--गऊघाट और सूरकुटी तक जन पहुच सहज की जाये
उन्होंने बताया कि यहां माता रेणुका जी का मंदिर ही नहीं अपितु पवित्र घाट भी है.इस घाट का पौराणिक महत्व होने के साथ ही यह बृज क्षेत्र का सीमांत स्थान है, जिसके बाद बृज का प्रभाव क्षेत्र शुरू हो जाना माना जाता है.यानी वह क्षेत्र जो बृज की सीमा में तो नहीं है लेकिन बृज की भाषा, खानपान, गोवर्धन पूजन,हल का पूजन,गौ पालन,शाकाहार, भाषा और पहनावा
बृज क्षेत्र के अनुरूप ही हैं.ब्राह्मण समाज चाहता है कि हमेशा यमुना की जलधारा से युक्त रहने वाले इस घाट का सौंदर्यी करण हो.ब्राह्मण जन रुनकता को पवित्र तीर्थ गांव बनाने के पक्षधर तो हैं हीं इसके लिये कमोबेश सभी प्रमुख संगठनों ने आपसी सहमति भी जतायी है . संवाद में हमारा प्रयास से एक प्रस्ताव पारित हुआ और उसी को आगे रखकर सभी अपने अपने स्तर से प्रयास में जुटेंगे .रुनकता को यूपी टूरिज्म के मानचित्र में लाना, सूर सरोवर पक्षी अभयारण्य की सीमा को लेकर रही आपत्तियों को दृष्टिगत जो सीमा अब तक थी, उसे अमान्य कर दिया गया है और इनका रिनोटिफिकेशन होना है. ब्राह्मण सभा की है मांग है कि रिनोटिफिकेशन से पूर्व जनसुनवाई की जाये सरकार से मांग करती है कि सूर सरोवर पक्षी अभयारण्य का रिनोटिफिकेशन होने को है, जिसे दृष्टिगत जनसुनवाई भी नये सिरे से हो. क्यों कि पूर्व में वन क्षेत्र का नोटिफिकेशन बिना जनसुनवाई के ही केवल वन विभाग की मर्जी से कागजी औपचारिकताओं के चलते ही कर डाला गया था. अगर कोई तथाकथित जनसुनवाई हुई भी होगी तो रुनकता ग्राम सभा का नागरिकों के नोटिफिकेशन के समय दर्ज करवाये गये बयानों की फोटो प्रति कभी भी सार्वजनिक नहीं की गयी.जनसुनवाई सही प्रकार से न होने के कारण सेंचुरी प्रशासन ने गऊघाट जैसे पवित्र तीर्थ और सूर कुटी (सूर श्याम मंदिर) तक को रुनकता के लोगों की पहुंच से बाहर कर दिया . इन दोनों ही स्थानों को धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है, इनका उल्लेख वाकायदा आगरा गजेटियर में मौजूद है.कोई भी कानून पवित्र आस्था स्थलों को नागरिक पहुंच से बाहर करने प्रतिबंध की स्वीकारिता नहीं देता. उपरोक्त स्थानों को रुनकता ग्राम सभा क्षेत्र में लाया जाये ,कम से कम इन तक जन पहुंच तो सहज की ही जाये मुख्य हैं.
इनके अलावा ब्राह्मण बृंद की सरकार से मांग है कि वह उ प्र पर्यटन निदेशालय को पौराणिक बृज बृत आगरा बनाये जाने के लिये निर्देशित करे.प्रेस वार्ता में बताया गया कि जनपद के ब्राह्मण, पुरा एवं धार्मिक साहित्य प्रधान एक ग्रंथालय स्थापित करना चाहते हैं, जिसमें साहित्य प्रधान ग्रंथालय
सम्मेलन के संबध में सचिव श्री अनिल शर्मा ने कहा कि
इसके परिणाम दूरगामी होंगे. जिला पंचायत अध्यक्ष महोदया से भी इस बारे में बात की
जायेगी.
ब्राह्मण प्रोफेशनल एसोसिएशन, अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद, अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा,
महिला प्रकोष्ठ ( जिला आगरा) के प्रतिनिधियों के रूप में डा मधु
भारद्वाज, श्री प्रकाश शर्मा, श्री
आनंद शर्मा, डॉ श्री भगवान शर्मा, सुश्री
मनोज दीक्षित, सुश्री बीना लवानिया, श्री
नरोत्तम शर्मा आदि ने पत्रकारों को रुनकता के विकास से संबधित अपने विचारों से
अवगत करवाया.