-- आतंकवाद, ऊर्जा, मैन्यूफैक्चरिंग,
कौशल विकास, स्मार्ट सिटी, कृषि उद्योग क्षेत्रों में सहयोग पर भी समझौते
(नरेन्द्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर) |
ओटावा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कनाडा यात्रा का महत्वपूर्ण मकसद काफी हदतक कामयाब रहा। यहां हुए एक समझौते के तहत भारत के परमाणु संयंत्रों को इसी साल से अगले पांच वर्ष
तक कनाडा यूरेनियम की आपूर्ति करता रहेगा। इस करार को दोनों देशों के बीच
द्विपक्षीय सहयोग और आपसी विश्वास के एक नए युग की शुरूआत माना जा रहा है।
श्री मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर के बीच बुधवार को
व्यापक बातचीत के बाद हुए इस समझौते के तहत कैमेको कारपोरेशन भारत को
पांच वर्षों तक 3000 मीट्रिक टन यूरेनियम की आपूर्ति करेगा जिसकी अनुमानित कीमत 254 मिलियन अमेरिकी डॉलर (गभग 16अरब रुपये )है। रूस और कजाखिस्तान के बाद कनाडा भारत को यूरेनियम देने वाला तीसरा देश है। यह आपूर्ति अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की सुरक्षा मानकों के तहत है।
पांच वर्षों तक 3000 मीट्रिक टन यूरेनियम की आपूर्ति करेगा जिसकी अनुमानित कीमत 254 मिलियन अमेरिकी डॉलर (गभग 16अरब रुपये )है। रूस और कजाखिस्तान के बाद कनाडा भारत को यूरेनियम देने वाला तीसरा देश है। यह आपूर्ति अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की सुरक्षा मानकों के तहत है।
कनाडाई प्रधानमंत्री के ïसाथ
संयुक्त रूप से संवाददाताओं को संबïोधित
करते हुए मोदी ने कहा, 'हमारे परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के लिए कनाडा से यूरेनियम आपूर्ति का समझौता
द्विपक्षीय सहयोग के नए युग की और आपसी विश्वास के नए स्तर की शुरुआत है। इस
समझौते से स्वच्छ ऊर्जा का प्रयोग कर भारत अपने विकास को मजबूत करेगा। कनाडा ने
1970 में भारत को यूरेनियम और परमाणु
हार्डवेयर पर रोक लगा दी थी। हालांकि 2013 में कनाडा-भारत परमाणु सहयोग समझौता पर
हस्ताक्षर के बाद यूरेनियम आपूर्ति का रास्ता साफ हो गया था।
तीन दिवसीय यात्रा पर यहां आए
मोदी ने हार्पर के साथ आतंकवाद के खतरे, ऊर्जा सहयोग की अपार संभावना, मैन्यूफैक्चरिंग,
कौशल विकास, स्मार्ट सिटी, कृषि उद्योग, अनुसंधान और शिक्षा पर व्यापक विचार
विमर्श किया। दोनों देशों ने कौशल विकास के कुल 13 समझौतों पर हस्ताक्षर किए।