19 दिसंबर 2018

बडे जश्‍न व शानेशौकत के साथ मनाया गया ' फाति‍हा '

- अलम शरीफ आम लोगों के दर्शनार्थ रखा, कब्‍बालि‍यों का आयोजन भी हुआ
'अलम शरीफ ' का दीदार: जज्‍बा और जश्‍न की छाई रंगत।
                               फोटो: असलम सलीमी
आगरा: पीरन ए पीर हजरत मुहीउद्दीन अब्‍दुल कादि‍र जि‍लानी बडे पीर साहब रह. हुजूर की 11 वीं को फाति‍हा बडे जश्‍न व शानेशौकत के साथ मनाया गया। । सालाना फति‍हा पर चांद की 10 व 11वीं उस्‍मानी को अलम शरीफ आम लोगों के दर्शनार्थ रखा गया । 
इस  पुरानी परंपरा से जुडे बृतांतों के अनुसार 'पीरान ए पीर हजरत मुहि‍उद्दीन अब्‍दुल कादि‍र जि‍लानी बडे पीर साहब रह. हुजूर सल्‍लाहो अलैह बसल्‍लम की 11वीं उस्‍मानी की फाति‍हा बडे जश्‍न और शान शौकत के साथ मनाते थे। जो कि‍ बाद में ग्‍यारहवीं शरीफ के नाम से मश्‍हूर हुई  । इसी  ग्‍यारहवीं शरीफ को पूरी दुनि‍यां में मनाया जाता है कि‍न्‍तु भारत में इसे
खास श्रद्धा के साथ मनाये जाने की परंपरा है। सन्1779 - 1203  हि‍जरी में हजरत गौस पाक के पर ते हजरत अब्‍दुला शाह बगदादी रह. अपने पूर्वज के आदेश पर आगरा आये थे।वही अपने साथ हजरत गौस  का अलम शरीफ बगदाद लाये थे। जि‍से उन्‍हों ने  उस समय के प्रख्‍यात सूफीसंत हजरत मौलवी अमजद अली शाह रहमतुल्‍ला अलेह को भेंट कि‍या ।
 उन्‍होंने  आपको सि‍लसि‍ले कादरि‍या में मुरीद कर खि‍लाफत से नवाजा और आदेश दि‍या कि‍ हरमहीने की ग्‍यारह तारीख काके फति‍हा करायी जाये व गरीबों में लंगर बांटा जाये।यह परंपरा अब तक बदस्‍तूर चल रही है। सालाना फतीहा पर चांद की 10 व 11 ग्‍यारहवीं उस्‍मानी को अलम शरीफ   से जुडी इस परंपरा को नि‍भाने के लि‍ये रेशम कटरा ताजगंज में आस्‍ताना आलि‍या कादरि‍या का नि‍र्माण करवाया गया ।बाद में यही  आस्‍ताना 1225हि‍जरी में मेवा करा सेव का बाजार आगरा में बनाया गया। दो सौ सालों से यह परंपरा मेवा कटरा स्‍थत आस्‍ताना में बदस्‍तूर जारी है।जि‍से कि‍ मौजूदा सज्‍जाद नशीन सैयद सि‍नवान अहमद कादरी बडी श्रद्धा भाव के साथ र्नि‍वाहन कर रहे हैं।  इस अवसर पर महफि‍ल ए समी का भी आयोजन कि‍या जाता है। जि‍समें देश के मशूहर कब्‍बाल आकर अपना कलाम पेश करते हें।  
 इस वर्ष यह पर्व मंगलवार 18दि‍सम्‍बर व बुद्धवार  19 दि‍सम्‍बर को संपन्‍न हुआ। 18दि‍सम्‍बर को नमाज, अलम श्‍रीफकी जि‍यारत, लंगर इशां महफि‍ल ए समा  व 19 दि‍सम्‍बर को नमाज,महफि‍ल ए समां लंगर  आदि‍ कार्यक्रम बडी संख्‍या में शि‍रकत के साथ संपन्‍न हुए।