2 जनवरी 2021

जल संरक्षण का सबसे महत्‍वपूर्ण प्रोजेक्‍ट 'जोधपुर झाल'

 -- 'पं दीन दयाल उपाध्‍याय सरोवर 'आगरा मथुरा जनपदो के लिये है उपयोगी

जोधपुर झाल: जहां बरबस ही हरकोयी जाना चाहेगा
बस  इसी प्रकार रहने लगेे जल से भरपूूूर।(फायल फोटो)

 (राजीव सक्‍सेना) आगरा:जलस्‍त्रतों पर बढ रहे दबाव और  पर सरकार बेहद चिंतित रही है,जलसंरक्षण, जल का सीमित और जरूरी उपयोग प्राथमिकता के कार्यों में शामिल रहे हैं। किन्‍तु लगता है कि ब्‍यूरोक्रसी के रवैये में खास अंतर अब तक नहीं आया है। मंडल के दूसरे बडे जलाशय को बनाये जाने के प्रयास सरकारी तंत्र के कार्डीनेशन से अब तक फलीभूत नहीं हो सके हैं।फरह विकास खंड में योजना होने के कारण महान राजनीतिज्ञ एवं चितक स्‍व.पं.दीन दयाल उपाध्‍याय का नाम रखना भी कार्य को गति देने के लिये कारगर साबित नहीं हो सका।

2016-17 से जलाधिकार फाऊंडेशन ने जोधपुर झाल योजना के लिये प्रयास शुरू किये थे।फाऊंडेशन की

संस्‍तुति पर मथुरा की सांसद श्रीमती हेमा मालिनी ने योजना का नाम पं.दीन दयाल उपाध्‍याय के नाम पर रखने की संस्‍तुति की थी।

ताज ट्रिपेजियम जोन के लिये लाभकारी 

आगरा के अछनेरा और मथुरा के गोबर्धन व फरह विकास  खंडों के पचास से ज्‍यादा गांवों के  भूजल स्‍तर में सुधार तो इसको बनाये जाने का आधारभूत कारण है ही । इसके साथ ही ताज ट्रिपेजियम जोन के मथुरा रिफायनरी-जाजमहल के बीच आद्रता की बढोत्‍तरी कर धूलिय कणों एवं सल्‍फर -कार्बन प्रभाव को कम करने को दृष्‍टिगत भी यह अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण है।आगरा नहर के टर्मिनल राजवाह और सिकन्‍दरा राजवाह के बीच स्‍थित  151 एकड के जलाशय में संग्रहित होने वाली जलराशि से होने वाला स्‍वभाविक वाष्‍पन ( vaporization) इसका मुख्‍याधार है।  सबसे महत्‍वपूर्ण है कि जलाशय के लिये सिचाई का रोस्‍टर बिना प्रभावित किये ही उस जल का उपयोग होना है ,जिसे मानसून काल में एस्‍केपों से डिसचार्ज करना भी मुश्‍किल भरा होता है।वहीं नहरों के चलने पर खेतो में जलभराव की संभावना को लेकर पूरे नहरी कमांड क्षेत्र के किसान संशय में रहते हैं। नहरी पानी के अतरिक्‍त वर्षाकालीन पानी भी जलाशय के लिये महत्‍वपूर्ण माना जा सकता है।

भाजपा के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता को भी विलम्‍ब नापसंद

योजना के बारे में  आगरा और मथुरा जनपद के सभी जनप्रतिनिधि  भलीभांति जनते हैं। जलाधिकार फाऊंडेशन के सैकेट्री श्री अवधेश उपाध्‍याय इस सम्‍बन्‍ध में काफी भाग  दौड कर चुके हैं। दिल्‍ली के पार्लियामेंट परिसर से लखनऊ सचिवालय तक खूब  भागदौड हो चुकी है लेकिन परिणाम अब तक नहीं निकला। भारतीय जनता पार्टी के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता प्रख्‍यात अर्थशास्‍त्री श्री गोपाल कृष्‍ण अग्रवाल ,जो कि फाऊंडेशन के अध्‍यक्ष है।आगरा से मिलते रहे फीडबैक स्‍थति को लेकर बेहद असमंजस  में हैं। उन्‍हें समझ में नहीं आ रहा कि चार सैल्‍यूस गेट लगवाने और पहले से बने हुए बन्‍धे के सुध्रणीकरण जैसे सहज हो सकने वाले कार्यों तक को आगरा में क्‍यो नहीं अंजाम दिया जा सका।

राज्‍य मंत्री की सक्रियता से उम्‍मीदें

प्रदेश के सूक्ष्‍म एवं लघु उद्योग मंत्री चौ उदयभान सिह जी ने अब यह कार्य अपने हाथ में लिया है और सिचाई विभाग से इसके लिये अपडेटिड योजना बनने को कहा है। उन्‍होंने बीते वर्ष (19दिसम्‍बर 2020) झाल पहुंच कर स्‍थलीय निरीक्षण किया। इस दौरे में उनके साथ आगरा और मथुरा दोनों के ही सिचाई विभाग से संबधित अफसर थे।मंत्री ने बारबार पूछा कि योजना के क्रियान्‍वयन में क्‍या दिक्‍कते हैं,अगर हो तो उन्‍हें बताये जिससे कि दूर करवाया जा सके।

चौ उदयभान सिह ने कहा कि उ प्र में न तो पर्यटन योजनओं और नहीं पर्यावरण संबधी योजनाओं के लिये धन की कोयी कमी नहीं है। इस लिये क्रियान्‍वयन करवाने में कोयी दिक्‍कत नहीं होनी चाहिये। 

अब विलम्‍ब नहीं होगा

जलाधिकार फाऊंडेशन की जिला अध्‍यक्ष डा अनुराग शर्मा ने कहा है कि उन्‍हें उम्‍मीद है कि मंत्री जी के निर्देशों के अनुसार योजना का क्रियान्‍वयन अब और लम्‍बित नहीं होगा। उन्‍होंने राष्‍ट्रीय जनरल सैकेट्री श्री कैलाश गोदुका को चौ उदयभान सिह के द्वारा 19 दिसम्‍बर 2020 को किये गये दौरे की रिपोर्ट भेज दी हैऔर उनका काफी उत्‍साहजनक समर्थन मिला है।