-- डी ई आई (दयालबाग डीम्ड वि वि) यू पी बोर्ड का रिजल्ट इंतजार किये बिना ही गेजुएशन कोर्सों के लिये ले रहा है एडमीशन टैस्ट
मेधावी विद्यार्थियों में सेअधिकांश का मानना है कि अगर सरकार ने बोर्ड परीक्षायें समय से पूरी करवा के बोर्डों से परिणाम घोषित करवा दिये होते तो तो वे भी एडमीशन प्रक्रिया का हिस्सा होते। अब 30जून तक चल रहे लॉकडाउन के बाद उ प्र सहित अन्य राज्य के बोर्ड और केन्द्रीय बोर्ड परीक्षा परिणाम घोषित करने की दिशा में पहुंचने की स्थति में हैं। तो डीमड वि विद्यालय उनके दाखिलो की संभावना के लिये सभी दरबाजे बन्द कर रहा है।
डी आई ई कैंपस( डीमड वि वि ) |
(राजीव सक्सेना) आगरा: दयालबाग डीम्ड विश्व विद्यालय ने दाखिला प्रक्रिया शुरू कर दी है, 22 से 30 जून तक चलने वाली 'आनलाइन ' प्रवेश परीक्षा एवं ऑन लाइन ' इंटरव्यू ' में इसके लिये उन अभ्यर्थियों के आवेदन पत्रों को खरिज कर दिया है,जो रिजल्ट न आने सेे पात्रता के लिये न्यूनतम आहर्ता प्राप्त करने संबधी साक्ष्य ( खासकर अंकपत्र ) प्रवेश फार्म के साथ दाखिल नहीं कर सके। विश्व विद्यालय की इस नीति के परिणाम स्वरूप ग्रेजुऐशन और उन कोर्सों में प्रवेश पाने वाले यूपी बोर्ड तथा सी बी एस ई व काउन्सिल ऑफ इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्ज़ामिनेशंस (ICSE) के वे परीक्षार्थी एडमीशन प्रवेश परीक्षा से बंचित रह गये जिन्होंने 2019-20 के शिक्षण सत्र की 12 वीं क्लास के लिये हुई फायनल परीक्षा में तो भाग लिया लिया है, लेकिन कोरोना वायरस 'कोविड-19 ' के मार्च में शुरू हुए संक्रमणके कारण शासन के द्वारा परीक्षाओं को पूरा करवाने में हुए विलमब
के कारण अब तक परीक्षा परिणामों से बंचित हैं।
-- यू पी बोर्ड की परीक्षा परिणामों का इंतजार किया नजर अंदाज
यह अभूतपूर्व अवसर है जबकि उ प्र में संचालित किसी विश्वविद्यालय ने राज्य में 10 वीं व 12 वीं परीक्षा करवाने वाले शीर्ष शैक्षणिक संस्थान ' यू पी बोर्ड ' की इंटर परीक्षा के परिणामों के आने तक का इंतजार करने से पूर्व ही अपने उन कोर्सों की सीटें भरने को वह प्रक्रिया शुरू कर डाली है। जिसमें प्रवेश की न्यूनतम योग्यता 12 वीं पास होना है। वैसे वस्तु स्थति यह है कि यू पी सहित देश के अधिकांश राज्यों में 'आपदा प्रबंधन एक्ट प्रभावी' लागू है और सरकारें उसी के अनुरूप इंतजाम करवा रहा हैैै। वस्तुत3 इसी एक्ट के तहत की गयी व्यवस्था के कारण शासन ने परीक्षायें स्थगित करवायीं।
22मार्च 2020 के जनता कर्फ्य से लेकर वे चार लाक डाउनन हो चुकने के तक सभी शिक्षण संस्थान बन्द रहे। सी बी एस ई और राजीकय विद्यालयों में से ज्यादातर में प्रशासन के द्वारा क्वरीनटीन सेंटर ही खुलवाये हुए थे। फलस्वरूप 22मार्च के बाद होने वाली परीक्षाये स्थगित कर दी गयी थीं। 10वीं और 12 वीं बोर्ड की परीक्षाओं के अलावा अन्य कक्षाओं के विद्यार्थियों को तो शिक्षा विभाग की नीतियों के अनुसार अंक आगणित कर अगली कक्षा में विद्यार्थियों को प्रोन्नत कर दिया गया। वहीं 10 वी और 12 वीं बोर्ड की परीक्षाओं के परिणाम अवशेष परीक्षाओं के अंक प्रदान करने की नीति निर्धारण में विलमब के कारण अब भी आना अब भी बाकी है।
22मार्च 2020 के जनता कर्फ्य से लेकर वे चार लाक डाउनन हो चुकने के तक सभी शिक्षण संस्थान बन्द रहे। सी बी एस ई और राजीकय विद्यालयों में से ज्यादातर में प्रशासन के द्वारा क्वरीनटीन सेंटर ही खुलवाये हुए थे। फलस्वरूप 22मार्च के बाद होने वाली परीक्षाये स्थगित कर दी गयी थीं। 10वीं और 12 वीं बोर्ड की परीक्षाओं के अलावा अन्य कक्षाओं के विद्यार्थियों को तो शिक्षा विभाग की नीतियों के अनुसार अंक आगणित कर अगली कक्षा में विद्यार्थियों को प्रोन्नत कर दिया गया। वहीं 10 वी और 12 वीं बोर्ड की परीक्षाओं के परिणाम अवशेष परीक्षाओं के अंक प्रदान करने की नीति निर्धारण में विलमब के कारण अब भी आना अब भी बाकी है।
