16 अप्रैल 2015

केन्द्र ने गेंहूं खरीद को 506 करोड उपलब्ध करवाये

--खरीद में गुणवत्‍ता को नहीं दि‍या जायेगा महत्‍व

--यूपी फसल क्षति‍ के रूप में मि‍ली 504 करोड की राशि‍ का वि‍तरण अब तक नहीं कर सकी

(मंडी में गेहूं तो पहुचना शुरू हुआ
कि‍न्‍तु क्‍वालि‍टी संकट बरकरार)
आगरा, उत्‍तर प्रदेश सरकार के कि‍सानों तक फसल क्षति‍ मुआबजा पहुंच पाये या नहीं कि‍न्‍तु भारत सरकार की ओर से राज्‍य सरकार को अपेक्षि‍त केंद्रीय अंश की राशि‍ का 504 करोड उपलब्‍ध करवा दि‍या गया है।यह बात अलग है कि‍ राज्‍य सरकार केन्‍द्र  को अब तक फसल क्षति‍ का सटीक वि‍वरण उपलब्‍ध नहीं करवा सकी है,वहीं पैकेज डील के आधार सरकार से धन मांगे जा रही है।
उधर राज्‍य में गेहूं की खरीद का काम पूर्व वर्षों के समान शुरू हो चुका है। उन क्षेत्रों में भी कि‍सान केन्‍द्रो पर पहुंचना शुरू हो चुके जहां कि‍ पूर्व वर्षों में सन्‍नाटे रहा करते थे। जहां
पूर्व में केन्‍द्रीय एजेंसि‍यों का बल केवल क्‍वलि‍टी के माल की खरीद पर ही रहता था जबकि‍ इस बार क्‍वलि‍टी , छनाई ,बि‍नायी को अनदेखा कर कि‍सानों के द्वारा लाया गया सारा माल खरीदा जायेगा।। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि किसानों पर संकट की घड़ी में केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़ी है। केंद्र ने उत्तर प्रदेश के किसानों की फसल ख्‍रीद के लिए 506 करोड़ जारी कर दिए हैं। जल्द ही मोदी सरकार कृषि आमदनी बीमा योजना शुरू करने जा रही है, जिससे किसानों का नुकसान कम से कम होगा।
हालांकि‍ राज्‍य सरकार के कृष वि‍भाग की नि‍रंकुश कारगुजारी से केन्‍द्र सरकार की फसल बीमा योजना का लाभ कि‍सानों को अब तक नहीं मि‍ल सका है कि‍न्‍तु अब  केंद्र सरकार जल्द ही कृषि आमदनी बीमा योजना लाने जा रही है। इस योजना में फसल की बुआई से पहले उसके न्यूनतम मूल्य का बीमा होगा। किसानों का नुकसान बीमा कंपनियां देंगी।