30 अगस्त 2016

नेताजी से संबधित 25 फाइलें और सार्वजनिक

नेहरू के प्रति प्रचलित  धारणाओं संबधित इन फाइलों में भी कुछ नहीं    
(नेताजी से संबधित गोपनीय फाइलें:तलाश  साक्ष्‍यों की)
                                      नई दिल्ली: नेताजी सुभाष चंद्र बोस से संबंधित गोपनीय फाइलों में से पच्चीिस और सार्वजनिक कर दी गयीं। संस्कृति सचिव एन.के. सिन्हा ने इन्हेस जारी करते हुए बताया कि फाइलें विदेश मंत्रालय (1951-2006) से संबंधित हैं।  नेताजी से संबंधित 100 गोपनीय फाइलों की पहली खेप को शुरुआती संरक्षण उपचार और उनका डिजिटलीकरण करने के बाद 23 जनवरी, 2016 को उनकी 119 वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता के लिए जारी किया
था।                                                      उसके बाद सिलसिला जारी रहा .50 फाइलों की दूसरी खेप 25 फाइलों की तीसरी खेप, 25 फाइलों की चौथी खेप, 25 फाइलों की पांचवीं खेप और 25 फाइलों की छठवीं खेप को क्रमश: 29 मार्च, 2016, 29 अप्रैल, 2016, 27 मई 2016, 29 जून 2016 और 29 जुलाई 2016 को जारी किया गया था, इस प्रका अब तक 250 फाइलों को जनता के समक्ष आचुकी हैं। 1957 में राष्ट्रीय अभिलेखागार भारत को रक्षा मंत्रालय की ओर से आजाद हिंद फौज के संबंध में 990 डी-क्लासिफाइड फाइलें प्राप्त हुई थीं, इसके बाद 2012 में खोसला आयोग से संबंधित 271 फाइलें तथा न्यायमूर्ति मुखर्जी जांच आयोग की 759 फाइलें व सामग्री प्राप्त हुई थीं।              इस तरह गृह मंत्रालय से कुल 1030 फाइलें व सामग्री प्राप्त हुईं। ये सभी फाइलें सार्वजनिक रिकॉर्ड नियम, 1997 के तहत जनता के लिए खोल दी गई हैं। अब तक जो फाइलें सार्वजनिकहुई हैं, उनमें दर्ज दस्ता बेजो से स्वधतंत्रता आंदालन के अध्यंयन में तो जरूर मदद मिलेगी किन्तुई अब तक एक भी फाइल मे जनता की आकंक्षा एवं संशय के अनुरूप ऐसा साक्ष्यय सामने नहीं आसका जिससे यह परिलक्षित हो सके कि नेहरू जी ने अपनी सत्ताक सुरक्षित रखने के लिये नेताजी को कूटनीतिक संबधों के आधार पर किसी अन्यक देश में बन्दीे बनवये रखा था।