मोदी की 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। बिहार में भी नीतीश के साथ मामला फिट हो गया। नीतीश ने यहाँ तक कह डाला कि मोदी के फिर चुने जाने को कोई चुनौती नहीं दे सकता। मोदी और अमित शाह मझे हुए राजनैतिक खिलाडी हैं। लगता है वे विपक्ष का सफाया करने में जोरों पर लगे हैं। अमित शाह लखनऊ गए और उनके जादू ने दो सपा के और एक बसपा के विधान परिषद सदस्यों को भाजपा में खींच लिया। बहुत से लोगों का मानना है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने अपनी जीत की दिशा में अंतिम अड़चन को भी बिहार का मैदान मार कर निकाल दिया है। नीतीश के खेल से बीजेपी को राज्यसभा में लगभग 10 सीटों का फायदा हुआ है और अब गठबंधन के पास राज्यसभा में कुल 89 सीटें पहुँच गई हैं। बहुमत के लिए 123 सीटें चाहिए। बहुमत अब भी बहुत दूर है लेकिन फिर भी फासला थोड़ा कम हुआ है।