14 दिसंबर 2018

यूपी में भाजपा के लिए अलार्म घंटी, बीएसपी, एसपी को अपने मुस्लिम वोट बैंकों की रक्षा करना मुश्किल

तीन हिंदी राज्यों में जीत के बाद कांग्रेस ने एक बार फिर से आगामी लोकसभा चुनाव के लिए  देश का मुख्य  विरोधी दल बनकर खड़ा हो गया है। लोकसभा में  उत्तर प्रदेश के   80 सदस्य होने के कारण  सभी राजनीतिक दलों, भाजपा , समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस और अन्य क्षेत्रीय और छोटे दलों  का ध्यान  अब यूपी में स्थानांतरित हो गया है। कांग्रेस के जीत से लगता है कि  देश की जनता अब मंदिर निर्माण आदि जैसे मुद्दों से  थक चुकी है  अब वह देश में राजनैतिक  बदलाव चाहती है। ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री का हिंदुत्व मन्त्र चलेगा या नहीं अभी कहना मुश्किल है। अब उत्तर प्रदेश के  राजनीतिक समीकरणों में बदलाव होने की संभावना है क्योंकि बीएसपी, एसपी और कांग्रेस देश के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य में बीजेपी को हारने  के लिए गठबंधन की तलाश में फिर से जुटे नज़र आते हैं। भाजपा की तीन हिंदी भाषी राज्यों में हार ने यूपी में पार्टी के लिए अलार्म घंटी बजा दी है। उधर सपा और बसपा भी परेशान  हैं क्योंकि आज की स्थिति में कांग्रेस से चुनाव समझौता किये बिना उनके लिए अपने  मुस्लिम वोट बैंकों की रक्षा करना मुश्किल रहेगा।