22 जनवरी 2022

आगरा बाई पास रोड एलीवेटिड करने को होगा अध्‍ययन

 चैंबर ने की थी मांग,रुनकता से वाटरवर्क्‍स चौराहे तक के भाग की होगी स्‍टैडी

सिक्‍सलेन बाईपास रोड एलीवेटिड करने को होगी स्‍टैडी। : फाइल फोटो

आगरा:  एन एच -29(पूर्व में एन एच -2) के  रुनकता से वाटरवर्क्‍स चौराहे तक के भाग को  एलीवेटिड सिक्‍स लेन में तब्‍दील करने की संभावनाओं का पता लगायेगी। नेशनल चैंबर आफ इंडस्‍ट्रीज ऐंड कामर्स यू पी आगरा की ओर से इसकी मांग की गयी थी। एन एच आई के  चेयरमैन ने इस सम्‍बन्‍ध में  मैसर्स यूआरएस स्कॉट विल्सन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के टीम लीडर श्री के के गुप्ता को निर्देश जारी किए हैं ।जांच कार्य शीघ्रता के साथ टिप्पणी एवं ओपिनियन के साथ श्री गुप्‍ता को अपनी रिपोर्ट एन एच आई को प्रस्‍तुत करनी है 

चेंबर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया कि दिनांक 31 दिसंबर 2021 को नेशनल चैंबर द्वारा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के चेयरमैन  को एक पत्र लिखकर सुल्तानगंज से वाटरवर्क्स चौराहा  तक एलिवेटेड रोड बनाए जाने की मांग

की थी।  चेंबर के पत्र पर शीघ्र संज्ञान लेते हुए एन एच आई के परियोजना निदेशक, कॉरीडोर  प्रबंधन इकाई( भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण), फरीदाबाद को इस सम्‍बन्‍ध में आवश्‍यक कार्रवाही करने को कहा है। इसमें सबसे महत्‍वपूर्ण यह है कि जहां चैंबर की ओर से केवल सुल्‍तान गंज पुलिया से जलसंस्‍थान चौराहे तक ही एलीवेटिड रोड बनाये जाने की मांग की गयी थी जबकि एन एच आई की ओर से रुनकता से वाटरवर्क्‍स चौराहे तक सर्वेक्षण करने को कहा गया है। 

 चेंबर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल के अनुसार एनएच 2 (अब एनएच 29) पर सिक्स लेनी करण का कार्य प्रारंभ होने के

 समय ही चेंबर द्वारा रुनकता  से वाटर वर्क्स चौराहे तक एलिवेटेड रोड बनाए जाने की मांग की थी।  किंतु उस समय किन्हीं कारणों से चेंबर की इस मांग पर स्वीकृति नहीं मिली थी जिसके कारण इस क्षेत्र में जगह-जगह, बहुत कम दूरियों पर कई फ्लाईओवर -अंडर पास बनाने पड़े।  जिनकी लागत संभवत एलिवेटेड रोड के बराबर या उससे अधिक लग चुकी होगी और उसके उपरांत भी आज भी जनता को आवागमन की समस्या से बुरी तरह जूझना पड़ रहा है।  विशेष रूप से शहरी क्षेत्र में जिसमें दिन भर भारी संख्या में नागरिकों को इस मार्ग के दोनों ओर आने जाने की आवश्यकता पड़ती है। 

चैम्‍बर के पूर्व अध्‍यक्ष एवं  नागरिक सुविधा, शहरी विकास एवं सड़क यातायात प्रकोष्ठ के चेयरमैन, सीताराम अग्रवाल ने बताया कि भगवान टॉकीज से वाटर वर्ष तक इस मार्ग के एक ओर शहर की पॉश कॉलोनी कमला नगर स्थित है जिसकी आबादी लगभग एक लाख की है और इस कॉलोनी से 50 अन्य कॉलोनियां भी लगी हुई है जिससे शहर का एक बहुत बड़ा भाग इस मार्ग के इसओर आबादी क्षेत्र का बन चुका है।  वहीँ मार्ग के दूसरी ओर, व्यापारिक प्रतिष्ठान, प्रतिष्ठित मार्केट, सभी सरकारी कार्यालय, तहसील, न्यायपालिका, रेलवे स्टेशन, सभी बस स्टैंड, एयरपोर्ट आदि  स्थित हैं जिसके कारण इस मार्ग के दोनों ओर  दिनभर भारी संख्या में व्यक्तियों का आवागमन होता है। 

उनका कहना है कि   छः  लैनीकरण से पूर्व इस दूरी में कमला नगर एवं बलकेश्वर कॉलोनी जिनसे लगभग 50 अन्य कॉलोनियां लगी हुई है, के लिए रोड को पार करने के लिए लगभग 10 मार्ग थे।  जो अब छः लेनीकरण  के बाद अब केवल दो ही मार्ग रह गये हैं।  छोटे वाहनों को रोड पार करने के लिए सुलतानगंज की पुलिया से या वाटर वर्क्स चौराहा जिसकी दूरी लगभग दो ढाई किलो मीटर है, पर बने फ्लाईओवर से ही संभव है।  जिस कारण यहां के निवासियों को इस राष्ट्रीय राजमार्ग से दिनभर परेशानी का सामना करना पड़ता है।  साइकिल व पैदल यात्री तो इस सड़क को बीच में ही पार करते रहते हैं जिससे दुर्घटनाएं होती रहती हैं और साथ ही एनएच29 के उपभोक्ताओं को इस दूरी में बड़ी असुविधा होती है। 

चेंबर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया कि आज की वर्तमान परिस्थितियों में सुल्तानगंज से वाटर वर्क्स चौराहे तक एलिवेटेड रोड बनाए जाने की नितांत आवश्यकता है तभी इस समस्या का समाधान हो सकता है क्योंकि निकट भविष्य में यह आबादी और अधिक बढ़ेगी जिससे यह समस्या विकराल रूप धारण कर  सकती है। एनएचएआई द्वारा चेंबर के पत्र पर शीघ्र संज्ञा लेने से एक आशा की किरण जगी है और यदि सुल्तानगंज से वाटर वर्क्स चौराहे तक एलिवेटेड रोड बन जाता है तो दोनों तरफ से आवागमन की समस्या का समाधान सदैव के लिए हो जाएगा और यह आगरा के उद्योग व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक प्रभावी कदम साबित होगा।