'राजस्व की जरूरत' का तर्क दे रही है लॉबी
फिलहाल शराब बिक्री पर लगी पाबंदी को जारी रखने का आगरा का यूपी का सबसे बडा हॉटस्पॉट होना है ।
रविवार को देर रात तक अफसरों के साथ हुई डीएम प्रभु एन सिंह ने जनपद के अफसरों के साथ काफी देर तक बैठक कर शराब बिक्री पर छूट देने के ततकालिक परिणामों की संभावनाओं पर विचार विमर्ष किया। अधिकारियों का मानना था कि छूट देने से संक्रमित मरीजों की संख्या में बढोत्तरी हो सकती है। फलस्वरूप लॉकडाउन पार्ट-थ्री में किसी तरीके की नयी छूट न दिये जाने का निर्णय लिया।
जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह के अनुसार आगरा रेड जोन में है. जिस तरह से रविवार को 54 नए मरीज मिले हैं उसे देखते हुए लॉकडाउन का सख्ती से पालन करवाया जाएगा जोकि
सामायिक दृष्टि से उपयुक्त है।
बहाने तलाश रहे हैं बन्दी खुलवाने को
जो भी हो शराब के कारोबारियों और आदतन पीने व पिलाने वालों में प्रशासन के इस फैसले से भारी वौखलाहट है। शराब के धंधे से जुडे कारोबारियों की एक लॉबी जन प्रतिनिधियों पर दबाव बनाकर अन्य जनपदों के समान ही शराब बिक्री पर लगी पाबंदी खतम करवाने को कोशिश रत हो गयी है।
राजस्व की चिता जताने वालों के अलावा एक वर्ग ऐसा भी जो कि टूरिजम के लिये इस प्रतिबंध का उठाया जाना जरूरी बताने जुटा है। यह बात अलग है कि इस समय न तो टूरिस्ट ही आ या जा रहे है। ताजमहल तक पहरे में है।यही नहीं काम धंधे बन्द होने के कारण राशन जुटाना तक लोगों के लिये मुश्किल भरा रहा है।
विरोध की आवाज नदारत
शराब बिक्री का पिछले साल तक स्वतंत्रता सेनानी स्व चिम्मन लाल जी के नेतृत्व में जब तब जमकर विरोध होता रहा था यह बात अलग है कि प्रशासन राजस्व की जरूरत और समाज कल्याण की योजनाओं के लिये उनकी बात अनसुनी करता रहा था।लेकिन अब तो औपचारिक विरोध करने वाले भी नहीं हैं। जबकि एक ओर लोगों की जेबें खाली हैं ,काम धंधे नहीं हैं । यही नहीं घरेलू हिसा की घटनाओं के बढने की सभी संभावनाये विद्यमान हैं।