शोले फ़िल्म अपनी स्वर्ण जयंती मना रही है। हम में से अधिकांश लोगों ने देखी थी। 1975 में जब यह पहली बार रिलीज़ हुई थी, तो शोले एक सनसनी बन गई थी - कुछ सिनेमाघरों में यह पाँच साल से भी ज़्यादा समय तक चली। शायद आपको याद हो शोले 1975 में आपातकाल के दौरान रिलीज़ हुई थी, जो सामाजिक और राजनीतिक उथल-पुथल का दौर था। मैक मोहन के किरदार, सांभा की फिल्म में केवल एक पंक्ति थी, लेकिन उसे अभी भी 'सांभा' के नाम से जाना जाता है। जो डर गया समझो मर गया, तेरा क्या होगा कालिया , ये डायलॉग शायद ही भुलाये जा सकें ।