अगरा: सिविल सोसायटी आगरा , 2अक्टूवर गांधी जयंती पर आगरा की एयर कनैक्टिविटी को महानगर की पर्यटन प्रधानता के अनुरूप करने के लिये सत्याग्रह करेगी । सोसायटी के जनरल सैकेट्री अनिल शर्मा के अनुसार इस सत्याग्रह को लेकर लोगों में जो संशय थे उन्हे दूर कर दिया गया है ।उन्हेंने बताया कि एयर कनैक्टिविटी पर्यटक या धन संपन्नों के लिये ही नहीं अब आम आदमी की जरूरत है सभी प्रमुख रूटों पर जहां एक ओर निहायत जरूरी होने पर भी रेलवे के रिजर्वेशन नहीं मिलते वहीं दूसरी ओर कई कई दिन की रेल यात्राओं के लिये छुट्टियां नहीं मिल पाती हैं ।
-- आम नागरिक के हक में उपयोग कररहे बापू के अस्त्र ' सत्याग्रह ' का प्रयोग
स्टूडैंट या फिर छोटी छोटी तनख्वाओं पर नौकरी करने वालों के लिये मुकिलें बढी हैं। दक्षिण भारत सहित देश के सुदूर क्षेत्रों में नौकरी करने वालों को तो इससे मानसिक द्वन्द की स्थिति तकसेगुजरना पडता है। परिवार के सुखदुख के मौकों तक पर इन लोगों को छुट्टियां न मिल पाने के कारण मन मसोस के रह जाने को मजबूर होते हैं।
श्री शर्मा ने कहा कि सिविल सोसायटी आगरा को एयर कनैक्टिविटी की मांग को लेकर आगे आना कोयी महज संयेग नहीं है। जब यह स्पष्ट हो गया कि आगरा के राजनीतिज्ञों में से अधिकांश विधायिका में आगरा की बात सशक्त तरीके से उठाये जाने में जनअपेक्षाओं को पूरा नहीं कर पा रहे हैं तो सोसायटी ने तय किया कि एयर कनैक्टिविटी का मामला केवल राजनीतिज्ञों के भरोसे नहीं छोड जा सकता है । एह एक आम आदमी की जरूरत से जुडा मुद्दा है और हम इसके लिये सरकार से संवाद के सबसे सहज व परखे सशक्त माध्यम जिसे कि , अक्सर गांधीवादी अहिंसक हथियार भी कहा जाता है उसे अपनाते हुए सत्याग्रह करेंगे ।
जब सिविल सोसायटी ने एयर कनैक्टिविटी के लिये सत्याग्रह करने की बात शुरू की तो कुछ महानुभावों ने तर्क दिया कि गांधी जी तो कभी हवाई जहाज में बैठे ही नहीं थे फिर आप क्यों क्यों सत्याग्रह का उपयोग एयर कनैक्टिविटी के लिये कर रहे हैं । इस पर सिविल सोसायटी का कहना है कि गांधीजी ने देशके आम आदमी की बात कहने और सत्य का अहसासं सबधितों को करवाने के लिये हमेशा सत्यागह का सहारा लिया और अबयही गांधीवाद के तमाम अधारों में से एक है ।सिविल सोसायटी भी गांधीवादी सिद्धांतों का आदर करती है और सरकार भी गांधीजी के बातये गये रास्ते को ही उपयुकत मानती है तथा ' गांधी वादी एनक ' से गहन समस्याओं को देखना शुरू कर चुकी है । इसी लिये सत्याग्रह सबसे उपयुक्त माध्यम लगा।
--- संगठनों का समर्थन जुटाने को कबायद
सिविल सोसायटी इस सत्यागह के लिये होटल के एस रॉयल में एक खुली बैठक कर अपने सदस्यों व समर्थक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आम सहमति ले चुकी है,हकीकत में इसी के बाद ही सोसायटी ने अपनी सत्याग्रह संबधी गतविधयों को बढाया । कई संगठनों का समर्थन प्राप्त करने के बाद आगरा के प्रमुख संगठन उप्र चैम्बर आफ कामर्स ऐंड इंडस्ट्रीज का भी समर्थन हांसिल करने के लिये प्रयास किया जा रहा है । आपसा(शिक्षण संस्थाओं के प्रबंधकों का संगठन) और होटल और रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने अपना सम्पूर्ण समर्थन दिया है. वैसे इन संगठनों के द्वारा भी समय समय पर अपने स्तर से तो 'आगरा की एयर कनैक्टिविटी ' में जरूरत के अनुसार सुधार की बात तो करते ही रहे हैं।
2अक्टूबर का कार्यक्रम अंतिम तौर पर तय है, मार्च 2 अक्टूबर को सुबह ९ बजे से आगरा कॉलेज मैदान के सामने भगत सिंह छात्रावास से शुरू हो कर शहीद स्मारक पर समाप्त होगी.
डॉ शिल्पा दीक्षित शर्मा ने कहा कि मार्च शांति पूर्ण और उद्येश परख होना चाहिए. श्री भोले ने कहा के हमारा लक्ष्य तो इंटरनेशनल एयरपोर्ट है पर फिलाल एन्क्लेव हि सही. श्री यू सी वर्मा ने कहा कि जलूस शांति पूर्ण और आम सहमती के साथ. डॉ ब्रजेश चंद्रजी ने कहा कि सहमती एवम सहयोग हमारा अभिस्ट है. डॉ मधु भरद्वाज ने कहा कि पहचान तोह सभी सभ्भागी गुटों कि हो पर राजनीती तोह दूर रहे तोह अच्छा है. कांग्रेस के उपाध्यक्ष ने कहा कि गाँधी जयंती पर सत्याग्रही जथा भगत सिंह छात्रावास पर पहुँच कर जलूस में सह्भाघी होगा. श्रीमती शाभाना खंडेलवाल ने कहा कि राजनातिक पहचान अपनी जगह है, फिलाल्ल वाह सत्याग्रही हैं और एयर पोर्ट को आगरा से जुदा मुद्दा है.
यू सी वर्मा, निहाल सिंह भोले, पुष्पेन्द्र चौधरी, राजन किशोरे, डॉ शिल्पा दीक्षित शर्मा, डॉ विजया लक्ष्मी शर्मा, प्रोफेसर ब्रजेश चंद्रा, शाहिद खान , सौरव, दीवान सिंह मुखिया, उपेन्द्र सिंह, असलम सलीमी, डॉ शिरोमणि सिंह, नरेश चन्द्र, संजीव मिश्रा, ब्रिज किशोरे शर्मा, ओम सेठ, राकेश चौहान, राकेश चाहर, डॉ अरुणा गुप्ता , डॉ वेद भरद्वाज, भुवनेश श्रोतिया ने भाग लिया.