1 मार्च 2022

शाहजहां का 367 वां उर्स संपन्न ,ताजमहल परिसर में उमडा भारी जनसमूह

 -- 1381 मीटर लंबी ' चादर पोशी ' की रस्‍म रही मुख्याकर्ष 

शाहजहां के 367 वें उर्स पर चढायी गयी 1381मीटर की चादर।
                                                             फोटो:असलम सलीमी

आगरा: मुगल बादशाह शाहजहां का 367 वां उर्स ताज नगरी  के लोगों के द्वारा परंपरागत रूप से मनाया गया। तजमहल परिसर में हुए मुख्य  कार्यक्रम के दौरान सतरंगी कपड़े की  1381 मीटर लंबी चादर शंहशह की मजार पर चझायी गयी।  उर्स के आखिरी दिन कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। इसके पश्चात चादर पोशी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भारी संख्या में पर्यटकों की मौजूदगी भी रही । भीड़ उमड़ने से भारतीय पुरातत्व विभाग के कर्मचारियों और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों को रस्में पूरी होने तक अनवरत सक्रिय रहना पडा। तीन दिवसीय यह आयोजन रविवार से शुरू होकर मंगलवार पूर्ण हुआ। ।  उर्स कमेटी के अलावा ताजमहल स्मारक का प्रबंधन करने

वाली नोडल एजेंसी  भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने भी चादर पोशी की। 

शाहजहां  के उर्स के अवसर पर ताजमहल के बाहरी परिसर में उमडी
भारी भीड।            फोटो :असलम सलीमी 

ताजमहल के मुख्य द्वारा पर कई प्रख्यात कव्वालों ने अपनी कव्वालियां प्रस्तुत कीं। उर्स के मौके पर ताजमहल में निशुल्क प्रवेश रहता है ।  उर्स कमेटी के अध्यक्ष ताहिर उद्दीन ताहिर के अनुसार हिंदुस्तानी सतरंगी कपड़े की 1381 मीटर लंबी चादर सर्वधर्म सद्भाव का प्रतीक है । यह अब तक की सबसे लम्बी चादर थी। 

2020 और 2020 में देश में रही कोराना की रही लहरों के कारण दो सालों के अंतराल के बाद उर्स की रस्म अपनी स्थापित परंपरा के अनुसार संभव हो सकी। जबकि कोरोना की पहली लहर शुरू होने के बाद से ताजमहल में कुछ समय तक तो पर्यटकों का प्रवेश तक रोका रहा था। श्री ताहिर उद्दीन ताहिर ने कहा कि संपन्न हुआ उर्स इस बात का सूचक है कि अब स्थितियां सामान्य हो रही हैं और लोग ताजमहल का दीदार करने लगातार आते रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि शाहजहां का उर्स आगरा वासियों के साथ दूरदराज से अने वाले भी शिरकत करते हैं।