--फौज की मौजूदगी की मुख्ाालफत
श्री नगर: पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में अब इस्लामाबाद के खिलाफ ही
आवाज ही बुलंद होना शुरू
--फायल फोटो |
हो गयी है।पी ओ के यानि पाकिस्तान आकोपाइड कश्मीर में इस
समय पाकिस्तानी सेना और ब्यूरोक्रेसी की मौजूदगी को लेकर बेचैनी है। पाकिस्तान के
शिकंजेवाले कश्मीर के इस भाग में भारी बेरेजगरी और दिशाहीनता के हालात है। यह नहीं
जहां पहले यहां से भारत में विलीन कश्मीर के भाग को आजाद करवाने की आवाजें उठाकरती
थीं वहीं अब पाकिस्तान को मारभगाने की मांग जोर पकडने लगी है।
पी ओ के में, इंसानियत की बात करना सबसे बड़ा गुनाह है। यहां जिंदा रहने
की पहली शर्त है पाकिस्तानी सेना के अत्याचार को सहना, पाकिस्तान सरकार के जुल्मों को
बर्दाश्त करना। यहां दो जून की रोटी और नौकरी मांगने का मतलब है लाठियां खाना, गोलियां खाना। ये सच्चाई
पाकिस्तान ने हमेशा पूरी दुनिया से छिपाकर रखी है लेकिन बीते कुछ महीनों से गुलाम
कश्मीर का सच सामने आ रहा है। ये सच खौफनाक है, दर्दनाक है और इसलिए अब गुलाम
कश्मीर में जोर पकड़ रही है एक मांग कि गुलाम कश्मीर खाली करो पाकिस्तान।
बुधवार को मुजफ्फराबाद में सैकड़ों नौजवान ये आरोप लगाते हुए जमा
हुए कि स्थानीय नौकरी में भी पाकिस्तान के ही युवकों को तरजीह दी जा रही है। लेकिन
पुलिस ने इन नौजवानों के साथ जो किया उसने पूरी दुनिया का ध्यान फिर गुलाम कश्मीर
की ओर खींच दिया है। दरअसल गुलाम कश्मीर में सरकारी नौकरी में, प्राइवेट नौकरी में पहला हक उन
नौजवानों को मिलता है जो पाकिस्तान के रहने वाले हैं। यहां के स्थानीय निवासियों
को भूखों मरने के लिए छोड़ दिया जाता है।
पिछले महीने जम्मू-कश्मीर नेशनल स्टूडेंट फेडरेशन के छात्र
मुजफ्फराबाद में पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के लिए जुटे। ये लोग मांग कर
रहे थे कि गुलाम कश्मीर से पाकिस्तान अपना कब्जा हटाए। पाकिस्तान मुर्दाबाद के
नारों के बीच ये लोग जो तख्तियां लेकर चल रहे थे, उस पर लिखा था- हम कश्मीर बचाने
निकले हैं आओ हमारे साथ चलो। लेकिन पाकिस्तान की पुलिस ने जबरदस्त लाठीचार्ज के
बाद इन सभी को हिरासत में ले लिया।
हिरासत के बाद की तस्वीरें सामने नहीं आई हैं शायद कभी आ भी नहीं
पाएंगी लेकिन आप अंदाजा लगा सकते हैं कि पाकिस्तान की पुलिस ने गुलाम कश्मीर के इन
छात्रों का क्या हाल किया होगा। गुलाम कश्मीर की तस्वीरें पाकिस्तान कभी दुनिया के
सामने नहीं आने देता लेकिन कुछ महीने पहले IBN7 ने दिखाया था कि कैसे
पाकिस्तानी फौज गुलाम कश्मीर के लोगों पर अत्याचार करती रही है।
पाकिस्तानी फौज अत्याचार की दास्तान अब तक तोड मरोड की पेश की जाती
रही है। पाकिस्तान हमेशा ये झूठ बोलता रहा है कि गुलाम कश्मीर में हालात बहुत
अच्छे हैं लेकिन सच्चाई ये थी कि यहां के लोग नर्क जैसी जिंदगी गुजार रहे थे। इसका
पहली बार पता चला था जब 2005 में गुलाम कश्मीर में भूकंप आया। तब दुनिया भर से सामाजिक संगठन
मुजफ्फराबाद और आसपास के इलाकों में गए। तब यहां के लोगो ने अपनी सच्चाई बयान की।
इलाके में तमाम देशों ने ना सिर्फ पाकिस्तानी फौज का अत्याचार देखा
बल्कि ये भी देखा कि कैसे यहां के नौजवानों को आतंकी बनाया जा रहा है। कैसे इस
इलाके को पाकिस्तान ने चीन के पास गिरवी रख दिया है।