– नेशनल चैंबर ने मुख्यमंत्री को पत्र भेज बतायीं पेचीदगियां आगरा मास्टर प्लान 2031 हो चुका है,लेट।
आगरा:नेशनल चैम्बर आफ इंडस्ट्री ऐंड कामर्स आगरा ने मुख्यमंत्री अनुरोध किया है कि आगरा के विकास हेतु बनाये गये मास्टर प्लान पर जो आपत्तियां भेजी गई थी ,उनका समयबद्ध तरीके से निस्तारित किया जाना सुनिश्चित करें।
मास्टरप्लान पर प्राप्त जनआपत्तियों की सुनवाई के लिये एडीए उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया था। नागरिकों एवं सामाजिक संगठनों द्वारा भेजी गई आपत्तियों पर कमेटी द्वारा कार्यवाही किया जाना प्रस्तावित था। किन्तु तत्कालीन कमेटी चेयरमैन के ट्रांसफर के उपरान्त नवीन एडीए उपाध्यक्ष जो अब कमेटी के अध्यक्ष हैं आपत्तियों पर कार्य करना उनके लिए मुश्किल हो रहा है। क्योंकि इन आपत्तियों को उनके द्वारा व्यक्तिगत रूप से नहीं सुना गया है।
चैम्बर के 'आगरा स्मार्ट सिटी 'प्रकोष्ठ के चेयरमैन श्री के सी जैन ने
बताया कि मास्टर प्लान में कानूनी पेंच हैं और उसकी साख को मेंटेन करने के लिए मास्टर प्लान की आपत्तियों को सावधानी पूर्वक लागू करने के लिए अब आवश्यक है कि नवीन उपाध्यक्ष महोदय द्वारा आपत्तियों को स्वयं सुना जाये।श्री जैन ने कहा कि आगरा में य उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन में विभिन्न प्रतिबंध लागू हैं,जो कि अन्य महानगरों की तुलना मेंयहां की विशिष्टता या पेचीदगियां हैं।
चैम्बर के अध्यक्ष राजेश गोयल ने कहा कि मास्टर प्लान की आपत्तियों को नये सिरे से सुनने हेतु नई कमेटी का गठन आवश्यक है। उल्लेखनीय हैकिआगरा का मास्टर प्लान 2031 तक के लिये तैयार किया हुआ है,2021 सेइसेलागू किया जाना था । आगरा विकास प्राधिकरण के द्वारा इस मास्टर प्लान पर पूर्व में निर्धारित लैंड यूज को लेकर आपत्तियां है और इन्हीं को दृष्टिगत दोबार आगरा विकास प्राधिकरण लौटाया जाचुका है।