21 मई 2016

भारत विश्व भर के निवेशकों के लिए आशा का केंद्र



केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि वर्ष 2015-16 में विश्व निर्यात में दबाव और दो वर्ष लगातार वर्षा होने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था के 7.6 प्रतिशत की दर से वृद्धि करने की उम्मीद है। विश्‍व भर में मंदी की स्थिति के बीच भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि, लाभदायक, चालू खाते में कमी वित्‍तीय घाटे और वित्‍तीय सुधार के पथ पर निरंतर बढ़ने के कारण भारत विश्‍व भर के निवेशकों के लिए अवसर का केन्‍द्र बनकर उभरा है। वित्‍त मंत्री श्री अरूण जेटली कल विश्‍व बैंक के कार्यकारी निदेशकों के दल के साथ बैठक के दौरान संबोधन कर रहे थे। बैठक के दौरान भारत में चल रही विश्‍व बैंक की परियोजनाओं और विश्‍व बैंक की वित्‍तीय सहायता से जुड़े विभिन्‍न नीतिगत फैसलों पर भी विचार-विमर्श किया गया।.. 
इस अवसर पर अपने संबोधन में वित्‍त मंत्री श्री अरूण जेटली ने कहा कि वर्तमान सरकार की प्राथमिकता में गैर परम्‍परागत ऊर्जा उत्‍पादन, राष्‍ट्रीय स्‍तर का स्‍वच्‍छता कार्यक्रम, गांवों का विद्युतीकरण, बड़ी और छोटी सिंचाई परियोजनाएं और सभी ग्रामीणों को आवास सम्मिलित हैं। उन्‍होंने पेट्रोलियम पदा‍र्थों के मूल्‍यों में गिरावट के चलते भारत को मिलने वाले लाभ पर जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि विश्‍व स्‍तर पर पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्‍यों में गिरावट ने भारत की मदद उस समय की है, जब भारत विश्‍व वित्‍तीय संकट के प्रभाव से उबर रहा है। 

विश्‍व के विकास में विश्‍व बैंक समूह की भूमिका के बारे में बोलते हुए श्री जेटली ने विश्‍व बैंक से अधिक पूंजी आधार, अधिक गतिविधियों और अधिक परियोजनाओं की आवश्‍यकता पर जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि विश्‍व बैंक की भूमिका सामाजिक क्षेत्रों जैसे शिक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य, कृषि विकास, लघु उद्योग और हथकरघा उद्योग आदि में बढ़ायी जा सकती है। 

विश्‍व बैंक के 9 कार्यकारी निदेशकों का एक दल दक्षिण एशिया क्षेत्र के आधिकारिक दौरे के दौरान भारत के छह दिन के भ्रमण पर है। विश्‍व बैंक के कार्यकारी निदेशकों का दल बांग्‍लादेश और श्रीलंका का दौरा भी करेगा। भारत में अपने दौरे के दौरान कार्यकारी निदेशक केन्‍द्र सरकार के वरिष्‍ठ अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और विश्‍व बैंक की आगरा, भुवनेश्‍वर और जयपुर में चल रही विभिन्‍न परियोजना के क्रियान्‍वयन को देखेंगे।