--सेबी के निर्देशों 1 अक्टूबर 2015 का पालन न करने वालो
को भरने होंगे भारी जुर्माने
--फायल फोटो |
आगरा: महिलाओं की
सामाजिक और कारोबारी क्षेत्र में सक्रिय भागीदारी को बढावा दिये जाने के लिये
भारतीय कंपनियों के बोर्डों में उनकी मौजूदगी सुनिश्चित करने के प्रयास किये
जा रहे है।जिनके तहत फिलहाल उन कंनियों पर फाइन लगाया जायेगा जिनमें उनकी
मौजूदगी नहीं होगी। मार्केट रेग्युलेटर सेबी के नये निर्देश के अनुसार कि उन कंपनियों पर पचास हज़ार
रुपए का दण्ड लगाया जाएगा, जिनमें
महिला निदेशक नहीं होंगे। अगर यह नियम 30 सितंबर के बाद भी लागू नहीं किया जा सका तो
और भी कड़े
कदम उठाए जाएंगे। सेबी ऐसा कदम प्रमोटरों और डायरेक्टर्स सहित कंपनियों के खिलाफ उठाएगा।
कदम उठाए जाएंगे। सेबी ऐसा कदम प्रमोटरों और डायरेक्टर्स सहित कंपनियों के खिलाफ उठाएगा।
सेबी ने चार चरणों में लगने वाली पेनल्टी का ढांचा तैयार किया है। इसमें समय के साथ फाइन बढ़ता जाएगा। महिला डायरैक्टरों की नियुक्ति के मामले में कई सरकारी कंपनियां भी शामिल हैं। उ प्र सरकार की कयी कंपनियों में भी पहलीबार सेबी के आदेश के अनुपालन में नामित सदस्यों के रूप में महिलाओं को अवसर संभव हो सकते हैं।
सेबी ने स्टॉक एक्सचेंजों
से नियम पालन नहीं करने वाली कंपनियों पर फाइन लगाने के लिए कहा था, क्योंकि यह लिस्टिंग अग्रीमेंट का उल्लंघन है। ऐसे में एक
से ज्यादा एक्सचेंज की लिस्ट में शामिल होने से कंपनियों पर फाइन बढ़ता जाएगा।
एक जानकारी के अनुसार , बीएसई की लिस्ट में डेढ हजार से अधिक से ज्यादा और एनएसई में शामिल लगभग दो सौ कंपनियों ने यह नियम नहीं माना है। सेबी ने यह नियम पिछले साल फरवरी में बनाया था। जबकि इसे लागू करने की समय सीमा 1 अक्टूबर 2014तय की गई थी। बाद में इसे छह महीने बढ़ा दिया गया।
एक जानकारी के अनुसार , बीएसई की लिस्ट में डेढ हजार से अधिक से ज्यादा और एनएसई में शामिल लगभग दो सौ कंपनियों ने यह नियम नहीं माना है। सेबी ने यह नियम पिछले साल फरवरी में बनाया था। जबकि इसे लागू करने की समय सीमा 1 अक्टूबर 2014तय की गई थी। बाद में इसे छह महीने बढ़ा दिया गया।