8 अप्रैल 2015

बि‍खरे समाजवादी फि‍र एकजुट होने को तैयार

-समाजवादी कुनवे के नेता होंगे मुलायम और साइकि‍ल होगा चुनाव चि‍न्‍ह

--नये दल के गठन के साथ ही जदयू,जद एस, सपा,सजपा(राष्‍ट्रीय),इनलो के आस्‍ति‍त्‍व हो जायेंगे सामप्‍त

(सजपा नेता कमल मुरारका)
(ओम प्रकाश चोटाला)
(शरद यादव)
 लखनऊ: कभी पूर्व प्रधानमंत्री  वी पी सि‍ह के नेतृत्‍व बोफोर्स तोपों की खरीद में हुए भ्रष्‍टाचार के खि‍लाफ खडे हुए जनमोर्चे से बने राजनैति‍क दल ‘जनता दल’ के बंटे हुए धडे शीघ्र ही समाजवादी पार्टी के चुनव चि‍न्‍ह साइकि‍ल पर सवार होने जा रहे हैं। जनता दल परि‍वार के नाम से एकत्रि‍त होने जा रहे छै क्षेत्रीय  दलों का विलय करके नई पार्टी बनाने की घोषणा 20 अप्रैल तक बन जायेगी । नई पार्टी का नाम और इसके पदाधि‍कारी तो बाद में तय होंगे कि‍न्‍तु इसका नेतृत्‍व श्री मुलायम सि‍ह यादव के द्वारा ही कि‍या जाना तय हो चुका है।यही नहीं इसके साथ ही गठि‍त होने जा रही पार्टी के चुनाव चि‍न्‍ह के रूप में ‘साइकि‍ल’  और नाम के साथ ‘समाजवादी’जोडा जाना भी तय हो चुका है। नये दल के बनने
(लालू प्रसाद यादव)
 के बाद समाजवादी पार्टी, जनता दल (यू), जनता दल (एस), इंडियन नेशनल लोकदल और समाजवादी जनता पार्टी नाम से अलग-अलग अलग अलग सक्रि‍य पार्टि‍यां खत्‍म  हो जायेंगी।नये दल के गठन का तत्‍कालि‍क कोई असर नहीं होगा केवल बि‍हार और उत्‍तर प्रदेश की सरकारें नयी पार्टी के नाम से जानी जायेंगी। 
नयी पार्टी के गठन से समाजवादि‍यों में बनीचली आ रही बि‍खराव की स्‍थ्‍ि‍ति‍ तो जरूर समाप्‍त हो जायेगी कि‍न्‍तु मतदाताओं के ध्रुवीकरण के प्रयासों पर कोई असर नहीं पडेगा।जनता दल परि‍वार जि‍स जनता दल का राजनैति‍क अवशेष है उसके स्‍व वी पी सि‍ह के नेतृत्‍व में लडे गये 
(मुलायम सि‍ह यादव)
चुनावी समर में भारतीय जनता पार्टी साथ थी और डा राम मनोहर लोहि‍या के ‘गैर कांग्रेसवाद’फार्मूले के तहत रणनीति‍ बनाकर लडा था,जबकि‍ वर्तमान में मुख्‍य प्रति‍द्वन्‍दता भाजपा के ही साथ है।जनता दल परि‍वार की नयी पार्टी के बनजाने के बावजूद आने वाले समय में होने वाले चुनावों में वोटरों के सामने कांग्रेस और भाजपा के अलावा बि‍हार में जति‍न राम मांझी के नेतृत्‍व बनने
जा रहा अति ‍पि‍छडों की वकालत वाले दल  वहीं  यू पी में बसपा मत वि‍भाजन की राजनीति‍ में बडे हि‍स्‍सेदार बनने से नहीं चूकेंगे।
जो भी होपूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और हरियणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला और श्री लालू प्रसाद यादव से तो नये दल के सम्‍बन्‍ध में समेत सभी दलों के नेताओं से बातचीत कर चुके हैं और इन सभी को राजनैति‍क अस्‍तत्‍व के लि‍ये नये कलेवर की जरूरत महसूस हो रही है।