12 अप्रैल 2017

इलहाबाद के नये सिविल एन्कलेव को 37 करोड स्वीकृत

--ताज सिटी का नये एयरपोर्ट के लिये शासनादेश का इंतजार बरकरार


आगरा: ताज सिटी में एयर कनैक्टिएविटी को प्रभावी व जन पहुंच लायक बनाये जाने के लिये नये सिविल  एन्कलेव को बनाये जाने को लेकर जहां मंत्रियों से मुलकातों और प्रेसवालो से बतियाने का दौर ही चल रहा है , वहीं इलहाबाद में उप्र की योगी सरकार ने नये सिविल एन्कालेव को बनाये जाने के लिये 2.89 अरब रुपये की योजना के सापेक्ष 37 अरब रूपये की राशि और अवमुक्ति करने का आदेश
जारी कर दिया ।इस योजना के लिये1.68 अरब रूपये सपा सरकार के द्वारा अवमुक्ति किये जा चुके हैं। एवियेशन सैक्टर में योगी सरकार का यह दूसरा बडा कदम है।इससे पहले सरकार के द्वारा जैबर एयरपोर्ट के प्रोजैक्टव को ग्रीनफील्डं प्रोजेक्टट के रूप में स्वीकृति दी जा चुकी है।केन्द्रीय सांस्कृति एवं पर्यटन राज्य् मंत्री महेश शर्मा स्वयं आगरा में इसी महीने इसकी घोषणा करके गये थे।
 इलाहाबाद में सिविल एयर टर्मिनल बनाये जाने का मामला भी आगरा के सिविल एयरटर्मिनल की तरह से ही लम्बे समय से अटका चल रहा था , एक याचिका तक इलहाबाद हाईकोर्ट में इसे लेकर दायरकी गयी थी। संभवत: याचिका पर कोर्ट द्वारा दिया गये निर्देश भी इस शासन आदेशके जारी करने का मुख्या कारण रहे हों।   किन्तु  इसकी ( शासनादेश संख्या : 36/ 2017/ 425/ छप्पन-3017-81/2013, 7 अप्रैल) बडी वजह प्रदेश के उपमुख्य मंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ही हैं।
श्री अखिलेश यादव की सरकार के दौरान प्रदेश के हवाई अड्डों में से लखनऊ और वराणसी को इंटरनेशनल मानकों की अनुरूपता देने के लिये जहां भरपूर उदारता दर्शायी गयी वहीं सैफई (मैनपुरी) गांव की हवाई पटटी को देश की सबसे अधिक तकनीकि संसाधन संपन्न हवाई पटटी बनाने का कारनामा कर दिखाया गया।
जहां तक आगरा  का सवाल है, यहां इंटरनेशनल एयरपोर्ट की जरूरत और वायुसेना स्टेशन परिसर में होने से होने वाली परेशानियों को तो सबने स्वीककारा किन्तु  सर्वेक्षण से ज्यादा बात अधिक नहीं बढ सकी। बसपा की सुश्री मायाबती सरकार के समय नये सिविल एन्क‍लेव को बनाये जाने की योजना को अंजाम देने में खास दिलचस्पी नहीं दिखायी गयी। जबकि इस नये एक्नलेव के लिये वायु सेना और एयरपोर्ट अथार्टी आफ इंडिया ( ए ए आई) की भी स्वीकृतियां थीं।