-- डिसास्टर मैनेजमेट जनित कारणों तक को किया अनदेखा
डी ई आई का ऑन लाइन परीक्षा एवं इटरव्यू कार्यक्रम |
उधर वर्तमान मे पांचवा लॉकडाउन चल रहा है, जिसे कि 'अनलाक -1' के रूप मे भी लिया जा रहा हे किन्तु कोरोना संक्रमण से आगरा सहित प्रदेश के अधिकांश प्रमुख शहरों में संक्रमण का प्रकोप लगातार बना हुआ है। उ प्र और केन्द्रीय बोर्डों के कार्यालय जो कि परीक्षाओं का संचालन करते हैं संक्रमण के कारण अपनी क्षमता के अनुसार काम नहीं कर पा रहे। फलस्वरूप बोर्डों के द्वारा ली गयी परीक्षाओं और रह गयी परीक्षओं के शासन की नीति के अनुसार अंक आंकलन कर परिणाम और अंकतालिकाये जारी करने मे कुछ और विलंब हो सकता है।
वि वि के द्वारा अपनायी गयी इस प्रक्रिया का सबसे ज्यादा प्रतिकूल असर असर यू पी बोर्ड, सी बी एस ई बोर्ड और आई सी एस ई के उन छात्रों पर ही पडा है जिनके लिये पहले से ही योग्याता और क्षमता के बावजूद कैरियर बनाने के अवसर कम थे। यूजी सी से फंडिड डीमड वि वि में संचालित कोर्सों में एडमीशन के लिये आवेदन कर अपने परीक्षा परिणाम आने का इंतजार कर रहे हैं।
परीक्षा परिणाम न आना पडा भारी
प्राप्त जानकारी के अनुसार कई अभ्यार्थियों और अभिवावकों से कई ने डीम्ड वि वि के एडमीशन से संबधित अधिकारियों से इस सम्बन्ध में संपर्क कर अपनी बात रखने का प्रयास किया तो उनके द्वारा स्पष्ट कर दिया गया कि उनके डीम्ड विवि की एडमीशन प्रक्रिया बोर्डों के परिणाम आने या न आने के कारण लम्बित नहीं की जा सकती। वि वि के 'आर ई आई इंटरमीडियट कॉलेज' के पास आऊट पर्याप्त हैं,कुछ राज्यों के बोर्डों ने भी अपने परीक्षा परिणाम जारी कर दिये हैं इस लिये उन्हे उनसभी कोर्सो के लिये पर्याप्त संख्या में छात्र मिल जायेंगे जिनमे प्रवेश की योग्यता 12वीं पास होना है।
वि विध्यालय प्रशासन का अपना पक्ष होना एक बात है किन्तु छात्रों के व्यापक हितो को दृष्टिगत एडमीशन की न्यूनतम पात्रता की जरूरत पूरी करने वाली शिक्षा विभागकके तहत संचालित बोर्डों की परीक्षाओं के परिणाम न आने के बावजूद 'आन लॉइन ढडमीशन टैस्ट किसी भी दृष्टि से न तो उपयुक्त है और नहीं सभी पात्रों को समान अवसर देन के नैसग्रिक सिद्धान्त के उपयुक्त ही।
-- यू पी में है 9 डीम्ड वि वि
प्रवेश परीक्षा में बंचित रहेंगे बे सभी जो कि पात्रता का मानक पूरा नहीं कर सकेंगे। (12 वीं की परीक्षा का परिणाम और माक्रशीट) |
भारत में उन उच्चतर शिक्षा संस्थाओं को मानद विश्वविद्यालय या डीम्ड वि विद्यालय कहते हैं और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की सलाह पर भारत सरकार के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा इस प्रकार की (अर्थात 'मानित विश्वविद्यालय' की) मान्यता दी जाती है। जिन संस्थानों को 'मानित विश्वविद्यालय' घोषित किया जाता है, वे विश्वविद्यालय के शैक्षिक स्तरों और विशेषाधिकारों का उपयोग करते हैं। अवधारणा के अनुसार मानित विश्वविद्यालय शिक्षा के किसी विशिष्ट क्षेत्र में ऊंचे स्तर पर कार्य करने वाले संस्थान होना चाहिये। साथ ही भारत सरकार की शिक्षा नीति के अनुरूप अपने पाठ्यक्रम व प्रवेश व्यवस्थायें संचालित करनी अपेक्षित की जाती हैं।
उ प्र में वर्तमान में कुल 73 वि वि संचालित हैं,इनमें से 6 केन्द्रीय , 29 राज्य वि वि, 9डीमड वि वि ,29 ही प्राईवेट विश्विद्यालय संचालित हैं। प्राईवेट विश्विद्यालयों के अलावा अन्यसभी विश्विद्यालयों को भारत सरकार या राज्य सरकारों तथा यू जी सी से किन किसी रूप में ग्रांट मिलती है।