--डीजल चलित वहनों से बढ सकता है नदी में प्रदूषण
यमुना में चलाये जाने को प्रस्तावित डीजल चलित वाटर टैक्सी |
नई दिल्ली: केन्द्र सरकार की यमुना नदी में वाटर टैक्सी चलाये जाने की योजना को दिल्ली सरकार द्वारा नदी में प्रदूषण बढने की संभावना के जताये जाने से बेहद धक्का लगा है।इस योजना के तहत हरियाणा सीमा में पडने वाले पल्लाष और बजीराबाद के बीच वाटर टैक्सियां और स्टीहमर चलाये जाने की योजना थी।योजना के तहत इस दूरी को वर्तमान में 3.5घंटे में तय किया जाता है जबकि नौवाहन शुरू हो जाने से यह मात्र 45मिनट में ही पूरी हो जायेगी। योजना के लिये इंन्लैंड वाटर वे अथार्टी इंडिया
के द्वारा वाटर टैक्सिायां, गोदियां(जैटीज) तथा नदी को गहरा करने के कार्य के लिये टैंडर आदि को जारी करने का काम कर दिया गया है।दिल्ली जलबोर्ड के द्वारा लगायी गयी आपत्तिा में कहा गया है कि नौ परिवहन में डीजल इंजन टैक्सिजयों और नौकाओं का इंस्तेमाल होगा फलस्ववरूप नदी में प्रदूषण बढने की संभावना बनी रहेगी। नौ वाहन के लिये पानी की प्रचुरता में उपलब्धजता की स्थिवति भी अनिश्चिनत है। चूंकि यमुना नदी दिल्लीस की जनता को पीने का पानी उपलब्ध करवाये जाने का मुख्य स्त्रो त है इस लिये इसे बजीराबाद अपस्ट्री म में प्रदूषित हो सकने की संभावनाओं का जोखम बढाना किसी भी दृष्टिय से उपयुक्त् नहीं है।