निर्भर रहना पड़ता है। इसके अलावा इसका पानी खेती में यूज नहीं किया जा
सकता है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि कई जगहों पर गंगा, यमुना की सफाई प्लान में हिंडन
को भी शामिल किया जाए।
(हालांकि यह ममला राज्य
सभा में उठाया गया है जबकि इसका सीधा संबध उत्तर प्रदेश सरकार से है।जल निगम
को सीवर टैप करने और ट्रीटिड पानी को नदी में डिस्चार्ज करने का जिम्मा
है।इसके लिये सभी जरूरी खर्चे दरकिनार कर नगर निगमों को मिलने वाली राज्य
वित्त आयोग की राशि में से अच्छा खासा पैसा जल निगम को मिलता है।जिसे वह
ठेकेदारों के माध्यम से अब तक खर्च करता आ रहा है।जबकि एस टी पी बनाये जाने के
बाद नगर निगमों के तहत चलने वाले जलकल महाप्रबंधकों को हसतांतरित किये जाने
होत हैं।)
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