26 सितंबर 2025

आगरा विकास की दौड़ में क्यों पीछे रह गया, जबकि मेरठ तेजी से आगे बढ़ रहा है?

 क्या आगरा फिर से उत्तर प्रदेश का विकास प्रमुख शहर बन सकता है?

( STPI  सेंटर मेरठ )
आगरा, जो कभी उत्तर भारत का गौरव और ऐतिहासिक पहचान था, आज विकास की दौड़ में कई शहरों से पिछड़ता जा रहा है। खासकर मेरठ, जो कुछ साल पहले तक आगरा की तुलना में छोटा औद्योगिक शहर माना जाता था, अब दिल्ली एनसीआर से जुड़ने वाली कई बड़ी परियोजनाओं के कारण तेजी से विकसित हो रहा है। मेरठ में दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, खेल विश्वविद्यालय, औद्योगिक कॉरिडोर और स्मार्ट सिटी जैसी योजनाएं लागू हो रही हैं, जिससे यहां रोजगार के नए अवसर बन रहे हैं और निवेशकों का भी आकर्षण बढ़ रहा है। वहीं आगरा में कई महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट जैसे मेट्रो, इनर रिंग रोड और स्मार्ट सिटी योजना वर्षों से अधूरे पड़े हैं। इसका असर सीधे शहर की आर्थिक प्रगति पर पड़ा है।

आगरा की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से पर्यटन पर निर्भर है, लेकिन यहां कोई नया आर्थिक मॉडल विकसित नहीं हो पाया है। इसके अलावा बड़े उद्योग और आधुनिक शिक्षा संस्थान भी शहर में स्थापित नहीं हो पाए हैं, जिससे युवाओं का पलायन बढ़ रहा है। आगरा के विकास में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी, अधूरी परियोजनाएं और निवेश की कमी प्रमुख बाधाएं बनी हुई हैं। दूसरी तरफ, मेरठ ने बेहतर कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर का फायदा उठाकर तेजी से अपना औद्योगिक और शैक्षिक आधार मजबूत किया है।

फिर भी आगरा के पास कई संभावनाएं मौजूद हैं। विश्वप्रसिद्ध ताजमहल जैसी पर्यटन संपदा, चमड़ा और हस्तशिल्प उद्योग, अच्छी भौगोलिक स्थिति, और युवा आबादी यहां के सबसे बड़े फायदे हैं। बस जरूरत है एक स्पष्ट रोडमैप, प्रभावी नीति, स्थानीय नेतृत्व की जवाबदेही और सरकारी प्राथमिकता की। यदि ये सब संभव हो सके तो आगरा भी एक बार फिर से विकास की दौड़ में तेजी से आगे निकल सकता है। फिलहाल सवाल ये है कि क्या आगरा के लोग और उनकी सरकार इस चुनौती को समझेंगे और अपने शहर को मेरठ जैसे तेजी से विकसित होते शहर के स्तर तक पहुंचाएंगे या इतिहास और पर्यटन के भरोसे पीछे रह जाएंगे।