--पांच से दस प्रतिशत तक कम होगी वर्षा
--गेंहूं और धान दोनों की बुबाई पर पडेगा प्रतिकूल असर
(चुनौती भरा होगा अगले मानसून का एक एक दिन) |
आगरा:बेमौसम की वर्षा की मार से परेशान चल रहे किसानों को जून से शुरू होने वाले नये कृषि वर्ष में भी कोई राहत रहने की संभावना नहीं है।भारत सरकार के मौसम विभाग की ओर से अपने अध्ययन के आधार पर अगला मानसून औसत से कमजोर रहने की संभावना जतायी है।दक्षिण पश्चिम मानसून के दीर्घकालीन पूर्वानुमानों से यह संकत मिलता है कि इस वर्ष वर्षा सामान्य से कुछ कम होने की संभावना है।
विज्ञान, प्रौद्योगिकी और भू-विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के लंबी अवधि के औसत के
अनुसार इस बार मानसून के दौरान होने वाली वर्षा के पांच प्रतिशत कम या अधिक होने
की संभावनाओं के साथ 93 प्रतिशत तक होने का अनुमान है। दीर्घावधि औसत, एलपीए के प्रतिशत के संदर्भ में यह 90 और 96 प्रतिशत के बीच हो सकती है और
इसे सामान्य से कम वर्षा माना जाता
है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकारों के विभिन्न उच्चतर अधिकारियों ने इस तरह के पूर्वानुमानों के विवरण की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि एक सामान्य वर्षा की संभावना का पूर्वानुमान सिर्फ 28 प्रतिशत है।
है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकारों के विभिन्न उच्चतर अधिकारियों ने इस तरह के पूर्वानुमानों के विवरण की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि एक सामान्य वर्षा की संभावना का पूर्वानुमान सिर्फ 28 प्रतिशत है।
राज्य मंत्री श्री वाई एस चौधरी ने कहा कि आज के पूर्वानुमानों के आधार
पर कृषि, सिंचाई और ऊर्जा विभाग, किसानों
और विद्युत ऊर्जा परियोजनाओं के लिए आगामी सलाह भी जारी करेंगे।
भू-प्रणाली विज्ञान संगठन (ईएसएसओ) – भारतीय मौसम विभाग दो स्तरों पर दक्षिण पश्चिम
मानसून के पूर्वानुमान लगाता है। आज दिए गए प्रथम स्तर के पूर्वानुमान दीर्घावधि
के लिए हैं, जिसमें 5 पूर्वसंकेतकों पर विचार किया जाता है।
आज के
पूर्वानुमानों के अनुसार वर्तमान में अलनीनो की कमजोर परिस्थितियां प्रशांत
महासागर के ऊपर बन रही हैं और यही परिस्थितियां दक्षिण पश्चिम मानसून के समय भी
बने रहने की संभावना है। भारत के ग्रीष्मकालीन मानसून पर इन परिस्थितियों का गहरा
प्रभाव पड़ता है। आज के पूर्वानुमान में यह भी कहा गया है कि भारतीय मौसम विभाग
प्रशांत और हिन्द महासागर के ऊपर की गतिविधियों पर ध्यानपूर्वक निगरानी रख रहा
है।
दूसरे स्तर के पूर्वानुमान में ईएसएसओ-आईएमडी वर्ष आज किए गए
पूर्वानुमानों को फिर से देश भर के लिए जुलाई और अगस्त 2015 के लिए जून में
अद्यतन करेगा। इसके अलावा, देश के चार भौगोलिक क्षेत्रों के
लिए पृथक रूप से पूर्वानुमान लगाये जायेंगे।