--बटेश्वर ,बाह सहित बनाये गये हैं 11 रेलवे स्टेशन
-- मुख्य संरक्षा आयुक्त के दौरे की तारीख तय होने का इंतजार
आगरा, अगर कोई बडी अडचन बीच में नहीं आती है तो आगरा कैंट स्टेशन से मई महीने से फतेहाबाद,
शमाशाबाद, बाह, उदी आदि स्थानों तक रेलवे के द्वारा पहुंचा जाना संभव हो जायेगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार रेलवे इस मार्ग की सुरक्षा जांच तथा
अन्य प्रशासनिक व्यवस्था संबधी इंतजामों को अंतरिम रूप से तय कर चुकी है और आगरा, बटेश्वर इटावा रेलवे ट्रैक को सवारी गाडियां चलाये जाने के सर्वथा उपयुक्त पाया गया है, वर्तमान में इसका टैस्ट पीरियड है और मालगाडियों को इससे होकर गुजराना जारी है।
डेढ़ दशक पूर्व तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने अपने पैतृक गांव बटेश्वर को रेल मार्ग से जोड़ने के लिए आगरा-बाह से इटावा के मध्य रेल सेवा शुरू कराने का यह सपना संजोया था। श्री बाजपेई का पैतृक गांव बटेश्वर भगवान भोलेनाथ का सिद्ध मंदिर होने से अध्यात्म के क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध है, हर साल कार्तिक मास में विशाल पशु मेला लगता है। 2004 में इस परियोजना की आधारशिला रख दी थी। शुरूआत में निर्माण कार्य तेजी से चला, फतेहाबाद, बाह, जैतपुर, उदी सहित 11 स्टेशन इस मार्ग पर बने हैं.इनके अलावा ब्लाक हट का निर्माण कराया गया है।
उधर ¨भिंड से इटावा रेलवे ट्रैक का निर्माण कार्य चुका है भी पूर्ण हो। अब अगर जरूरत है तो मुख्य संरक्षा आयुक्त की अनुमति की.इसके लिये इसी महीने कोई तारीख तय होनी है। यह बात अलग है कि इसके लिये न तो किसी राजनीतिज्ञ ने ही और नहीं रेलवे के संबधित वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा ही फिलहाल कोई नयी पहल नहीं की गयी है।
(भांडई रेलवे स्टेशन:बटेश्वर रेलवे लाइन का ट्रैक शुरू होता है() |
(बृज और भदावर क्षेत्र में छोटी काशी की मान्यता हक् बटेश्वर तीर्थ को) |
डेढ़ दशक पूर्व तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने अपने पैतृक गांव बटेश्वर को रेल मार्ग से जोड़ने के लिए आगरा-बाह से इटावा के मध्य रेल सेवा शुरू कराने का यह सपना संजोया था। श्री बाजपेई का पैतृक गांव बटेश्वर भगवान भोलेनाथ का सिद्ध मंदिर होने से अध्यात्म के क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध है, हर साल कार्तिक मास में विशाल पशु मेला लगता है। 2004 में इस परियोजना की आधारशिला रख दी थी। शुरूआत में निर्माण कार्य तेजी से चला, फतेहाबाद, बाह, जैतपुर, उदी सहित 11 स्टेशन इस मार्ग पर बने हैं.इनके अलावा ब्लाक हट का निर्माण कराया गया है।
उधर ¨भिंड से इटावा रेलवे ट्रैक का निर्माण कार्य चुका है भी पूर्ण हो। अब अगर जरूरत है तो मुख्य संरक्षा आयुक्त की अनुमति की.इसके लिये इसी महीने कोई तारीख तय होनी है। यह बात अलग है कि इसके लिये न तो किसी राजनीतिज्ञ ने ही और नहीं रेलवे के संबधित वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा ही फिलहाल कोई नयी पहल नहीं की गयी है।